Dhirendra Shastri expose : चमत्कार दिखाने वाले जोशीमठ की धंसती धरती को रोककर दिखाएं, शंकराचार्य का धीरेंद्र शास्त्री की ठगी पर बड़ा हमला
Dhirendra Shastri expose : चमत्कार दिखाने वाले जोशीमठ की धंसती धरती को रोककर दिखाएं, शंकराचार्य का धीरेंद्र शास्त्री की ठगी पर बड़ा हमला
Bageshwar Dham Expose : "दिव्य दरबार के नाम पर अंधविश्वास फैलाने वाले उत्तराखंड में धंस रहे जोशीमठ की धरती को धंसने से रोकें तो चमत्कार मानकर हम भी ऐसे लोगों को नमस्कार करेंगे", यह हमला बागेश्वर महाराज धीरेंद्र शास्त्री को लेकर जारी विवाद में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने करते हुए कहा कि उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना ने सरकार से लेकर संत-महंतों तक को चिंता में डाल दिया है। इस प्राकृतिक आपदा के आगे सभी पूरी तरह लाचार दिख रहे हैं।
उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को खुली चुनौती देते हुए कहा कि वह जोशीमठ आएं और यहां धंसती जमीन और दरकते मकानों को रोक कर दिखाएं। यदि वह ऐसा कर पाते हैं तो वह भी उनके चमत्कार पर विश्वास कर लेंगे। शंकराचार्य ने कहा कि इस चमत्कार पर हम उनकी जय जयकार करेंगे, नमस्कार करेंगे। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यह बयान छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में आयोजित धर्मसभा में दिया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस संबंध में मीडिया से भी बात की।
शंकराचार्य ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र में किसी का भविष्य बताया जाता है, लेकिन यह फलादेश होता है। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी कहा जा रहा है और वह ज्योतिष शास्त्र की कसौटी पर खरा है तो वह उसे मान्यता देते हैं। कहा कि यदि वह कोई चमत्कार जनता के लिए करते हों तो उनकी जय-जयकार है। उन्होंने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री रायपुर में हैं और हम बिलासपुर में। कोई संत मनमाना बयान नहीं दे सकता। मैं खुद भी ऐसा नहीं कर सकता। उन्होंने बागेश्वर महाराज को चुनौती देते हुए कहा कि आपके पास अलौकिक शक्तियां हैं तो धर्मांतरण रोकिए, घरों के झगड़ों सुलझाएं, लोगों में सुमति लाएं। उन्होंने कहा कि यदि वह अपने चमत्कार से आत्महत्या रोक दें और समाज में शांति स्थापित करें तो हम चमत्कार मानेंगे।
शंकराचार्य ने कहा कि अभी जोशीमठ में जमीन धंस रही है। मकानों में दरारें आ रही हैं। उनका मठ में भी दरारें आ गई हैं। धीरेंद्र शास्त्री को चाहिए कि कुछ चमत्कार इधर भी दिखाएं। उन्होंने कहा कि जो चमत्कार हो रहे हैं, वह अगर जनता के लिए हों तो वह जय-जयकार करेंगे। यदि ऐसा नहीं है तो वह इसे छलावा ही कह सकते हैं।