NIA नहीं पहुंचे बलदेव सिंह सिरसा, किसान संगठन बोले हमारा कोई भी नेता-कार्यकर्ता नहीं होगा पेश
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा सितंबर 2020 में पारित हुए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। आंदोलन को 54 दिन हो चुके हैं। इस बीच किसान संगठनों ने ऐला किया है कि उनसे जुड़ा कोई भी नेता या कार्यकर्ता राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआईए के समक्ष पेश नहीं होगा। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा भी एनआईए मुख्यालय में पेश नहीं हुए। बलदेव सिंह सिरसा ने कहा, मैं कभी भी एनआईए के सामने नहीं जाऊंगा।
वहीं दूसरी ओर एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हमने आज दो और लोगों को बुलाया था, इनमें से एक का बयान दर्ज किया गया है। इसके अलावा सोमवार को तेजिंदर सिंह और विनर सिंह को एनआईए मुक्यालय बुलाया गया है।
एजेंसी सिरसा को दोबारा नोटिस भेज रही है। एजेंसी ने सिख्स फॉर जस्टिस जैसे देशविरोधी संगठनों से धन लेने के मामले में सिरसा सहित पचास से ज्यादा लोगों को समन जारी किया है। उधर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, उम्मीद है, किसान बताएंगे कि कानून वापसी के अलावा क्या विकल्प हो सकते हैं।
उधर ऑल इंडिया किसान सभा के नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से कृषि कानूनों पर दोबारा समिति बनाने की मांग से मैं खुद को अलग करता हूं। न हम कोर्ट गए थे और न सलाह दे रहे हैं।
वहीं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले किसान संगठनों ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च दिल्ली के आउटर रिंग पर ही निकाला जाएगा। यह शांतिपूर्ण होगा। सभी ट्रैक्टरों पर देश का झंडा तिरंगा लगा होगा क्योंकि किसान भी गणतंत्र दिवस मनाएंगे। किसान आंदोलन से जुड़े योगेंद्र यादव ने मीडिया को यह जानकारी दी।