Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Inflation in India : पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें और 8 साल में सबसे अधिक महंगाई दर हमारे-आपके बजट पर क्या असर डाल रही है?

Janjwar Desk
13 May 2022 12:30 PM GMT
Inflation in India :0मोदी राज में न करें महंगाई से राहत की उम्मीद, अगस्त में फिर बढ़ी महंगाई, दाल.-चावल और गेहूं पहले से ज्यादा हुई महंगी
x

Inflation in India : मोदी राज में न करें महंगाई से राहत की उम्मीद, अगस्त में फिर बढ़ी महंगाई, दाल.-चावल और गेहूं पहले से ज्यादा हुई महंगी

Inflation in India : सरकार ने गुरुवार को अप्रैल का इन्फ्लेशन का डेटा जारी किया। पिछले महीने रिटेल इनफ्लेशन बढ़कर 7.79 फीसदी पर पहुंच गया है। मार्च में यह 6.95 फीसदी था। सिर्फ दालों को छोड़कर अप्रैल में करीब हर चीज के दाम में उछाल आया है...

Inflation in India : कोरोना की महामारी की चोट से उबरने की कोशिश कर रही इकोनॉमी के रास्ते में कई बड़े रोड़े आ गए हैं। आरबीआई ने पिछले हफ्ते रेपो रेट बढ़ा दिया है। इसे 0.40 फीसदी बढ़ा दिया। इसके फौरन बाद बैंको ने कर्ज का ब्याज दर बढ़ाना (Inflation in India) शुरू कर दिया हैं इससे घर खरीदना, कार खरीदना और पर्सनल लोन तक महंगा हो गया हैं। 100 के पार बिक रहा पेट्रोल पहले से आपकी जेब पर भारी पड़ रहा है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में यह सवाल उठाया गया है कि जब बढ़ती महंगाई के सामने आम आदमी की कमाई बौनी साबित हो रही है, ऐसे में हमारे आपके घर के बजट पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

सरकार ने गुरुवार को अप्रैल का इन्फ्लेशन (Inflation in India) का डेटा जारी किया। पिछले महीने रिटेल इनफ्लेशन बढ़कर 7.79 फीसदी पर पहुंच गया है। मार्च में यह 6.95 फीसदी था। सिर्फ दालों को छोड़कर अप्रैल में करीब-करीब हर चीज की कीमतों में उछाल आया है। महंगाई की सबसे ज्यादा मार कम आय वर्ग के लोगों पर पड़ती है। इसकी वजह यह है कि कम आय वर्ग के लोगों की इनकम का सबसे बड़ा खानेपीने जैसी जरूरी चीजों पर खर्च होता हैं

महंगाई बढ़ने से लोगों के खरीदने की क्षमता घटी

महंगाई (Inflation in India) की वजह से लोगों का परचेजिंग पावर घट जाता है। इसका असर तब भयावह हो जाता है जब लंबे समय तक बेरोजगारी के बाद लोग फिर से कामकाज शुरू कर रहे होते हैं कोरोना की दूसरी लहर ने कई परिवरों को बड़ी आर्थिक चोट पहुंचाई है। लोगों को इलाज पर अपनी गाढ़ी कमाई खर्च करनी पड़ती है। कोरोना की महामारी उनकी सेविंग्स चट कर गयी है। अब खानेपीने की चीजों के दाम बढ़ने से उसका बजट पूरी तरह से बेपटरी हो गया है।

उधर, रिजर्व बैंक पर महंगाई को काबू में करने का दबाव है। वह इस महीने रेपो रेट बढ़ा चुका है। रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी की इमरजेंसी बैठक में रेपो रेट बढ़ाने का फैसला लिया गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चूंकि महंगाई अनुमान के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है, जिससे आने वाले समय में रिजर्व बैंक इंटरेस्ट रेट और बढाएगा। अगले महीने 6—8 जून के रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक होने वाली है।

आरबीआई के रेपो रेट में अगले ​महीने फिर हो सकती है बढ़ोतरी

विशेषज्ञों का कहना है कि अगले महीने आरबीआई रेपो दर में फिर वृद्धि (Inflation in India) कर सकता है। इसकी वजह यह है कि रिजर्व बैंक का अब तक ग्रोथ पर फोकस कर रहा है। वह रेपो रेट को बढ़ाने से बचता रहा है। उधर, दुनिया में कई देशों के केन्द्रीय बैंकों ने समय रहते अपनी मॉनिटरी पॉलिसी को सख्त बनायी है। इनमें अमेरिका सबसे आगे है। अमेरिकी केन्द्रीय बैंक फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट में दो बार वृद्धि कर चुका हैं। वह ब्याज दर बढ़ाना जारी रखेगा।

आरबीआई के कर्म महंगा करने से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन महंगा (Inflation in India) हो गया है। इससे घर खरीदने की योजना बना रहे लोगों को झटका लगा है। कारों की बिक्री पर भी महंगे कर्ज का असर पड़ेगा। जिन लोगों ने फ्लोटिंग रेट पर होम लोन आॅटो लोन लिया है, उनकी ईएमआई बढ़ जाएगी। इसका सीधा असर उनके बजट पर पड़ेगा।

क्रूड की कीमतें अधिकतम स्तर पर बनी रही तो फिर बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

क्रूड की कीमतें फिर से बढ़ रही हैं। क्रूड का भाव 110 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया (Inflation in India) है। पिछले कुछ दिनों से सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतें नहीं बढ़ा रही है। लेकिन, अगर क्रूड की कीमतें उंचे स्तर पर बनी रही तो पेट्रोल और डीजन की कीमतों में वृद्धि तय है। पहले से ही पेट्रोल ज्यादातर राज्यों में 100 के पार निकल जाएगा। इससे भी महंगाई पर दबाव बढ़ेगा।

Next Story

विविध