Adani Mundra Port, Gujarat। अडानी मुंद्रा पोर्ट से हेरोइन बरामदगी पर RJD का गोदी मीडिया पर हमला, कहा- गुजराती अब्बाजान के गुस्से का सता रहा डर
(तेजस्वी यादव सहित छह के खिलाफ FIR का आदेश कोर्ट द्वारा दिया गया है) File pic.
जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट
Adani Mundra Port, Gujarat। अडानी के मुंद्रा पोर्ट से 3 हजार किलो हेरोइन बरामदगी के मामले में सत्ताधारी दलों की चुप्पी पर सवाल खडा करते हुए आरजेडी ने जोरदार हमला बोला है। फिल्म अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के पास से गांजा बरामदगी पर हल्ला मचानेवाली मीडिया को कोसते हुए कहा है कि अब ये क्यों नहीं बोल रहे हैं। इन्हें शायद गुजराती अब्बाजान के गुस्से में आ जाने का डर सता रहा है। उधर हाल यह है कि देशभर में शराबबंदी की वकालत करने व नशाखोरी के खिलाफ कठोर कानून बनाने की मांग करनवाले बिहार के सीएम नीतीश कुमार इस सवाल पर चुप्पी थामे हुए हैं।
राजस्व खुफिया निदेशालय ने गुजरात के कच्छ जिले के मुंद्रा बंदरगाह पर से तीन हजार किलो हेरोइन बरामद की थी। यह पोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी करीब माने जानेवाले अडानी का है। इसके बाद से ही पूरे रैकेट के पर्दाफाश को लेकर खुफिया तंत्र के मुताबिक अभियान जारी है।हालांकि खास बात यह है कि ऐसे नशीले पदार्थ मिलने पर संबंधित स्थान के स्वामी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाती है। लेकिन इस मामले में नियमं संगत कार्रवाई न कर टालमटोल के आरोप शुरू से ही लगने लगे हैं। इस बीच राष्टीय जनता दल के अधिकारिक ट्विटर के माध्यम से की गई प्रतिक्रिया की चर्चा जोरों पर है। ट्वीट किए गए शब्दों को लेकर भले ही कुछ लोगों को आपति हो सकती है।लेकिन उठाए गए सवाल तो सत्ताधारी दल भाजपा के लिए विशेषकर चुभनेवाली है।
आरजेडी ने ट्वीट कर कहा है कि रिया चक्रवर्ती के पास 60 ग्राम गांजा चिलम वाले गोदी मीडिया के दलाल चैनलों को 9000 करोड की 3000 किलो हेरोइन नहीं दिखी। क्योंकि इसके खिलाफ खबर दिखाएँगे तो इनके गुजराती अब्बा जान गुस्सा हो जाएँगे। कब तक ये गुजराती लुटेरे नागरिकों को मूर्ख बना देश को लूटते और लूटाते रहेंगे? ट्वीट को लेकर इसका आशय निकालनेवालों का कहना है कि आरजेडी का यह हमला सीधे गोदी मीडिया सहित प्रधानमंत्री व केंद्रीय गृह मंत्री पर है।
रिया चक्रवर्ती के पास 60 ग्राम गांजा चिलम वाले गोदी मीडिया के दलाल चैनलों को 9000 करोड़ की 3000 किलो हेरोइन नहीं दिखी। क्योंकि इसके ख़िलाफ खबर दिखाएँगे तो इनके गुजराती अब्बा जान ग़ुस्सा हो जाएँगे।
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) September 21, 2021
कब तक ये गुजराती लुटेरे नागरिकों को मूर्ख बना देश को लूटते और लूटाते रहेंगे? pic.twitter.com/QUxBIBIrIL
बिहार की राजधानी पटना में राष्ट्रीय जनता दल का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर चल रहा था। इसमें राज्यभर से पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता व पदाधिकारी हिस्सा लेने आए हुए थे। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के संबोधन के साथ ही शिविर समाप्त हो गया। इसके एक दिन पूर्व एक समाचार पत्र में प्रकाशित अडानी के मुंद्रा पोर्ट से 9000 करोड़ की हेरोइन बरामद शीर्षक वाली खबर के साथ ट्वीट करते हुए आरजेडी ने गोदी मीडिया व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह पर जोरदार हमला बोला है। इस पर रिट्विट करते हुए रितेश रंजन लिखते हैं कि 9000 करोड़ रूपये का मालिक कौन अभी तक नाम क्यों नहीं उजागर हुआ है। असल में 9 भी नहीं 21000 हजार करोड़ का है। डीके राठोर लिखते हैं कि और जितने भी लूटेरे बडे बडे उद्योगपति बने बैठे हैं,इसका इतिहास निकालोगे तो कोई ईरान कोई इराक को अफगान में भागा हुआ मिलेगा और यहां आ के अपने आप को हिंदू बताने लगे हैं।उधर रमापति पाण्डे लिखते हैं कि बरामद कर लिया,वहीं भ्रष्टाचारियों, लूटेरों के राज में क्या होता,सब पचा लिया जाता।
उधर आरजेडी के तीखी प्रतिक्रिया के बाद भी अब तक सत्ताधारी दलों के तरफ से कोई टिप्पणी नहीं आई है।आरजेडी की बिहार आधारित मुख्य राजनीति के लिहाज से भी देखें तो नीतीश कुमार व उनकी पार्टी भी अब तक कुछ ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है। जबकि नशाखोरी के सवाल पर सही मायने में राष्टीय राजनीति में अलग पहचान बनाने में बिहार के मुख्यमंत्री ही सफल रहे हैं। ऐसे में देश में अब तक की सबसे बडी मात्रा में हेरोइन बरामदगी की घटना पर नीतीश कुमार की चुप्पी से सवाल तो उठेगा ही। लोगों का मानना है कि संपूर्ण शराबबंदी की हिम्मत बिहार जैसे पिछडे राज्य में नीतीश कुमार ने ही उठाई थी।इसको लेकर कडे कानून भी बनाएं। हालांकि शराब की अधिकृत बिक्री व निर्माण भले ही बंद हो गया पर तस्करों के माध्यम से पूरे राज्य में तेजी से सप्लाई जारी है।
राजद की टिप्पणी बिहार के लिहाज से इस लिए भी महत्वपूर्ण है कि जिस रिया चक्रवर्ती से जोडकर टवीट किया गया है,वह मामला भी बिहार के मूल निवासी सुशांत सिंह राजपूत के मौत के बाद उठा था। उस दौरान मीडिया ने इस मामले को लगातार इतना उछाला की, सर्वोच्च न्यायालय तक को इस पर टिप्पणी करनी पडी। कोर्ट की कार्रवाई के पूर्व ही मीडिया ने पूरे मामले के लिए गांजा का सेवन करने का आरोप लगाते हुए रिया चक्रवर्ती को तो दोषी तक ठहरा दिया। इस दौरान कोर्ट व पुलिस से आगे उसकी भूमिका में अधिकांश मीडिया दिख रही थी। ऐसे में राजद का ताजा टवीट एक साथ भाजपा व जदयू पर सवाल खडा कर रहा है।
कांग्रेस को छोड अन्य क्षेत्रीय दल भी अडानी के बंदरगाह से हेरोइन की भारी मात्रा में बरामदगी के सवाल पर कुछ बोलते नहीं दिख रहे हैं। हालांकि एक दिन पूर्व प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का फंदे से लटका मिला शव का मामला मीडिया के बहस के केंद्र में है। सोइडनोट से लेकर अश्लील वीडियो समेत अन्य हर दिन सनसनीखेज तथ्यों को सामने लाकर मीडिया हर दिन टीआरपी बढ़ाने में लगी है। लेकिनं तीन हजार किलो हेरोइन बरामदगी का मामला राष्टीय सुरक्षा के साथ जुड़े होने के बाद भी इसके स्टूडियो मे बहस का मुददा नहीं है। ऐसे में कुछ लोग अब यह भी सवाल उठाने लगे हैं कि नरेंद्र गिरि के मौत के मामले को तुल देकर मीडिया अडानी के बदनामी पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है तथा इसमें काफी हद तक सफल भी है।
दूसरी तरफ अन्य दलोें की बात करें तो हाल ही में मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने यह बात कही है कि राज्य में शराब बंद नहीं हुआ तो 15 जनवरी 2022 से प्रदेश में शराबबंदी के लिए सड़क पर उतरकर अभियान चलाउंगी। उन्होंने बताया कि शराब माफिया से सभी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। वही उन्होने कहा कि मीडिया से भी उचित संरक्षण मिल सकता है। अब सवाल उठता है कि शराब समेत अन्य मादक पदार्थ नशा के साथ हमारी संस्कृति से भी जुड़ा हुआ मुददा है। ऐसे में इस पर मात्र एक राज्य तक सीमित होकर चर्चा करना राजनीति से प्रेरित ही कहा जा सकता है। उमा भारती तो हेरोइन की भारी बरामदगी के सवाल पर भी बोलना चाहिए। जिससे की सही मायने में ऐसा गंदा खेल खेलनेवालों का चेहरा लोगों के सामने आ सके। जिसमें नेता से लेकर अफसर व कारोबारी तक शामिल हैं।