कोर्ट ने ताहिर हुसैन के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को 10 नवंबर तक किया स्थगित, दिल्ली दंगों का है आरोप
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर किए गए धन शोधन मामले को 10 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
अदालत ने शनिवार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हुसैन के खिलाफ ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए फंडिंग में उनकी कथित भूमिका और दिल्ली में हुए दंगों के मामलों पर उन्हें 19 अक्टूबर को तलब किया गया था।
एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने हुसैन को अदालत में पेश होने के बाद मामले को स्थगित कर दिया। मामले में अगला चरण आरोपी के खिलाफ प्रारंभिक सबूतों के मद्देनजर आरोप तय करना है। अदालत ने आरोपपत्र की प्रति अपने काउंसिल को भी सौंपने का भी निर्देश दिया।
एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराध पर संज्ञान लेते हुए कहा, "ताहिर हुसैन के खिलाफ प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं।"
मामले के सिलसिले में आरोपी को 31 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और वह अभी न्यायिक हिरासत में है। जांच एजेंसी ने अदालत को सूचित किया था कि आगे की जांच जारी है और बाद में एक सप्लीमेंट्री शिकायत दर्ज की जा सकती है।
जांच एजेंसी हुसैन और उनके कथित साथी अमित गुप्ता के खिलाफ सीएए विरोध प्रदर्शन और उसके बाद दिल्ली हिंसा को बढ़ाने के लिए डमी कंपनियों का उपयोग करके 1.10 करोड़ रुपयों की हेराफेरी करने को लेकर जांच कर रही है।
इसके अलावा हुसैन हिंसा भड़काने के लिए 'साजिश' से संबंधित मामले में मुख्य अभियुक्त भी बनाए गए हैं।