Jharkhand News: झारखंड के लातेहार में जादू-टोना के शक में 74 साल के बुजुर्ग की हत्या, जानें फिर क्या हुआ?
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विशद कुमार की रिपोर्ट
Jharkhand News: झारखंड के लातेहार जिले के लातेहार सदर थाना क्षेत्र के डाटम गांव निवासी 74 वर्षीय बुजुर्ग टोकनारायण सिंह की हत्या का एक ऐसा मामला प्रकाश मेें आया है जिसे जघन्य अपराध के साथ साथ अमानवीयता की पराकाष्ठा कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा।
जादू-टोना के शक पर की गई इस हत्या की जघन्यता में हत्यारों ने बुजुर्ग को पत्थर कुच कुच कर मारा फिर लाश को पहले बालू में गाड़ा और दो दिन बाद लाश को वहां से उखाड़ कर जंगल में ले जाकर जला दिया। इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 18 मार्च को जेल भेज दिया।
गिरफ्तार अभियुक्तों में मुकेश कुमार सिंह पिता रामकुमार सिंह, रामकुमार सिंह पिता नंदलाल सिंह, वीरेंद्र सिंह पिता स्व. रामदेव सिंह, हेमनारायण सिंह पिता त्रिभुवन सिंह, अनिल भुइयां पिता राजेश भुइयां ( सभी पांचों डाटम, लातेहार) दिलीप कुमार सिंह पिता केश्वर सिंह, शशि गोप पिता बंधन गोप, सुनील उरांव पिता बिगा उरांव (तीनों मांडर रांची) रितेश कुमार यादव पिता महेश यादव (रजवार, बालूमाथ, लातेहार) निवासी शामिल हैं।पुलिस ने घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल जेएच19सी0933, टाटा मैजिक जेएच 01डी जी3361, खून लगा पत्थर, खून लगी मिट्टी व अभियुक्त का खून लगा शर्ट बरामद किया है। उक्त जानकारी एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्र व पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता ने संयुक्त रूप से 18 मार्च को सदर थाना में प्रेसवार्ता के दौरान दी।
उन्होंने बताया कि टोकनारायण सिंह की बहू सरोज देवी ने 3 मार्च को अपने ससुर की गुमशुदगी व ओझा गुनी विवाद को लेकर लातेहार थाना कांड संख्या 45/2022 के आईपीसी की धारा 364/504/506/34 के तहत दर्ज कराया था। मामला दर्ज करने के बाद पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंजनी अंजन के निर्देश पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संतोष कुमार मिश्र के नेतृत्व में टीम गठित किया गया। अनुसंधान के क्रम में पाया गया कि टोकनारायण सिंह की हत्या ओझा गुनी मामले को लेकर की गई है। उन्होंने बताया कि टोकनारायण सिंह को कुरियाम कला से घर लौटने के क्रम में मुकेश कुमार सिंह व दिलीप कुमार सिंह ने अपने कब्जे में ले लिया इसके बाद दोनों ने मिल कर पत्थर से कूचकर व चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को ठेकही नदी के किनारे बालू में गाड़ दिया। इसके बाद हत्यारों को लगा कि मामले का खुलासा हो जाएगा। इसके डर से दो दिन के बाद अभियुक्तों ने मृतक के शव को नदी से बाहर निकाला और मालवाहक वाहन में लाद कर चामा जंगल ले गए और सभी अभियुक्तों ने मिल कर शव को छुपाने के उद्देश्य से आग लगा दी।
उन्होंने आगे बताया कि कुछ दिन पहले मुकेश कुमार सिंह के भाई की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। मुकेश कुमार सिंह को लगा कि टोकनारायण सिंह ने ओझा गुनी कर मेरे भाई को मार दिया है। वहीं दिलीप कुमार सिंह को अपने सास की हत्या का शक था। इसके बाद इन दोनों ने टोकनारायण सिंह को हत्या करने की प्लानिंग बनाई और उनकी हत्या कर दी। ओझा गुनी को लेकर फैले अंधविश्वास को दूर करना जरूरी। एसडीपीओ संतोष कुमार मिश्र ने कहा कि ओझा गुनी को लेकर फैले अंधविश्वास को दूर करना जरूरी है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए पुरानी रूढ़िवादी विचारधारा से हटकर आगे आने की बात कहीं। डायन भूत जैसे अंधविश्वास को लेकर मारपीट या हत्या जैसे अपराध न करें। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की घटना कहीं भी होती है, तो पुलिस को तुरंत सूचित करें। ससमय कार्रवाई की जाएगी।
मामले पर मृृतक की पतोहू सरोज देवी ने बताया कि उसके पति गुप्तेश्वर सिंह चेन्नई में थे। ससुर टोकनारायण सिंह घर में ही रहते थे। यह पूछे जाने पर कि वे ओझा वगैरह का काम भी करते थे? सरोज ने कहा नहीं। वे काफी सीधे सादे थे, उनकी उम्र 74 साल थी अतः वे केवल अपने परिवार के लोगों के साथ ही रहते थे।
सरोज बताती है कि मेरा गोतिया रामकुमार सिंह जिसके बेटे की मौत 2 साल पहले एक एक्सीडेंट में हो गयी थी, उसके घर वाले इसका आरोप मेरे ससुर पर यह यह कर लगाया कि उन्होंने ही टोटका (जादू-टोना) करके एक्सीडेन्ट करवा दिया है। इसको लेकर वे लोग बराबर वे हमलोगों से लड़ते झगड़ते रहते थे। वह आगे बताती हैं कि एक मेरा गोतिया विश्वनाथ सिंह जो राशन डीलर है, वह भी मेरे ससुर पर आरोप लगाता था कि वे मेरे पर भी जादू-टोना कर दिया है जिसके कारण हम बीमार रहते हैं।
घटना के बारे सरोज बताती हैं कि उसके ससुर टोकनारायण सिंह चतरा अपनी बेटी के घर गए थे। क्योंकि उनके दामाद की अचानक मौत हो गई थी। श्राद्ध क्रिया के बाद वे अपनी बेटी को लेकर 26 फरवरी को घर आए, तो पता चला कि उनका मोबाइल उनके पास नहीं है। उन्हें लगा कि कही मोबाइल जिस गाड़ी में आए हैं उसमें तो नहीं छूटा सो उन्होंने मेरे मोबाइल से अपने नंबर पर काल किए तो ड्राइवर ने काल उठाया और बताया कि उनका मोबाइल उसके पास है, सो आकर को जाइए। यह जानने के लिए कि ड्राइवर कहां है, वे घर वाला हमारा एन्ड्रायड मोबाइल भी साथ लेकर चले गए। काफी देर बाद जब हमलोगों ने अपने नंबर पर काल किया तो उन्होंने बताया कि मोबाइल मिल गया है और वे मुर्गा लेने आए हैं, वे मुर्गा लेकर आ रहे हैं। उसके बाद मोबाइल कट हो गया। काफी इंतजार के बाद जब रात का दस बज गया और वे नहीं आए तो हमने उनके नंबर पर काल किया लेकिन मोबाइल स्वीच ऑफ हो गया था। दूसरे दिन भी 27 फरवरी को पूरा खोजबीन के बाद भी पता नहीं चला, तो हमने 28 फरवरी को गुमसुदगी की रिपोर्ट लातेहार थाना में दर्ज कराई।
लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्यवाही नहीं हुई। हमें शक हुआ कि मेरे ससुर की हत्या कर दी गई है। अत: हमने 3 मार्च 2022 शक के आधार पर थाना में 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। जिसमें मुख्य रूप से विश्वनाथ सिंह सहित पंकज सिंह, रामकुमार सिंह, मुकेश सिंह, संतोष गंझू एवं गजेन्द्र गंझु पर एफआईआर किया। लेकिन दो दिन तक कुछ नहीं होने पर हमने 5 फरवरी को एसपी लातेहार को एक पत्र भेजा। उसके बाद पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। मगर हमने मुख्य अभियुक्त विश्वनाथ को बनाया था, उसे केवल पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है और अन्य चार लोगों को गिरफ्तार किया है जिनका नाम हमने नहीं दिया था।मृतक टोक नारायण का बड़ा बेटा गुप्तेश्वर सिंह जो चेन्नई में मजदूरी करते हैं, कहते हैं कि हम अपने पिता के हत्यारों को फांसी की सजा की मांग करते हैं। बता दें कि मृतक टोकनारायण भी उम्र 74 साल थी तथा उनके दो बेटे व दो बेटी हैं।