Lakhimpur Kheri : किसानों से भिड़े भाजपा नेता, केंद्रीय मंत्री टेनी के सुपुत्र ने किसानों को कार से रौंदा, 3 की मौत पर बढ़ा उपद्रव
(लखीमपुर खीरी में किसानो और भाजपाइयों में खूनी झड़प)
Lakhimpur Kheri (जनज्वार) : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri news) के बनबीरपुर में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम से पहले बड़ा बवाल हो गया। तिकुनिया में उपमुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने के लिए खड़े किसानों की बीजेपी नेताओं से तीखी झड़प हो गई। आरोप है कि इसी दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बीजेपी के केंद्रीय राज्यमंत्री टेनी के पुत्र ने गाड़ी चढ़ा दी। जिसमें कई किसानों के घायल होने सहित तीन की मौत हो गई। गाड़ी चढ़ाने के बाद आक्रोशित किसानों ने गाड़ियों के आग के हवाले कर दिया।
लखीमपुर खीरी में भारी बवाल. BJP समर्थकों ने किसानों पर चढ़ाई कार. कई किसान घायल. घटना से आक्रोशित किसानों ने तीन गाड़ियों को लगाई आग. बढ़ सकता है बवाल. केशव मौर्य और केंद्रीय मंत्री टेनी का था कार्यक्रम. @samajwadiparty @MediaCellSP @yadavakhilesh pic.twitter.com/pZIbIKCqr1
— Janjwar Media (@janjwar_com) October 3, 2021
आज रविवार 3 अक्टूबर को लखीमपुर-खीरी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या (Keshav Prasad Maurya) का कार्यक्रम था। केशव प्रसाद मौर्य को लखीमपुर-खीरी में कुछ परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करना था। इसके बाद उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के पैतृक गांव बनबीरपुर भी जाना था। डिप्टी सीएम के कार्यक्रम की जानकारी मिलने पर किसान नेता काले झंडे दिखाने के लिए इकट्ठा हुए थे। हालांकि केशव मौर्य के पहुंचने से पहले ही कुछ बीजेपी नेताओं और किसानों में बवाल हो गया।
भाजपा नेताओं की हरकत से बढ़ा बवाल
जानकारी के मुताबिक, मौके पर मौजूद बीजेपी नेताओं ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी। इस हादसे में कई किसान घायल हुए हैं। भाजपा नेताओं की इस हरकत से नाराज हुए किसानों ने वहां खड़ी कई गाड़ियों में आग लगा दी। मौके पर बवाल को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। डीएम और एसपी घटनास्थल पर मौजूद हैं। लखनऊ से कमिश्नर और आईजी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। घटना के बाद स्थानीय अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
3 किसानों की मौत का दावा
उधर भारतीय किसान यूनियन ने दावा किया है कि हादसे में 3 किसानों की मौत हुई है। मगर जिला प्रशासन ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। भारतीय किसान यूनियन ने ट्वीट कर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाया है। किसान नेता राकेश टिकैत गाजीपुर से लखीमपुर-खीरी के लिए रवाना हो चुके हैं।
राज्यमंत्री के लड़के ने चढ़ाई गाड़ी
कृषि कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों को भाजपा सरकार के गृह राज्यमंत्री के पुत्र द्वारा, गाड़ी से रौंदना घोर अमानवीय और क्रूर कृत्य है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 3, 2021
उप्र दंभी भाजपाइयों का ज़ुल्म अब और नहीं सहेगा।
यही हाल रहा तो उप्र में भाजपाई न गाड़ी से चल पाएंगे, न उतर पाएंगे। pic.twitter.com/huX8ZUQO08
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो, बात होने के बाद डिप्टी सीएम रास्ता बदल कर अजय मिश्र टेनी के आवास चले गए, लेकिन कुछ ही देर बाद अजय मिश्र टेनी का पुत्र आशीष मिश्र टेनी अपने 4-5 साथियों के साथ कार लेकर 80-90 की स्पीड में चलाते हुए किसानों के धरना स्थल से लेकर गुजरा। कार की चपेट में आकर तीन किसानों की मौत हो गई, और कुछ लोग घायल भी हुए। जिससे क्रोधित किसानों ने अजय मिश्र टेनी के लड़के की गाड़ी को आग लगा दी। बहरहाल, यह सब देखते हुए वहां की इंटरनेट सुविधा बन्द कर दी गयी है।
समाजवादी पार्टी के नेता क्रांति कुमार सिंह ने जनज्वार को बताया कि, भाजपा पूरी तरह से तानाशाही पर उतर आई है। वह गांधीवादी तरीके से चल रहे किसान आंदोलन को अपनी सत्ता के दम पर कुचलना चाहती है। पहले भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बयान किसानों को धमकाने वाला और एक गुंडे की भाषा से ज्यादा नहीं था। आज सुबह किसान तिकुनिया में आंदोलन कर रहे थे। काला झंडा दिखाने के लिए हेलीपैड पर कब्जा कर लिए थे।
रेड अलर्ट होने के बावजूद जबरदस्ती डिप्टी सीएम को वहां ले जाने की जिद की और अपनी जिद में माफिया ताकतों को ससंरक्षण देने वाले और खुद पूरा स्मगलिंग का गिरोह चलाने वाले मंत्री के पुत्र ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी। यह गाड़ी सिर्फ किसानों के ऊपर नहीं चढ़ी है, यह हमला लोकतंत्र के ऊपर है संविधान के ऊपर है और निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश को पुलिस माफिया राज में तब्दील नहीं होने दिया जाएगा।'
वहीं, समाजसेवी डा. चतुरानन ओझा ने जनज्वार से बात करते हुए कहा, 'टेनी ने कुछ दिन पहले जो बयान दिया था उसमें जो धमकी थी उस पर कार्यवाही ना करने का परिणाम है यह घटना। उन्होंने मंत्री बनने से पहले के अपने पृष्ठभूमि को याद दिलाया था और उसी पृष्ठभूमि के अनुरूप उनके बेटे और उनके गुंडों ने किसानों पर हमला बोल दिया। इसके लिए सरकार का असंवेदनशील व दमनकारी चरित्र जिम्मेदार है। इस गुंडे मंत्री और उसके संरक्षक सरकार के प्रतिनिधियों को भी इस्तीफा दे देना चाहिए। किसान आंदोलन को कुचलने के किसी भी कार्यवाही को जनता बर्दाश्त नहीं करेगी, वह चाहे सरकारी पुलिस द्वारा हो या मंत्री के गुंडों के द्वारा।'