महाभारत के युधिष्ठिर गजेंद्र चौहान ने ट्वीटर पर बताया उन्हें मिला है दादा साहब फाल्के अवार्ड, लोगों ने लगा दी क्लास
केसीएफ के कथित इसी अवार्ड को युधिष्ठिर गजेंद्र चौहान ने दादा साहेब फाल्के अवार्ड बताकर ट्वीट किया था.
जनज्वार ब्यूरो। 90 के दशक में टीवी पर प्रसारित हुआ धारावाहिक महाभारत में युधिष्ठिर की भूमिका निभाने वाले गजेंद्र चौहान एक अवार्ड के लिए ट्रोल हो रहे हैं। गजेंद्र चौहान ने ट्वीटर पर खुद का एक फोटो शेयर किया है, इस फोटो में वह एक अवार्ड से सम्मानित होते हुए दिख रहे हैं, जिसे उन्होने 'दादा साहब फाल्के' अवार्ड बताया है।
Honoured- I hv been awarded Legend Dada Saheb Phalke award 2021 today in Mumbai for my work in Indian Film Industry. Thanks to my well wishers. pic.twitter.com/eWrAtp5X7H
— Gajendra Chauhan (@Gajjusay) July 11, 2021
अपने ट्वीट में गजेंद्र चौहान लिखते हैं कि 'सम्मानित- मुझे भारतीय फिल्म उद्योग में मेरे काम के लिए आज मुंबई में लीजेंड दादा साहब फाल्के पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया। मेरे शुभचिंतकों को धन्यवाद।'
Glimpses of Legend Dada saheb Phalke Award function held in Mumbai yesterday, attended by many dignitaries like Sh. Anup Jalota , Sh. Anu Malik , Sh Rahul Shewale MP, Sh.MukeshRishi, Sh. Aroon Bakshi, Sh. Sudhakar Sharma, Sh.Anil Nagrath , Sh. Krishna Chouhan. pic.twitter.com/J4HBEmkPvU
— Gajendra Chauhan (@Gajjusay) July 12, 2021
अवार्ड वाले ट्वीट के बाद गजेंद्र एक ट्वीट और करते हैं 'कल मुंबई में आयोजित लीजेंड दादा साहब फाल्के पुरस्कार समारोह की झलक, श्री जैसे कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया. अनूप जलोटा, श्री. अनु मलिक, श्री राहुल शेवाले सांसद, श्री मुकेश ऋषि, श्री अरुण बख्शी, सुधाकर शर्मा, श्री अनिल नागरथ, श्रीकृष्णा चौहान।'
दरअसल फ़िल्म उद्योग में अविस्मरणीय योगदान के लिए 'दादा साहेब फाल्के' के नाम पर एक पुरस्कार केंद्र सरकार की ओर से दिया जाता है, जिसे भारतीय फ़िल्म उद्योग का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है। फिल्मकार राकेश शर्मा ने गजेंद्र को मिले अवार्ड पर सवाल उठाया है।
It ain't the prestigious national award conferred upon Indian cinema legends by President of India!
— Rakesh Sharma (@rakeshfilm) July 12, 2021
Similarly named Dadasaheb Phalke Film Foundation Awards/Dadasaheb Phalke Excellence Awards cause confusions.
ps: Award from Kolhapur Oscar Society don't make one an Oscar-winner! https://t.co/vezmKX9jBj
राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के साथ सरकार की ओर से इस पुरस्कार के लिए चुने गए कलाकार के नाम का एलान होता है और पुरस्कार राष्ट्रपति देते हैं। गजेंद्र चौहान को जो पुरस्कार हासिल हुआ उनका नाम इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से मिलता जुलता है। इसी को लेकर ट्विटर यूज़र उन्हें ट्रोल करने लगे और अवार्ड फेक बता रहे हैं।
1. Fake award 🤣🤣🤣🤣🤣
— the guy from kudla (@veerappavenkap1) July 12, 2021
2. Original award pic.twitter.com/OZzORjziC0
ट्वीटर यूजर डॉ. विष्णु राजगड़िया लिखते हैं 'अच्छे दिन में नमूनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। एक इस नमूने को देखिए। दो कौड़ी का अवार्ड उठा लाया, मानो सचमुच 'दादा साहेब फाल्के अवार्ड' मिला हो। यह भी मोदी जी को फर्जी कोटलर अवार्ड जैसा मामला है। द डेली गार्डियन के लेख जैसा मामला है। अनपढ़ भक्तों को मूर्ख बनाए रखना है।'
अच्छे दिन में नमूनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। एक इस नमूने को देखिए। दो कौड़ी का अवार्ड उठा लाया, मानो सचमुच 'दादा साहेब फाल्के अवार्ड' मिला हो।
— Dr. Vishnu Rajgadia (@VishnuRajgadia) July 12, 2021
यह भी मोदी जी को फर्जी कोटलर अवार्ड जैसा मामला है। द डेली गार्डियन के लेख जैसा मामला है। अनपढ़ भक्तों को मूर्ख बनाए रखना है।
गौरतलब है कि केंद्र की आई मोदी सरकार के दौरान गजेंद्र चौहान को पुणे स्थित भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (FTII) का चेयरमैन बनाया गया था। जहां छात्रों के भारी विरोध की वजह से उनकी नियुक्ति विवादों में रही थी। कारण था महाभारत के बाद गजेंद्र ने कई सी ग्रेड फिल्मों में किरदार निभाए थे।