Joshimath Sinking : जोशीमठ को तत्काल खाली करने के निर्देश, लाल निशान लगे घरों में प्रवेश पर लगी पाबंदी
जोशीमठ को तत्काल खाली करने के निर्देश, लाल निशान लगे घरों में प्रवेश पर लगी पाबंदी
Joshimath Sinking : जोशीमठ शहर के डेंजर जोन घोषित किए गए हिस्से को जिला प्रशासन द्वारा तत्काल खाली करने के निर्देश दे दिए गए हैं। डेंजर जोन में रहने वाले सभी परिवारों को तीन दिन में अपने घर खाली करने के आदेश देते हुए घर खाली करने के लिए मदद दिए जाने के लिए आपदा प्रबंधन टीम के दस्ते की तैनाती भी की गई है। प्रशासन ने डेंजर जोन में 129 घर चिन्हित किए गए हैं लेकिन अभी तक डेंजर जोन से सिर्फ 46 परिवारों को ही सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है। जबकि 83 परिवार अभी भी मौत के मुंह में रह रहे हैं।
जिला प्रशासन का कहना है कि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए जोशीमठ को अलग-अलग जोन में बांटकर बचाव राहत का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी द्वारा कल डेंजर जोन को खाली करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए थे, जिस पर अमल करते हुए अब डेंजर जोन में चिन्हित सभी परिवारों को एसडीआरएफ की मदद से हटाया जा रहा है। 129 घर डेंजर जोन में हैं, जिनमें से कुछ घर के लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं। शेष परिवारों को उनके खतरनाक घर खाली करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है।
लोगों को दूसरी जगह शिफ्टिंग में मदद के लिए एसडीआरएफ के पांच दर्जन जवानों की टीम को मौके पर तैनात कर दिया गया है। जरूरत पड़ने पर टीम को और बढ़ा दिया जायेगा। अधिकारियों का कहना है कि कुछ लोग इस विषम परिस्थिति में भी अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। ऐसे लोग जो घर छोड़ने को अभी भी तैयार नहीं है उन्हें तीन दिन बाद जबरन उनके घर से हटाया जाएगा।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि अब तक 48 परिवार शिफ्ट किए जा चुके हैं। कल भी दो परिवारों को शिफ्ट किया गया है। लेकिन अभी भी कुछ लोग घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 45 परिवारों को आपदा राहत राशि व सामान के लिए राहत राशि दी जा चुकी है। जिलाधिकारी ने बताया कि जिन घरों पर लाल निशान लगाए गए हैं उन घरों और वार्ड में प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। कोई भी अब उन घरों में नहीं घुस सकेगा।
दूसरी ओर मंडलायुक्त गढ़वाल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आपदा प्रभावित जोशीमठ में मदद के लिए दस अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है जो 24 घंटे जोशीमठ में रहकर हालात पर नजर बनाए रखेंगे। इन अधिकारियों में एक एडीएम, तीन एसडीएम और छः तहसीलदार होंगे। इसके अलावा शासन स्तर के कुछ अधिकारी भी वही कैंप करेंगे, जिसमें आपदा प्रबंधन और आवास प्रबंधन से जुड़े अधिकारी होंगे।