Delhi Violence पर भड़के दिग्विजय सिंह, इस्तीफा दें अमित शाह, RSS ने बिगाड़ा दिल्ली और देश का माहौल?
Delhi Violence पर भड़के दिग्विजय सिंह, पूछा - PM चुप क्यों, शाह दें इस्तीफा, सब जानते हैं किसने बिगाड़ा माहौल?
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक और गोवा के बाद देश की राजधानी दिल्ली में धार्मिक शोभायात्रा के दौरान हिंसा ( Delhi Violence ) के बाद से तनाव का माहौल है। इस बीच एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ( Digvijay singh ) देशभर में बिगड़े माहौल को लेकर काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं। खासकर दिल्ली हिंसा के बाद से भड़के दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान मोदी सरकार, गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah )और आरएसएस ( RSS ) पर जमकर अपनी भड़ास निकालते हुए हिंसक घटनाओं के लिए सीधे तौर पर पीएम मोदी ( PM Narendra Modi ) को जिम्मेदार ठहराया है।
पीएम मोदी को बताया जिम्मेदार
दिल्ली हिंसा ( Delhi Violence ) की ताजा घटनाक्रमों को लेकर दिग्विजय सिंह के आक्रोश का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा तक मांग लिया है। उन्होंने एबीपी संवाददाता से बातचीत में कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में इन घटनाओं को इंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने पीएम मोदी से पूछा है, हिंसक घटनाओं और तनाव के बावजूद वो चुप क्यों हैं? क्या उनकी जिम्मेदारी नहीं है, कि वो कुछ करें।
बिना इजाजत जुलूस क्यों निकालने दिया गया
उन्होंने स्थिति को नहीं संभाल पाने के लिए जमकर कोसा है। उन्होंने कहा कि बिना इजाजत जुलूस निकालने क्यों दिया गया? साथ ही उनका इस्तीफा मांग लिया है। उन्होंने कहा कि वो इस्तीफ क्यों नहीं दे देते। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जो भी हिंसक घटनाएं हुई हैं, वो सब एक ही पैटर्न पर आधारित हैं।
उन्माद के पीछे आरएसएस का हाथ, केजरीवाल बी टीम
आरएसएस ( RSS ) उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है। इसके पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक का हाथ है। आरएसएस ने देश का माहौल बिगाड़ा है। इसके अलावा उन्होंने ( Digvijay Singh ) दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ( CM Arvind Kejriwal ) की आम आदमी पार्टी ( AAP ) को भाजपा ( BJP ) का बी टीम करार दिया है।
Delhi Violence : बता दें कि 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर शोभायात्रा के दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसक घटनाएं हुई थीं। इस घटना में नौ लोग घायल हुए थे। इनमें आठ दिल्ली पुलिस के जवान शामिल हैं। अभी तक इस मामले में 25 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। कुल चार एफआईआर दर्ज हुई हैं।