Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Journalist Kishor Ram : 'जनज्वार' पर उत्तराखंड में 15 दिन में दूसरा मुकदमा दर्ज, दलित पत्रकार किशोर राम पर लगा 153-A

Janjwar Desk
24 Feb 2022 4:38 PM GMT
Journalist Kishor Ram : जेल में बंद जनज्वार के पत्रकार किशोर राम के समर्थन में आए पत्रकार, राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता, जिलाधिकारी से की ये मांग
x

(पत्रकार किशोर राम के खिलाफ पिथौरागढ़ पुलिस ने दर्ज किया है मुकदमा)

Journalist Kishor Ram : जनज्वार से जुड़े पत्रकार किशोर राम के खिलाफ पिथौरागढ़ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है....

Journalist Kishor Ram : उत्तराखंड की पिथौरागढ़ पुलिस ने 'जनज्वार' से जुड़े पत्रकार किशोर राम (Journalist Kishor Ram) के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। उनके खिलाफ आईपीसी (IPC) की धारा 153ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने उनपर दो जाति विशेष के समुदायों के बीच सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और जातीय वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया है। पंद्रह दिन के भीतर यह दूसरा मामला है जब 'जनज्वार' से जुड़े पत्रकार के खिलाफ उत्तराखंड (Uttarakhand) में मुकदमा दर्ज किया गया है।

इससे पहले जनज्वार के पत्रकार अजय प्रकाश जब चुनावी कवरेज करने के लिए जा रहे थे तो रास्ते में उनके वाहन को रोक दिया गया था। इसके बाद सवाल करने पर एआरटीओ (ARTO) भड़क उठे थे और उलटे उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। किशोर राम के खिलाफ दर्ज मुकदमे में उन्हें 'जनज्वार को चलाने वाला' बताया गया है जबकि किशोर राम जनज्वार से बतौर रिपोर्टर जुड़े हैं। किशोर राम लगातार दलित, पिछड़ों और गरीबों से जुड़े मुद्दों को कवर करते रहे हैं। जिन वीडियोज के आधार पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें पीड़ितों के परिजन प्रशासन की ओर से कार्रवाई में सुस्ताई पर सवाल उठाते हुए नजर आ रहे हैं।

एफआईआर में क्या लगाया आरोप

एफआईआर के मुताबिक पत्रकार किशोर राम के खिलाफ पिथौरागढ़ कोतवाली में आईपीसी की धारा 163 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर में बताया गया है कि यू-ट्यूब और फेसबुक पर प्रसारित किए गए दो वीडियोज की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल द्वारा 22 फरवरी को जांच की गई और पाया गया कि 'जनज्वार न्यूज पोर्टल को चलाने वाले' पिथौरागढ़ के झूलाघाट निवासी किशोर राम द्वारा जनज्वार न्यूज पोर्टल के माध्यम से लोगों से बाईट लेकर बार-बार उनसे जाति पूछी जा रही है। सवर्णों और अनुसूचित जाति के लोगों की हत्या करने की बात कही जा रही है जिससे दो जाति विषेष के मध्य सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है।


क्या था मामला

बता दें कि पुलिस जिन दो वीडियोज के आधार पर पत्रकार किशोर राम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, वो दोनों अलग-अलग मामले हैं। एक मामला दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले युवक की हत्या का तो दूसरा दलित लड़की के साथ कथित तौर पर रेप का मामला। इन दोनों मामलों को जानते हैं। पहला- 13 फरवरी को पिथौरागढ़ के डीडीहाट ब्लॉक के गांव तल्ली भैसोढ़ी में दलित युवक रामी राम की हत्या को लेकर किशोर राम उसी गांव के लोगों और मृतक के रिश्तेदारों से बात करने और घटना के बारे में जानकारी लेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान गांव के लोगों और उनके रिश्तेदारों ने घटना के बारे में पूरी कहानी बताई थी।

परिजनों ने आरोप लगाया था कि 13 फरवरी को रामी राम को राजेंद्र सिंह देउपा ने फोन करके बुलाया था। रिश्तेदारों ने गोकुल सिंह देउपा पर रामी राम की हत्या का आरोप लगाया था। उनके मुताबिक रामी राम की पत्थरों से कुचलकर हत्या की गई थी। इस दौरान रामी राम की पत्नी ने भी आरोप लगाया था कि उनका पति कांग्रेस का समर्थक था इसलिए भाजपा से जुड़े लोगों ने उसे मौत के घाट उतार दिया।

जबकि दूसरा वीडियो एक नाबालिग दलित बेटी के साथ दुष्कर्म से जुड़ा था। किशोर राम ने इस मामले में भी पीड़ित परिवार का पक्ष जानने की कोशिश की थी। इस दौरान लड़की के पिता ने बताया था कि यह घटना 18 जनवरी की रात की है। जिसमें दो लड़के गौरव बिष्ट और किशन नाम डीजे वाले के साथ गए थे, जिन्होंने मेरी मेरी दो नाबालिग बेटियों को कार में घुमाने के बहाने अपने चंगुल में फंसाया। इसके बाद पूरी रात इन्होंने हवस का शिकार बनाकर टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे पर छोड़ दिया। रात के पता नहीं कितने बजे रहे होंगे। उसके बाद एक ट्रक ड्राइवर ने हमारी बेटियों को तप्पड़ नामक जगह पर छोड़ा। फिर उसके मोबाइल से फोन कर मेरे घर को जानकारी दी गई। उसके बाद मैंने प्रशासन के लिए कार्रवाई के लिए कहा तो प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की। अभी मैं स्वयं यहां आया हूं तो मेरे साथ भी ऐसे व्यवहार किया जाता है कि जैसे मैंने कोई जुर्म किया हो।

इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई या नहीं, यह पूछने पर उन्होंने बताया था कि मुझे 16 तारीख को डीएम साहब ने मुझे आश्वासन दिया था कि तहसीलदार साहब के पास जाओ। लेकिन तहसीलदार साहब मुझे बिना बताए एसडीएम साहब के पास लेकर गए। उनके साथ वार्तालाप हुई तो वो मेरे साथ ऐसे पेश हुए जैसे मैं कोई आरोपी हूं। मेरे से इस तरह का सवाल जवाब कर रहे हैं कि जो तुमने जो बलात्कार का आरोप लगा रखा है पुष्टि नहीं होगी तो जेल जाना पड़ेगा। लड़के की ओर से भी दबाव बनाया जा रहा है। लड़की के पिता ने यह भी चेतावनी दी थी कि इस मामले में अगर कार्रवाई नहीं होती है तो मैं डीएम कार्यालय के सामने आत्महत्या करूंगा।

Next Story

विविध