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टोंटी से फांसी केस को कासगंज पुलिस ने दिया निपटा, अल्ताफ के पिता चांद मोहम्मद ने पत्र जारी कर कहा मुझे पुलिसवालों से नहीं कोई शिकायत

Janjwar Desk
10 Nov 2021 11:11 PM IST
kasganj news
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(कासगंज कोतवाली में पुलिस कस्टडी के दौरान अल्ताफ की हो गई थी मौत)
Kasganj Custody Death : पत्र में वे स्वीकार करते दिख रहे हैं कि उन्हें पुलिस से कोई शिकायत नहीं है और वे न तो कोई कार्रवाई करना चाहते हैं, न आगे करेंगे। हालांकि, इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई लोग तंज कर रहे हैं।

Kasganj Custody Death : उत्तरप्रदेश के कासगंज में पुलिस कस्टडी (Kasganj Police Custody Death) में हुई मौत मामले में नया मोड़ आ गया है। अबतक पुलिस पर अपने बेटे को मारने का आरोप लगा रहे मृतक अल्ताफ (Altaf death controversy) के पिता चांद मिंया का एक कथित पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस पत्र में वे स्वीकार करते दिख रहे हैं कि उन्हें पुलिस से कोई शिकायत नहीं है और वे न तो कोई कार्रवाई करना चाहते हैं, न आगे करेंगे। हालांकि, इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई लोग तंज कर रहे हैं।

मृतक के पिता के बदले बयान पर उठ रहे सवाल

पत्रकार सत्यप्रकाश भारती ने ट्वीट कर लिखा है, "अल्ताफ़ के पिता (Chand Mian) के अनुसार कासगंज पुलिस (Kasganj Police) ने उन्हें मुआवज़े के रूप में 5 लाख कैश और 5 लाख योजनाओं के माध्यम से देने का वायदा किया है और एक सरकारी नौकरी का वायदा भी किया है !! पुलिस कह रही थी कि उसने सुसाइड किया,पिता का लेटर भी जारी किया गया था,फिर इतनी दरियादिली क्यों" ?

उन्होंने ट्वीट के साथ मृतक अल्ताफ के पिता चांद मिंया का कथित पत्र भी शेयर किया है। उस पत्र में साफ तौर पर लिखा गया है कि उन्हें (चांद मिंया) को डॉक्टरों ने बताया है कि उनके बेटे ने आत्महत्या की है। पत्र में लिखा गया है कि उन्हें पुलिस से कोई शिकायत नहीं है और आगे वे कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते।

वहीं, पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने इसे लेकर सीधे सरकार पर तंज किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "....और कासगंज में इंसाफ़ ने दम तोड़ दिया। कासगंज पुलिस ने अल्ताफ के पिता से समझौता लिखा लिया। त्वरित न्याय के लिए धन्यवाद, योगी जी।"


(सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यही पत्र)

विपक्षी दलों ने घटना पर उठाए सवाल

उधर, पुलिस हिरासत में युवक की मौत के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस कस्टडी में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक भक्षक बन चुके हैं। उप्र पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है। भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है।"

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कासगंज में पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

अखिलेश यादव ने एक नल की तस्वीर ट्वीट करते हुए पूछा है कि दो फीट ऊंची टोटी से 5.6 फीट के युवक ने फांसी लगा ली, यूपी में रोज ऐसी कितनी घटिया स्क्रिप्ट लिखी जाती है। अखिलेश ने कहा कि पुलिस वालों का निलंबन सिर्फ दिखावटी कार्रवाई है। घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

क्या है पूरी घटना

बता दें कि कासगंज में मंगलवार, 9 नवंबर 2021 को अल्ताफ नामक युवक की हिरासत में मौत हो गई थी। पुलिस के अनुसार किशोरी को अगवा करने के मामले में अल्ताफ को पूछताछ के लिए शहर कोतवाली बुलाया गया था। इस दौरान उसने हवालात के टायलेट में टोटी से फांसी लगा ली। हालांकि, पहले अल्ताफ के घर वालों ने पुलिसवालों पर हत्या का आरोप लगाया था।

अल्ताफ के पिता चाहत मियां ने कहा था कि पुलिस उनके बेटे को सोमवार रात आठ बजे घर से ले गई थी।

वहीं, कासगंज पुलिस कप्तान ने इस मामले में दावा किया है कि अल्ताफ को सोमवार शाम को नहीं, मंगलवार सुबह पुलिस थाने लाया गया था। एसएसपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान अल्ताफ ने वॉशरूम जाने की परमिशन मांगी। उसे लॉकअप के वॉशरूम में भेजा गया जहां उसने टोंटी से अपनी जैकेड हुड को बांधकर फांसी लगा ली।

पुलिस अधिकारियों का दावा है कि पुलिसकर्मियों को अल्ताफ बेहोशी की हालत में मिला जिसे आनन-फानन अस्पताल ले जाया गया। पांच से 10 मिनट के बाद अल्ताफ ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

अल्ताफ के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इसके साथ ही उस समय थाने में तैनात पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी कर दिया गया है।

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