कौन है इंस्पेक्टर अरुमुगम जिसे सोशल मीडिया पर गिरफ्तार करने की उठ रही मांग, पुलिस कस्टडी में फिर मौत का मामला
जनज्वार। तमिलनाडु के इंस्पेक्टर अरुमुगम की गिरफ्तारी की मांग सोशल मीडिया पर शनिवार को तेज हो गई। ट्विटर पर अरेस्ट इंस्पेक्टर अरुमुगम और जस्टिस फोर सेल्वम किल्ड इस ज्यूडिशियल कस्टडी ट्रेंड करने लगा।
सेल्वम की तमिलनाडु में हाल में पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी और इसका आरोप इंस्पेक्टर अरुमुगम पर लगा। तमिलनाडु के कुड्डालोर में कदमपुलियार के रहने वाले गडामबियार सेल्वम की गुरुवार को पुलिस थाने में मौत हो गई। उन्हें 28 अक्टूबर को चोरी के एक केस में नीवेली टाउनशिप पुलिस ने गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें विरुधाचलम सब जेल में भेज दिया गया था।
For what reasons you have taken to the hotel Mr.Arumugam.?
— R.சுரேஷ் ஜினுஎலுமிச்சை (@deepsuresh1782) November 7, 2020
Plz answer to us..#Arrest_Inspector_Arumugam#JusticeforSelvam_killed_in_JudicialCustody pic.twitter.com/AJ8QARD0zA
जेल से बाद में उन्हें इलाज के लिए विरुधाचलम गवर्नमेंट हाॅस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहीं, उनकी पत्नी प्रभा ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बेहद क्रूरता पूर्वक जेल के अंदर पीटा। प्रभा ने इस मामले में एसपी एम श्री अभिनव को पत्र लिखा और आरोप लगाया कि उनके पति सेल्वम एक काजू किसान थे और वे बिजनेस के कुछ काम से वडालूर गए थे और पुलिस ने उन्हें झूठे आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
Still the Government has not taken any proper action . This shows the bad law enforcement @CMOTamilNadu #Arrest_Inspector_Arumugam #JusticeforSelvam_killed_in_JudicialCustody pic.twitter.com/qbnLQ6dioo
— V S Sarathy Kumar (@VSSarathyKumar) November 7, 2020
प्रभा ने अपने शिकायत पत्र में कहा है कि वे अगले दिन 29 अक्टूबर को नीवेली पुलिस थाना गईं थीं, तो पुलिस वालों ने कहा कि अगर वे उन्हें सोने का चेन दे देंगे तो वह केस वापस ले लेंगे। प्रभा के अनुसार, जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो उन्हें व उनके बच्चों को गालियां दी गईं। साथ ही उनका फोटोग्राफ ले लिया गया और सादे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया गया।
बहरहाल, इस मौत के बाद इंस्पेक्टर अरुमुगम की गिरफ्तारी की मांग उठ रही है और तमिलनाडु में राजनीतिक कार्यकर्ता, आम लोग उसकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
नेशनल कैंपन अगेंस्ट टार्चर की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में 1700 लोगों की मौत पुलिस हिरासत में हुई। यानी औसत हर दिन देश में पांच लोगों की मौत पुलिस कस्टडी में हो जाती है।