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Karnataka Masjid Row : अब टीपू सुल्‍तान के समय बनी मस्जिद में पूजा करने की उठी मांग, दावा- यहां कभी हनुमान मंदिर था

Janjwar Desk
16 May 2022 10:41 AM GMT
Karnataka Mosque Row : VHP ने किया जामा मस्जिद में घुसकर पूजा करने का ऐलान, श्रीरंगपटना चलों के आह्वान के बाद धारा 144 लागू
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Karnataka Mosque Row : VHP ने किया जामा मस्जिद में घुसकर पूजा करने का ऐलान, 'श्रीरंगपटना चलों' के आह्वान के बाद धारा 144 लागू

Karnataka Masjid Row : भगवा खेमे के निशाने पर अब कर्नाटक के मांड्या में बनी जामा मस्जिद है। अब दावा किया जा रहा है कि टीपू सुल्तान ने एक हनुमान मंदिर को तोड़कर इस मस्जिद का निर्माण करवाया था...

Karnataka Latest Masjid Row : देश में हाल के दिनों में माहौल बिगाड़ने और आपसी सद्भाव को प्रभावित करने के लिए लिए जो घटनाक्रम (Karnataka Masjid Row) हो रहे हैं वे किसी ना ​कहीं सियासत से प्रेरित और प्रायोजित नजर आ रहे हैं। समाज में नफरत घोलने की एक के बाद एक खबरें सामने आ रही है। ताजा मामला भाजपा शासित राज्य कर्नाटक का है। बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद अभी चल रही रहा है इसी बीच मंदिर और मस्जिद को लेकर कर्नाटक में भी एक नया विवाद (Karnataka Masjid Row) सामने आ गया है।

भगवा खेमे के निशाने पर अब कर्नाटक के मांड्या में बनी जामा मस्जिद (Karnataka Masjid Row) है। अब दावा किया जा रहा है कि टीपू सुल्तान ने एक हनुमान मंदिर को तोड़कर इस मस्जिद का निर्माण करवाया था। ऐसे में अब यह मांग की जा रही है कि इसे अब फिर से वापस हिंदुओं को सौंप दिया जाना चाहिए।

आपको बता दें कि इस संबंध में मांड्या के कलेक्टर को नरेंद्र मोदी विचार मंच के सदस्यों ने एक ज्ञापन (Karnataka Masjid Row) सौंपकर दावा किया कि मस्जिद एक हनुमान मंदिर पर बनाई गई थी और इसे हिंदुओं को सौंपा जाना चाहिए। जामा मस्जिद के रूप में जानी जाने वाली ये मस्जिद 236 साल पुरानी बताई जाती है। श्रीरंगपट्टन में बनी ये मस्जिद अब नए विवाद का कारण बन सकती है। विचार मंच के सचिव सीटी मंजूनाथ का कहना है कि पर्सिया के शासक को लिखे पत्र में टीपू ने कहा था कि उसने हनुमान मंदिर को तोड़कर ये मस्जिद बनवाई थी। इसके स्तंभों पर हिंदू श्लोक लिखे हुए हैं।

उनका दावा है कि 1782 में हनुमान मंदिर को ध्वस्त करने के बाद टीपू सुल्तान ने मस्जिद का निर्माण (Karnataka Masjid Row) कराया था। यह साबित करने के लिए पुख्ता सबूत हैं कि मस्जिद कभी हिंदू मंदिर थी। मस्जिद के अंदर तत्कालीन होयसला साम्राज्य के प्रतीक हैं। मंजूनाथ का कहना है कि हिंदुओं को इसमें पूजा करने की अनुमति दी जाए। मस्जिद अधिकारियों ने दक्षिणपंथी नेताओं से सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन से संपर्क किया है।

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