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लालू पुत्र तेजप्रताप ने बनाया अपना अलग संगठन, क्या पार्टी व परिवार में और बढ़ेगी दरार?

Janjwar Desk
6 Sept 2021 9:33 PM IST
लालू पुत्र तेजप्रताप ने बनाया अपना अलग संगठन, क्या पार्टी व परिवार में और बढ़ेगी दरार?
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लालू प्रसाद के दोनों पुत्रों तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच दरार की खबरें सुर्खियां बन रहीं हैं (File photo)

तेजप्रताप ने अपने एक अलग संगठन छात्र जनशक्ति परिषद का गठन कर लिया है, प्रशांत प्रताप को संगठन का अध्यक्ष बनाया गया है, इसके गठन का एलान करते हुए तेजप्रताप ने कहा, यह संगठन बिहार के बाहर भी छात्रों के पक्ष में काम करेगा..

जनज्वार ब्यूरो, बिहार। लालू प्रसाद यादव की पार्टी और परिवार में घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। लालू प्रसाद के बड़े पुत्र व विधायक तेजप्रताप यादव तथा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बीच लगातार बयानों के तीर चल रहे हैं। इन सबके बीच तेजप्रताप अपना एक अलग संगठन छात्र जनशक्ति परिषद का गठन कर लिया है। उन्होंने प्रशांत प्रताप को संगठन का अध्यक्ष बनाया है।

इसके गठन का एलान करते हुए तेजप्रताप ने कहा, "यह संगठन बिहार के बाहर भी छात्रों के पक्ष में काम करेगा।" तो इधर इसे लेकर बीजेपी ने लालू प्रसाद यादव और राष्ट्रीय जनता दल पर तंज कसा है। तेजप्रताप द्वारा अलग संगठन बनाए जाने पर बिहार सरकार में बीजेपी कोटे के मंत्री नीरज कुमार बबलू और सम्राट चौधरी ने एक साथ तंज कसा है।

मंत्री नीरज कुमार बबलू ने तंज करते हुए तेजप्रताप को टैलेंटेड बताया है। बीजेपी में सहयोग कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव जी टैलेंटेंड नेता हैं।


(तेजप्रताप खुद को कृष्ण और तेजस्वी को अर्जुन बताते हैं)

उन्होंने कहा कि आरजेडी का छात्र विंग पूरी तरह से निकम्मा हो गया है जिस पर तेजप्रताप को विश्वास नहीं रह गया है। इसलिए अपने टैलेंट का उपयोग करते हुए तेजप्रताप ने अपना नया विंग बनाया है। जिसका नाम तेजप्रताप ने छात्र जनशक्ति परिषद दिया है। नए विंग बनाए जाने को लेकर हम तेजप्रताप को शुभकामना देते हैं। वे इसी तरह से आगे बढ़े और अपने टैलेंट का उपयोग करते हुए जनता की सेवा करें।

बीजेपी नेता नीरज कुमार बबलू ने कहा कि हम सीधे तौर पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को यह कहना चाहेंगे कि जो व्यक्ति अपने परिवार को नहीं संभाल कर रख सकता वो राज्य के लिए क्या कर सकते हैं? तेजप्रताप यादव को टैलेंट के अनुसार पार्टी में जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। हर व्यक्ति को अपने टैलेंट को निखारना चाहिए। अगर हमारी पार्टी को जरूरत होगी तब विचार करेंगे लेकिन अभी पार्टी को जरूरत नहीं है।

बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार ने लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप की खूब बड़ाई की है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यदि वेकंसी होगी तो तेजप्रताप को जरूर शामिल करेंगे। तेजप्रताप ने राजद के नए विंग की शुरुआत की है।

वहीं, बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने भी तेजप्रताप यादव पर तंज कसा। सम्राट चौधरी ने कहा कि मंत्री नीरज कुमार बबलू ने यह स्पष्ट रुप से कह दिया है कि आरजेडी अक्षम हो गयी है। आरजेडी के युवराज अब अपना एक अलग विंग बना रहे हैं। अब आरजेडी अक्षम हो गयी है तो हम लोग क्या कर सकते हैं। राजद जब अक्षम हो गयी तब तेजप्रताप ने अपनी अलग दुकान खोल दी है।

इससे पहले तेजप्रताप यादव ने अपने संगठन को लांच करते हुए कहा, "राजद को सशक्त करने के लिए यह नया सामाजिक संगठन बनाया गया है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून और बेरोजगारी सरीखे अहम मुद्दों को उठाने का काम करेगा।"

उन्होंने आगे कहा, "हम इसके जरिए बिहार में नए आंदोलन की शुरुआत करेंगे, जो कि दूसरे राज्यों तक भी पहुंचेगा। छात्र राजद अलग काम करेगा, जबकि यह दूसरी तरह से चलेगा। यह अलग काम करेगा। हमने इसे पंजीकृत कराया है।"

उधर BJP प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, "परिवार में जिसके साथ अन्याय हुआ है वह अपने वजूद के लिए लड़ेगा। तेज प्रताप बार-बार इस कुंठा को व्यक्त करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने अब छात्रों के नाम पर अपना नया संगठन बना लिया है, लेकिन दुर्भाग्य से उन्होंने खुद अच्छी शिक्षा ठीक से नहीं ली है। क्या अब यह फर्जी छात्र (तेज) चलाएगा छात्रों का संगठन?"

बता दें कि तेजप्रताप के करीबी आकाश यादव को पार्टी की छात्र विंग से हटाए जाने के बाद से विवाद और बढ़ गया है। आकाश यादव ने हालांकि, तुरन्त खेमा बदल लिया और लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) का दामन थाम लिया। पार्टी और परिवार से जुड़े लोगों का कहना है कि लालू प्रसाद सहित पार्टी के सभी बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं ने तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार कर लिया है। बीते विधानसभा चुनावों में जब लालू प्रसाद जेल में थे तब तेजस्वी ने कम अनुभव होते हुए भी सत्ताधारी एनडीए को तगड़ी फाइट दी थी। महज कुछ सीटों के अंतर से ही पार्टी सरकार बनाने से चूक गई थी।

उस विधानसभा चुनाव में पक्ष-विपक्ष के कुल वोटों में ज्यादा का अंतर नहीं था। ऐसे में यह तय हो गया है कि राजद भविष्य में तेजस्वी के नेतृत्व में ही चलने वाली है। तेजप्रताप यादव वैसे तो खुद को तेजस्वी को अर्जुन और खुद को कृष्ण बताते रहते हैं लेकिन बीच बीच में कुछ ऐसा कर जाते हैं जिससे पार्टी की मुश्किलें बढ़ जातीं हैं। हालांकि पार्टी और परिवार से जुड़े लोगों का एक खेमा यह भी कह रहा है कि ऐसा जो कुछ वे करते हैं उनमे परिवार के एक वरीय सदस्य का ही उन्हें वरदहस्त मिलता रहता है।

परिवार और पार्टी से जुड़े सूत्र यह भी कहते हैं कि छात्र राजद के प्रभार से आकाश यादव को प्रदेश राजद अध्यक्ष जगदानंद ने मुक्त नहीं किया है। प्रदेश अध्यक्ष ने सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेश को लागू किया है। आदेश यह भी है कि तेजप्रताप यादव रास्ते पर नहीं आयें तो निलंबित किया जाये। उसके बाद भी सुधार नहीं हुआ तो पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाये। अंदरूनी सूत्रों का यहां तक दावा है कि लालू प्रसाद ने तेजप्रताप यादव को सीमा में रहने की सलाह दी है।

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