Exclusive : मियां-बीबी के झगड़े में चौकी इंचार्ज ने युवक के प्राइवेट पार्ट में जलनशील पाउडर डालकर पीटा, विरोधी पक्ष से ली 20 हजार घूस
कानपुर के थाना बाबूपुरवा पुलिस की ज्यादती झेलने वाला सारिक हाथ जोड़कर न्याय की गुहार लगाता हुआ। सभी फोटो - janjwar media
मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार, कानपुर। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 आने वाले हैं। धर्म परिवर्तन और हिंदू-मुस्लिम का बाजा बजना शुरू हो गया है। धर्म को लेकर पुलिस व खूफिया विभाग नई-नई खोजें कर रही है। वहीं दूसरी तरफ कानपुर के बाबूपुरवा कोतवाली क्षेत्र के मुंशिपुरवा में पुलिस की मिलीभगत से एक मुसलमान व उसके परिवार की जिंदगी जहन्नुम में बदल कर रख दी गई है।
थाना बाबूपुरवा स्थित मुंशीपुरवा निवासी सारिक खां उर्फ राजा पुत्र मोहम्मद शफीक को बाबूपुरवा पुलिस ने 19 जून 2021 को थाने बुलवाया था। सारिक खां अपने वालिद मोहम्मद शफीक सहित थाने पहुँचे तो वहां पहुँचते ही दोनो के फोन छीन लिए गए। आरोप है कि वहां बैठे चौकी इंचार्ज बाबूपुरवा भूपेंद्र कुमार यादव ने दोनो के फोन छीनकर हवालात में डाल दिया।
दरअसल सारिक खां का निकाह पनकी निवासी सुमैरा से 25 मार्च 2017 को हुआ था। सारिक के मुताबिक शादी के 5 माह बाद ही सुमैरा ने झगड़ना शुरू कर दिया था। बात इतनी बढ़ी की सुमैरा ने अपने परिजनो के कहने पर सारिक व उसके परिवार पर 29 अक्टूबर 2018 को मुकदमा संख्या 507/2018 के तहत 498-A/323/506/ सहित 3/4 की धाराओं में एफआईआर लिखवा दी थी। इस मुकदमे के बाद सारिक व सुमैरा अलग-अलग रहने लगे।
तकरीबन 4 महीने अलग रहने के बाद कुछ सामाजिक सभ्रांत लोगों के बीच में पड़ने के बाद 5 फरवरी 2019 को सारिक और सुमैरा के बीच सुलहनामा हो गया, जिसके बाद सुमैरा फिर से सारिक के घर रहने लगी। कुछ दिन बाद ही सुमैरा और सारिक का फिर से झगड़ा होने लगा। इस बार इसकी वजह दो अन्य लोग अमित गोस्वामी व सोबू साहू बने। सोबू और अमित सारिक का रिश्ते में साढ़ू लगते हैं।
सारिक का आरोप है कि उसकी पत्नी सुमैरा उसके साढ़ू के यहां रह रही है। इन लोगों ने चौकी इंचार्ज बाबूपुरवा मनोज कुमार यादव को 20 हजार रूपये की रकम देकर सारिक की पिटाई करवाई है। ऐसा सारिक का आरोप है। चौकी इंचार्ज का 20 हजार रूपये लेने का स्क्रीनशॉट जनज्वार के पास भी है, जो उपर देखा जा सकता है। इस इमेज में सारिक को अश्लील गाली-गलौच देते हुए धमकी सहित चौकी इंचार्ज को रूपये देने की बात के साथ यह भी कहा जा रहा है कि 'कटुए ये भाजपा की सरकार है, तुम कटुओं कुछ नहीं नोच पाओगे।'
सारिक जनज्वार से बात करते हुए कहता है कि वह जब थाने गया तो चौकी इंचार्ज भूपेंद्र कुमार यादव ने उसकी बेतहासा पिटाई की और कहा कि 'कटुओं तुम सब कभी नहीं सुधरोगे।' सारिक का आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने उसकी गुदा-द्वार में पता नहीं क्या चीज डालकर पीटा है कि आज दो दिन बाद भी उसे शौच करने में तकलीफ हो रही है। मारे जाने का कारण पूछे जाने पर सारिक कहता है कि, 'चौकी इंचार्ज का कहना था कि उसने उपनी पत्नी को वैश्या बताकर सोशल मीडिया में उसकी फोटो पोस्ट की है।'
पैंट उतारकर पिछवाड़ा दिखाता हुआ सारिक कहता है, देखो भाई साहब, क्या कर दिया? सारिक कुछ मैसेज के स्क्रीनशॉट दिखाकर कहता है कि 'देखिए ये किसने सुमैरा को वैश्या बताकर फेसबुक पर पोस्ट किया है।' हमने जब देखा तो पाया कि यह पोस्ट किसी अमित गोस्वामी जो कि सारिक का साढ़ू है, उसके अकाउंट से की गई थी। इस पोस्ट में कुछ महिलाओं की फोटो पड़ी थी, जिसमें लिखा था "रेट 500 रूपये-एक रात का।" सारिक ने बताया कि इनमें से पहली फोटो उसकी बीबी सुमैरा की है।'
सारिक के मुताबिक अमित गोस्वामी शाहनवाज खान है। यह अमित गोस्वामी के नाम से फर्जी एकाउंट बनाकर उल्टे-सीधे काम करता है। और दूसरा साढ़ू जो सोबू है उसने भी एक हिंदू नाम से अकाउंट बना रखा है। इन्ही दोनो अकाउंटों से सारिक को कभी इंटरनेट कॉल तो कभी इंटरनेट मैसेज भेजकर परेशान किया जाता था। लेकिन इस बीच परेशान करने की हद पार हो गई तब उसने स्क्रीनशॉट लेकर सबूत इकट्ठा करने शुरू कर दिए थे।
आरोप है कि चौकी इंचार्ज भूपेंद्र कुमार यादव ने उसको फर्जी अकाउंट पोस्ट के मामले में उठाकर बुरी तरह पीटा था, जिसके बाद उसका धारा 151 सीआरपीसी के तहत चालान काटा गया था। कल ही वह अदालत से जमानत करवाकर वापस आया है। अदालत से छूटने के बाद भी चोकी इंचार्ज लगातार धमका रहे हैं। वह उसे किसी से भी शिकायत करने की बात पर बुरा अंजाम भुगतने की बात कर रहे हैं।
सारिक जनज्वार को बताता है कि 'उसके एक जानकार ने किसी पत्रकार को उसके पास भेजा था। जिसने उसकी वीडियो बनाकर किसी यू-ट्यूब पर चलाई थी। यह बात चौकी इंचार्ज मनोज यादव को पता चल गई जिसके बाद वह उसे परेशान कर रहे हैं और धमकी भी दे रहे हैं। हम लोग बहुत डरे हुए हैं। घर के बाहर तक निकलने में डर लगता है कि पता नहीं कब पुलिस उठा ना ले जाए।'
हमारे चलते समय सारिक के वालिद हाथ जोड़ लेते हैं। कहते हैं, 'हम लोग बहुत डरे हुए हैं। घर के बाहर तक निकलने में डर लग रहा है। पुलिस सारिक के साथ मुझे भी ले गई थी। वहां दवा ना होने से तबियत अचानक बिगड़ी तो पुलिस को बताया गया कि वह हार्ट पेशेंच हैं तब जाकर पुलिस ने उन्हें छोड़ा था। पुलिस ने हम बाप-बेटे दोनो के मोबाईल जब्त कर लिए थे, बाद में सिर्फ मेरा मोबाईल वापस किया और थाने से भगा दिया था। हम लोग न्याय के लिए भटक रहे लेकिन समझ नहीं आ रहा कहां जाएं?'
सारिक का कहना है कि 'चौकी इंचार्ज भूपेंद्र कुमार यादव ने अभी तक मेरा मोबाईल वापस नहीं किया है। पता नहीं उसे लेकर क्या गणित निकाल रहे हैं। अगर ऐसे में मुझे या मेरे परिवार को कुछ भी होता है तो उसके जिम्मेदार बाबूपुरवा पुलिस, चौकी इंचार्ज मनोज कुमार यादव तथा सिपाही सौरभ तिवारी जो सुमैरा के भेजे गए गुण्डों के साथ आये थे जिम्मेदार होंगे। सारिक कहता है, बताइये कितनी अंधेर है कि न्याय देने वाले ही अन्याय कर रहे तो आदमी अब न्याय के लिए जाए तो किसके पास?'
इस मामले में हमने चौकी इंचार्ज बाबूपुरवा भूपेंद्र कुमार यादव का पक्ष जानने के लिए फोन किया। लगभग तीन बार फोन करने बाद भी फोन नहीं उठा। खबर लगाने से पहले एक बार हमने फिर चौकी इंचार्ज से बात की। दूसरी बार में उन्होने फोन उठाया। भूपेंद्र कुमार यादव ने जनज्वार संवाददाता से बताया कि 'उनपर पूरी तरह से झूठा आरोप लगाया गया है। हमने बताया कि बातचीत की जो चैट है उसके हमारे पास स्क्रीनशॉट हैं, जिसपर चौकी इंचार्ज ने बताया कि यह तो कोई भी बना सकता है। सब फर्जी आरोप हैं इतना कहकर साहब ने फोन काट दिया।'