Rajya Sabha Elections : हरियाणा कांग्रेस को जिस हुड्डा-बिश्नोई के दम पर जीतनी है विधानसभा, उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में एक-दूसरे को कहा 'भाजपाई'
Rajya Sabha Elections : हरियाणा में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होेना है। विधायकों के समीकरण के हिसाब दो में एक पर भाजपा की जीत तय है। राज्यसभा चुनाव ( Rajya Sabha Election ) जीतने वाले प्रत्याशी को 31 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। कांग्रेस ( Congress ) के पास 31 विधायक हैं, लेकिन क्रॉस वोटिंग ने अजय माकन की जीत को मुश्किल बना दिया है। कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ( Kudeep Bishnoi ) और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ( Bhupendra Singh Hooda ) एक-दूसरे के खिलाफ खड़ें हैं। हाल ही में सीएम खट्टर से मुलाकात कर बिश्नोई ने साफ संकेत दे दिया है कि वो पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में वोट नहीं करेंगे।
ऐसे में हरियाणा ( Haryana News ) में कांग्रेस ( Congress ) के लिए एक सीट पर राज्यसभा चुनाव ( Rajya Sabha Election ) जीतने से ज्यादा अहम सवाल यह हो गया है कि पार्टी नेताओं के बीच मतभेद नहीं सुलझे तो राहुल गांधी का सपना कैसे साकार होगा? कैसे कांग्रेस को मजबूती मिलेगी, ताकि कांग्रेस भाजपा को टक्कर दे सके।
अंतरात्मा की आवाज पर हुड्डा-बिश्नोई में रार
आदमपुर से कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने पार्टी से नाराजगी पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि राज्यसभा चुनाव ( Rajya Sabha Election ) में वोट अपनी अंतरात्मा की आवाज से डालेंगे। इसके बाद भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि अगर किसी की अंतरात्मा पार्टी में नहीं है तो उसे कांग्रेस में रहने का कोई अधिकार नहीं। ऐसे लोगों को कांग्रेस छोड़ देना चाहिए। उनके इस बयान पर कुलदीप बिश्नोई ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जिन पर स्याही कांड के दाग हों, जी-23 बनाकर कांग्रेस को तोड़ने का काम करने वाले मुझे नसीहत न दें। ऐसे में हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में रार खत्म होने के बजाय बढ़ती जा रही है।
स्थानीय बनाम बाहरी
हरियाणा राज्यसभा चुनाव में भाजपा समर्थित कार्तिकेय शर्मा ने स्थानीय बनाम बाहरी या धरतीपुत्र का मुद्दा उछाल दिया है। तब से कांग्रेस के अजय माकन का बाहरी प्रत्याशी होने का मुद्दा गरमाया हुआ है। निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा और उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा इसे भुनाने की तैयारी में हैं। कार्तिकेय शर्मा इस मुद्दे को तूल दे रहे हैं। कार्तिकेय पहली बार ही चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उनका अपना कोई राजनीतिक इतिहास नहीं है, वह पारिवारिक बिजनेस ही देखते आ रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा का बाहरी का दांव माकन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। माकन का हरियाणा से कोई नाता नहीं है। वह दिल्ली की राजनीति में रहे हैं। दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके और आजकल पार्टी के राजस्थान मामलों के प्रभारी हैं। ऐसे में बाहरी बनाम धरतीपुत्र का मुद्दा उछलने पर चुनाव दिलचस्प हो गया है।
कांग्रेस को भारी पड़ने वाली है बिश्नोई की उपेक्षा
कांग्रेस में इन अटकलों की वजह इसलिए भी है क्योंकि कुछ दिन पहले ही हरियाणा कांग्रेस में फेरबदल हुआ है लेकिन कुलदीप बिश्नोई को हुड्डा ने तवज्जा नहीं दी है। इसके बाद से ही कुलदीप बिश्नोई नाराज चल रहे हैं। सीएम खट्टर से हुई मुलाकात पर बिश्नोई ने कहा है कि वो आदमपुर ग्राम पंचायत की बहाली को लेकर मुख्यमंत्री से मिले हैं, जिस पर उन्होंने उनकी बात मानते हुए सीएम खट्टर ने निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसलिए, वो अपनी अंतरात्मा की अवाज पर वोट करेंगे।
हरियाणा में ये है सियासी गणित
हरियाणा में कुल 90 विधायक हैं। हरियाणा में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए चुनाव होने हैं। इस हिसाब से एक सीट के लिए 31 वोटों की जरूरत होगी। कांग्रेस ने यहां से अजय माकन को टिकट दिया है। भाजपा ने कृष्णलाल पंवार को प्रत्याशी बनाया है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर हरियाणा की राजनीति को दिलचस्प बना दिया है। हरियाणा में राज्यसभा सीट जीतने के लिए कांग्रेस के पास खुद के 31 विधायक हैं, लेकिन पार्टी में आंतरिक गुटबाजी की वजह से सभी विधायक माकन को समर्थन देंगे या नहीं इस पर सस्पेंस बना हुआ है।
दूसरी तरफ कार्तिकेय शर्मा के पास भाजपा, जेजेपी, निर्दलीय और गोपाल कांडा का समर्थन हासिल है। हालांकि, यह सभी मिलकर 31 तक नहीं पहुंचते हैं और गिनती में 28 ही बनते हैं, लेकिन कांग्रेस में जिस तरीके से पार्टी के अंदर ही कई नेताओं में नाराजगी चल रही है, उसे देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि कार्तिकेय उलटफेर कर सकते हैं। कार्तिकेय के ससुर कुलदीप शर्मा हरियाणा कांग्रेस पार्टी से विधायक हैं।
कांग्रेस को है स्याही कांड रिपीट का डर
Rajya Sabha Election : कांग्रेस के नेताओं को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं 2016 की तरह इस बार भी पेनकांड न हो जाए। कोई विधायक अपना वोट रद्द न करवा ले। बता दें, 2016 के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायकों के पेन की स्याही बदलने की वजह से 16 वोट निरस्त हो गए थे। स्याही कांड में भूपेंद्र हुड्डा की मिलभगत का मामला उछला था।
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