शोक में भारत : नहीं रहे फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह कोरोना वायरस से हुए थे संक्रमित, 4 दिन पहले पत्नी का भी हुआ था स्वर्गवास
फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का कोरोना के चलते निधन हो गया.वह 1 महीने से चंडीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती थे.
जनज्वार ब्यूरो। भारत की शान रहे 'फ्लाइंग सिख' के नाम से मशहूर महान धावक मिल्खा सिंह का शुक्रवार देर रात साढ़े 11 बजे चंडीगढ़ में निधन हो गया। इससे पहले रविवार को उनकी 85 वर्षीया पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के करीब एक महीने बाद 91 वर्षीय इस महान धावक का निधन हो गया। 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन और 1960 के ओलिंपियन ने चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली। मिल्खा 20 मई को कोरोना वायरस की चपेट में आए थे। उनके पारिवारिक रसोइए को कोरोना हो गया था, जिसके बाद मिल्खा और उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह कोरोना पॉजिटिव हुए थे।
"The passing of sporting icon Milkha Singh fills my heart with grief. The story of his struggles & strength of character will continue to inspire generations of Indians. My deepest condolences to his family members, & countless admirers," President Ram Nath Kovind in a statement pic.twitter.com/UBUt1rdX00
— ANI (@ANI) June 18, 2021
संक्रमित होने के बाद उन्हें 24 मई को उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उन्हें 30 मई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। इसके बाद 03 जून को ऑक्सीजन स्तर में गिरावट के बाद उनहें पीजीआईएमईआर के नेहरू हॉस्पिटल एक्सटेंशन में भर्ती करवाया गया।
गुरुवार 17 जून को उनकी कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। उनकी हालत शुक्रवार शाम को ज्यादा खराब हो गई थी और बुखार के साथ आक्सीजन भी कम हो गई थी। हालांकि, गुरुवार की शाम से पहले उनकी हालत स्थिर हो गई थी। उनके परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं।
एशियाई खेलों में जीते 4 स्वर्ण पदक
चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था।
In the passing away of Shri Milkha Singh Ji, we have lost a colossal sportsperson, who captured the nation's imagination and had a special place in the hearts of countless Indians. His inspiring personality endeared himself to millions. Anguished by his passing away. pic.twitter.com/h99RNbXI28
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2021
पीएम ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के महान धावक मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि भारत ने ऐसा महान खिलाड़ी खो दिया, जिनके जीवन से उदीयमान खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती रहेगी। मोदी ने ट्वीट किया, 'मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी को खो दिया, जिनका असंख्य भारतीयों के ह्रदय में विशेष स्थान था। अपने प्रेरक व्यक्तित्व से वे लाखों के चहेते थे। मैं उनके निधन से आहत हूं।'
किसने दी थी फ्लाइंग सिख की उपाधी
फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर इस धावक को दुनिया के हर कोने से प्यार और समर्थन मिला। मिल्खा का जन्म अविभाजित भारत (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ, लेकिन वह आजादी के बाद हिंदुस्तान आ गए। मिल्खा की प्रतिभा और रफ्तार का यह जलवा था कि उन्हें 'फ्लाईंग सिख' का खिताव तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री फील्ड मार्शल अयूब खान ने दिया था।
अधूरी थी संघर्षों पर बनी फिल्म
महान धावक मिल्खा सिंह के जीवन पर 'भाग मिल्खा भाग' नाम से फिल्म भी बनी है। मिल्खा सिंह ने कभी भी हार नहीं मानी। हालांकि मिल्खा सिंह ने कहा था कि फिल्म में उनकी संघर्ष की कहानी उतनी नहीं दिखाई गई है जितनी कि उन्होंने झेली है।