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राष्ट्रीय

Gorakhpur Case : 4 साल के बेटे ने पापा को पूछा तो मां बोली इसे क्या जवाब दूं, हमारी रक्षा करने वाली पुलिस ने उसके पापा को मार दिया?

Janjwar Desk
29 Sep 2021 10:32 AM GMT
gorakhpur murder case
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(पुलिस की पिटाइ से मरे(पत्नी का आरोप) मनीष गुप्ता पत्नी मिनाक्षी व पुत्र)

Gorakhpur Case : उस वक्त हर वो आंख गीली हुए बिना ना रह सकी जो यह सीन देख रही थी। मां बार-बार खुद रोते हुए 'पापा-पापा' कह रहे बच्चे के सामने आज असहाय नजर आ रही थी...

Gorakhpur Murder Case (जनज्वार) : कानपुर से चलकर दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने गये व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड में उस वक्त लोगों की आंखें भीग गईं जब मृतक की पत्नी बच्चे को गोद में लेकर बिलखकर रोने लगी। उस वक्त हर वो आंख गीली हुए बिना ना रह सकी जो यह सीन देख रही थी। मां बार-बार खुद रोते हुए 'पापा-पापा' कह रहे बच्चे के सामने आज असहाय नजर आ रही थी।

चार साल का मासूम अभिराज (Abhiraj Gupta) मां की गोद में सब कुछ अपलक देख रहा था। इस भीड़ में उसकी आंखें सिर्फ अपने पिता को खोज रही थीं। (Gorakhpur Murder Case) मां मीनाक्षी रोते हुए यही कह रही थी कि, बेटे को क्या जवाब दूं, उसके पिता के बार में उसे क्या बताउं? उसे क्या बताउं की लोगों की रक्षा के लिए बनी पुलिस ने ही उसके पिता की जान ले ली

पति की डेड बॉडी पर बिलखती पत्नी व अन्य परिजन

मीनाक्षी के इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं था लेकिन यह सब जिसने भी सुना उसका कलेजा पसीज गया। मौके पर मौजूद हर सख्श पुलिस पर सवाल उठाता दिखा। मृतक मनीष गुप्ता (Manish Gupta) की पत्नी का कहना है कि पुलिस ने उनके बेगुनाह पति को बेरहमी से पीटकर मार डाला। मिनाक्षी ने कहा कि शव देखने से ही पता चल रहा था कि, पुलिस ने किस बेरहमी से मारा है।

यह था पूरा मामला

कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता सोमवार अपने दो दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने गये थे। वहां होटल के कमरे में रात साढ़े 12 बजे अचानक घुसी पुलिस ने, मनीष गुप्ता, दोस्त प्रदीप कुमार व हरदीप से पहचान पत्र (Identity Card) दिखाने के लिए मांगा गया। जिसपर मनीष ने कहा, 'हम कोई आतंकवादी थोड़े हैं जो आप लोग सोते हुए आदमी को उठाकर परेशान कर रहे।' बस इतना सुनते ही यूपी की तानाशाह पुलिस आगबबूला हो गई। उन्होने मनीष को बेरहमी से पीटा। विरोध पर दोस्तों से भी मारपीट की गई।

आरोप है कि इस मारपीट में मनीष को गंभीर चोटें आई। अस्पताल ले जाने पर उनकी हालत नाजुक बताई गई। जिसके बाद एंबुलेंस बुलाकर मनीष को अकेले ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। यहां तकरीबन ढाई बजे डॉक्टरों ने युवक को मृत (Gorakhpur Murder Case) घोषित कर दिया। गोरखपुर पहुँची पत्नी और परिजनो ने दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग की थी।

गोरखपुर के बाद कानपुर पुलिस भी कर रही लीपापोती

मृतक के घर पर कमिश्नर असीम अरूण व सम्राट विकास

आरोपों के अनुसार पुलिस की पिटाई से मरे मनीष गुप्ता की डेड बॉडी उनके कानपुर स्थित आवास पर आ गई है। कानपुर कमिश्नर असीम अरूण (Aseem Arun) सहित डीसीपी साउथ रवीना त्यागी सहित तमाम अधिकारी मौके पर पहुँचे। पुलिस ने इस दौरान मृतक की पत्नी मिनाक्षी को ढ़ांढस बंधाने का प्रयास किया। लेकिन वह किसी तरह की कार्रवाई करने का आश्वासन तक देने से साफ तौर पर बचती नजर आई।

50 लाख रूपये और नौकरी की मांग

मृतक मनीष गुप्ता के घर कई स्थानीय लोगों का जमावड़ा लगा रहा। समाजवादी पार्टी से पूर्व विधायक प्रत्याशी सम्राट विकास यादव (Samrat Vikas Yadav) ने कहा कि, बर्रा निवासी निर्दोष मनीष गुप्ता को गोरखपुर पुलिस द्वारा हत्या कर दी गयी। पहले गोरखपुर का और अब कानपुर का प्रशासन लीपा पोती में लगा है। परिवार के मदद के नाम पर प्रशासन व विधायक की तरफ से मात्र आश्वासन दिया जा रहा है। हम पीड़ित परिवार को पूर्व की घटनाओं और सरकार द्वारा दिये गये मुआवजे के अनुसार 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद और पत्नी को नौकरी दिए जाने की मांग करते हैं।

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