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भारत के सबसे बड़े कर्जदार गौतम अडानी बने दुनिया के दूसरे नंबर के अमीर

Janjwar Desk
16 Sep 2022 7:20 AM GMT
भारत के सबसे बड़े कर्जदार गौतम अडानी बने दुनिया के दूसरे नंबर के अमीर
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Gautam Adani : फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स ने जो रिपोर्ट जारी की है उसके अनुसार आज 16 सितंबर की दोपहर तक गौतम अडानी की दौलत में 5.5 अरब डॉलर का इजाफा हुआ था, इसी के साथ वह 155.7 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के नंबर दो पूंजीपति बन चुके हैं

World Second Richest Person Gautam Adani : सबसे ज्यादा कर्ज लेने के बावजूद संपत्ति में लगातार इजाफा कर रहे भारत के सबसे बड़े पूंजीपति गौतम अडानी ने अब एक और कीर्तिमान स्थापित कर लिया है। फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स में गौतम अडानी दुनिया ने दूसरे सबसे बड़े पंजीपति बनने का गौरव हासिल कर लिया है। यानी दुनिया के टॉप 10 अरबपतियों की लिस्ट में एलन मस्क ही गौतम अडानी से आगे हैं, बाकी पूरी दुनिया के अमीर उनसे कई पायदान पीछे रह गये हैं।

गौरतलब है कि फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स ने जो रिपोर्ट जारी की है उसके अनुसार आज 16 सितंबर की दोपहर तक गौतम अडानी की दौलत में 5.5 अरब डॉलर का इजाफा हुआ था, इसी के साथ वह 155.7 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के नंबर दो पूंजीपति बन चुके हैं। उनके आगे नंबर एक की पोजीशन पर सिर्फ एलन मस्क हैं, जिनके पास 273.5 अरब डॉलर की संपत्ति है। रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी उनसे काफी पिछड़ चुके हैं। हालांकि वह भी टाॅप 10 की लिस्ट में शामिल हैं, मगर आठवें नंबर पर। उनकी कुल संपत्ति 92.6 अरब डॉलर के साथ 8वें नंबर पर बने हुए हैं।

गौरतलब है कि अडानी ग्रुप देश में तेजी से कारोबार फैलाने वाला बिजनेस समूह है। मौजूदा समय में ग्रुप के अंतर्गत अडानी एंटरप्राइज, अडानी पावर, अडानी ग्रीन, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी गैस और अडानी पोर्ट है। अंबानी ग्रुप की सभी कंपनियों पर 2.18 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। दरअसल वित्त वर्ष 2021-22 के अंत यानी मार्च 2022 तक गौतम अडानी ग्रुप की कंपनियों का कर्ज पिछले साल की तुलना में 42 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुका है। जानकारी के मुताबिक पिछले साल अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों पर कुल मिलाकर करीब 1.57 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था, लेकिन इस वर्ष अडानी के कर्ज में एक बार फिर एक बड़ा उछाल देखा गया है।

खास बात यह है कि 2.2 ट्रिलियन का कर्ज जहां मात्र अडानी की कंपनी के पास है, तो वहीं दूसरी ओर बड़ी खबर यह है कि भारत का कुल रिजर्व ही 4.7 ट्रिलियन रुपये का है। इसका सीधा मतलब यह हुआ है कि भारत के रिजर्व का लगभग आधा पैसा देश की एक कंपनी के हाथों में गया है। ऐसे में अगर अडानी भारत छोड़कर भाग गये तो देश सड़क पर आ जायेगा, जिसे संभालना मुश्किल ही नहीं असंभव हो जायेगा। यानी श्रीलंका से भी बदतर हालात हो जायेंगे हमारे देश के।

वित्त वर्ष 2021-22 में अडानी समूह की संयुक्त उधारी 40.5 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.21 लाख करोड़ रुपये हो गई। पिछले वित्त वर्ष में यह 1.57 लाख करोड़ रुपये था। द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट के आंकड़ों के मुताबिक अडानी समूह की कंपनियों में कर्ज में सबसे ज्यादा वृद्धि इसकी प्रमुख इकाई अडानी एंटरप्राइजेज में दर्ज की गई, जो साल.दर.साल 155 प्रतिशत बढ़कर 2021-22 में 41,024 करोड़ रुपये हो गई।

बड़ा सवाल यह है कि अडानी की दौलत में दिन दुनी रात चौगुनी वृद्धि आखिरकार हो कहां से रही है। अडानी समूह को सार्वजनिक हिस्सेदारी से दौलत का बड़ा प्राप्त होता है, जिससे उन्होंने इसकी स्थापना की थी। मार्च 2022 स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, अडानी इंटरप्राइजेज, अडानी पावर और अडानी ट्रांसमिशन में उनके पास 75 फीसदी हिस्सेदारी है। वह अडानी टोटल गैस का लगभग 37 फीसदी, अडानी पोर्ट्स और विशेष आर्थिक क्षेत्र का 65 फीसदी और अडानी ग्रीन एनर्जी का 61 फीसदी मालिक हैं। ये सभी कंपनियां सार्वजनिक रूप से कारोबार करती हैं और अहमदाबाद में स्थित हैं।

ब्लूमबर्ग के अनुसार गौतम अडानी हमारे देश में सबसे बड़ा बंदरगाह संचालक, थर्मल कोयला उत्पादक और कोयला व्यापारी हैं। गुजरात में जन्मे अडानी कॉलेज छोड़ने के बाद किशोरावस्था में ही मुंबई चले गए थे अपने गृह राज्य गुजरात लौटने से पहले उन्होंने हीरा कारोबार में काम किया था। वैश्विक व्यापार में अडानी ने अपने भाई के प्लास्टिक व्यवसाय के लिए पॉलीविनाइल क्लोराइड के आयात के साथ शुरुआत की थी। 1988 में उन्होंने वस्तुओं के आयात और निर्यात के लिए समूह की प्रमुख कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज की नीव रखी और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

अडानी इंटरप्राइजेज को 1994 में गुजरात सरकार से मुंद्रा पोर्ट पर अपने खुद के कार्गो को संभालने के लिए एक बंदरगाह सुविधा स्थापित करने की मंजूरी मिली थी। परियोजना में क्षमता को देखते हुए अडानी ने इसे एक कामर्शियल बंदरगाह में बदलने का निर्णय किया था। इसके अलावा भारत में सबसे बड़ा बंदरगाह बनाने के लिए पूरे भारत में 500 से अधिक जमीन मालिकों के साथ व्यक्तिगत रूप से बातचीत करके रेल और सड़क संपर्क स्थापित की थी। इस क्षेत्र में धाक जमाने के बाद गौतम अडानी ने 2009 में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में एंट्री की थी।

मुंद्रा पोर्ट की वेबसाइट की मानें तो 1997 में डाकुओं द्वारा अरबपति अडानी को फिरौती के लिए अगवा कर लिया था। जब आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था, उस समय तो अडानी ताज होटल में बंधकों के बीच बंधक थे।

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