फेसबुक अधिकारी अंखी दास ने मुस्लिमों से अपने पोस्ट के लिए माफी मांगी
जनज्वार। सोशल मीडिया साइट फेसबुक की भारत की कार्यपालक अधिकारी अंखी दास ने कंपनी के मुस्लिम कर्मियों से अपने पोस्ट के लिए क्षमा मांगी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने अपने उस फेसबुक पोस्ट के लिए एक आंतरिक पत्र भेज कर माफी मांग ली है, जिसमें मुस्लिमों को वैसे समुुदाय का बताया गया था, जिस समुदाय के लिए धर्म की शुद्धता और शरिया को लागू कराना प्रमुख लक्ष्य होता है।
वह पोस्ट एक पूर्व पुलिस अधिकारी द्वारा सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान लिखा गया था और दास ने 2019 में उसे अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि दास ने कंपनी के कर्मियों को लिखे अपने आंतरिक मैसेज में कहा है 'मेरे व्यक्तिगत फेसबुक पोस्ट में मेरी भावना इस्लाम को बदनाम करने की नहीं थी.. मैं नारीवाद और जन भावनाओं का सम्मान करती हूं। इस पोस्ट को लेकर पिछले दिनों में जितने विचार आए, मैंने उन सभी को देखा और परिणामस्वरूप उस पोस्ट को डिलीट कर दिया।'
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि दास के इस सन्देश पर कंपनी के कई कर्मियीं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक ने लिखा 'एक कंपनी के रूप में हमें अपने प्लेटफार्म पर मुसलमानों के विरुद्ध हेट स्पीच और इस्लामोफोबिया को लेकर इमानदार प्रतिबिंब दिखाना चाहिए। ऐसे समय में जब टी राजा जैसे जनप्रतिनिधि मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच और हिंसा को बढ़ावा देने वाली बातें कहते हैं, हमें इन्हें रोकने के लिए ज्यादा कोशिश करनी होगी।'
फेसबुक और उनके दक्षिण मध्य एशिया तथा भारत की नीति निदेशक अंखि दास को तब आलोचनाएं झेलनी पड़ीं थीं, जब वाल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उन्होंने टी राजा सिंह सहित कुछ हिंदू राष्ट्रवादी लोगों के उन पोस्ट पर हेट स्पीच नियम नियम लगाने का विरोध किया था, जिनमें मुस्लिमों को देशद्रोही कहा गया था।
इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि दास ने कथित तौर पर कंपनी के कर्मियों से कहा था कि भारत के सत्तारूढ़ दल के करीबी राजनेताओं पर हेट स्पीच रूल लगाने से कंपनी के व्यावसायिक हित प्रभावित हो सकते हैं।
आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव कमिटी ने पाया है कि फेसबुक सामग्री निष्पक्ष प्लेटफार्म नहीं है और निर्णय लिया गया है कि अंखि दास सहित फेसबुक के वरीय अधिकारियों को सम्मन भेजा जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि कमिटी इन आरोपों की भी जांच करेगी कि दिल्ली और अन्य स्थानों पर हुई हिंसा के दौरान फेसबुक की क्या भूमिका थी।
फेसबुक के भारत में प्रमुख अजित मोहन ने कहा 'कंटेंट को लेकर जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे समूह के द्वारा नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के द्वारा लगाए गए हैं। हमारी पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और संतुलित होती है।