(प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव)
लक्ष्मी नारायण शर्मा की रिपोर्ट
Jhansi News : पुलिस हिरासत में जान गंवाने वाले झाँसी (Jhansi) जिले बरुआसागर के सराफा कारोबारी अजय सोनी के परिवार के लोगों ने शुक्रवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात की। परिवार के लोगों ने अखिलेश यादव को बताया कि इस मामले में झाँसी पुलिस के अफसरों से शिकायत किये जाने के बाद भी अभी तक केस दर्ज नहीं किया गया है।
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परिवार के लोगों का कहना है कि पुलिस की पिटाई से सराफा कारोबारी की मौत हुई है। अखिलेश यादव ने परिवार के लोगों से मुलाकात के बाद प्रेस कांफ्रेंस में ऐलान किया कि परिवार के लोगों को दो लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान करेंगे। साथ ही एफआईआर (FIR) दर्ज किए जाने की भी मांग उठाई।
यह बोले अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा कि बरुआसागर का परिवार यहां आया है। परिवार का आरोप है कि कस्टडी में डेथ हुई है। इनके परिवार के सदस्य पुलिस कस्टडी में पिटाई से मारे गए। अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं है। पुलिस के लोग जेल नहीं गए। दो महीने हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में यह पहली घटना नहीं है। एफआईआर तो इनका पहला अधिकार है। घर से पूछताछ के लिए बुलाया और इतना पीटा की जान चली गई। यह है सच्चाई भारतीय जनता पार्टी की। ये इसलिए हो रहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने खुद अपने मुकदमे वापस लिए हैं। जिस तरह अंग्रेज बांटो बौर राज करो पर काम कर रहे थे, उसी तरह भाजपा मारो और राज करो पर काम कर रही है। वह लोगों को डराकर राज करना चाहती है।
यह बोले परिजन
मृतक के चाचा राम गोपाल ने 'जनज्वार' को बताया कि पुलिस वालों ने अजय को मार डाला। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हमने अखिलेश यादव को ज्ञापन दिया है। मृतक के भाई हेमंत सोनी ने कहा कि हमने न्याय की मांग की है। हमारे भाई की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। पुलिस ने अब तक न एफआईआर लिखी है न कोई कार्रवाई की है। हमने मुख्यमंत्री को, डीएम को, एसपी को सबसे शिकायत की है। अखिलेश यादव ने कहा है कि दो लाख रुपये देंगे। आगे कार्रवाई भी की जाएगी।
यह है पूरा मामला
बरुआसागर के रहने वाले अजय सोनी नाम के व्यक्ति को नवाबाद थाने की पुलिस ने अपहरण के एक मामले में 25 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इतनी बुरी तरह पीटा कि उसकी हालत बिगड़ गई और मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाना पड़ा। मेडिकल कॉलेज में 51 दिन भर्ती रहने के बाद 15 नवम्बर को उसकी मौत हो गई। आरोप है कि पुलिस ने दवाब बनाकर तत्काल दाह संस्कार करवा दिया और अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। परिवार के लोग लगातार इस बात की मांग उठा रहे हैं कि केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए।