झूठ बोल रही हैं कंगना रनौत, 2018 में मिला था अवैध निर्माण के खिलाफ नोटिस
वरिष्ठ पत्रकार सौमित्र रॉय की त्वरित टिप्पणी
फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनौत के यहां स्थित ब्रांद्रा में बने बंगले में अवैध निर्माण को बीएमसी के द्वारा गिराए जाने के मामले में एक बड़ी खबर सामने आई है। बंगले में अवैध निर्माण के मामले में बीएमसी ने कंगना को 2018 में एमआरटीपी एक्ट के तकत नोटिस जारी कर चेतावनी दी थी।
उस समय कंगना ने डिंडोशी सेशंस कोर्ट में नोटिस को चुनौती दी थी। इस आधार पर कंगना का यह कहना कि उन्होंने बंगले में कोई अवैध निर्माण नहीं करवाया है और उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई, यह गलत साबित होता है। 2018 में जब कंगना को यह नोटिस दिया गया, तब महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार थी और देवेंद्र फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे।
2018 के बाद भी कंगना को उनके बंगले में अवैध निर्माण के खिलाफ नोटिस भेजे गए थे। ऐसे ही नोटिस बांद्रा और खार के उन निवासियों को भी भेजे गए थे, जिन पर बीएमसी ने अवैध निर्माण का आरोप लगाया है। कंगना ने ट्वीट कर यह दावा किया था कि उन्हें बंगले में अवैध निर्माण के बारे में कभी कोई नोटिस नहीं भेजा गया।
बीएमसी की टीम ने मंगलवार को कंगना के बंगले में बने अवैध निर्माण को गिरा दिया था। उसके बाद कंगना की अपील पर बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को बीएमसी की कार्यवाही पर रोक लगा दी। इस मामले पर कल दोपहर तीन बजे फिर से सुनवाई होगी।
कंगना ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी। शिवसेना ने कंगना रनौत के खिलाफ ठाणे के श्रीनगर पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई। ये शिकायत कंगना द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की तुलना मुंबई से करने को लेकर की गई। पार्टी ने उनके खिलाफ राजद्रोह के आरोप के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की।