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मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश : कांग्रेस के लिए प्रचार करने वाले कंप्यूटर बाबा सहित छह इंदौर में गिरफ्तार, आश्रम को बुलडोजर से तोड़ा

Janjwar Desk
8 Nov 2020 7:09 AM GMT
मध्यप्रदेश : कांग्रेस के लिए प्रचार करने वाले कंप्यूटर बाबा सहित छह इंदौर में गिरफ्तार, आश्रम को बुलडोजर से तोड़ा
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कंप्यूटर बाबा कभी भाजपा के करीबी रहे थे, लेकिन कमलनाथ की सरकार बनने पर उनके करीबी हो गए, ऐसे में जब फिर शिवराज सरकार बनी तो उनके लिए दिक्कतें शुरू हो गईं, उस पर उन्होंने उपचुनाव में कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल होने वाले 22 विधायकों को गद्दार बता दिया...

जनज्वार। मध्यप्रदेश के इंदौर में पुलिस ने कंप्यूटर बाबा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने इंदौर में कंप्यूटर बाबा का आश्रम खाली कराया है। प्रशासन ने आश्रम के द्वारा अतिक्रमित भूमि को खाली कराया है। इसके साथ ही कंप्यूटर बाबा साहित छह लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

कंप्यूटर बाबा ने हाल में संपन्न हुए मध्यप्रदेश के उपचुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार किया था, जबकि राज्य में अभी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। 28 सीटों के लिए हुए उपचुनाव का परिणाम राज्य में सत्ता संतुलन को प्रभावित करेगा।

कंप्यूटर बाबा एक समय में भाजपा के करीब भी रहे थे। भाजपा सरकार ने कंप्यूटर बाबा सहित कुछ संतों को मंत्री का दर्जा दिया था।

मात्र 36 साल के कंप्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी है। रविवार को पुलिस प्रशासन ने जम्बूरी हप्सी गांव स्थित उनके आश्रम पर कार्रवाई की। उन पर आरोप है कि उन्होंने 46 एकड़ जमीन में तीन एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके आश्रम बनाया है।


शिवराज सिंह के साथ कंप्यूटर बाबा का फाइल फोटो।

कंप्यूटर बाबा पर आश्रम निर्माण में अनियमितता का आरोप लगने के बाद राजस्व विभाग ने इसकी जांच की थी और जिला कलेक्टर मनीष सिंह के आदेश पर प्रशासन की टीम रविवार सुबह अतिक्रमित जमीन खाली कराने मौके पर पहुंची।

इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए इसे बदले की कार्रवाई बताया है और इसकी निंदा की है।

वैष्णव संप्रदाय से ताल्लुक रखने वाले कंप्यूटर बाबा को पूर्व की कमलनाथ सरकार ने नर्मदा, क्षिप्रा और मंदाकिनी नदियों के संरक्षण के लिए गठित न्यास का अध्यक्ष बनाया था। उन्होंने चुनाव से पहले साधु संतों के साथ लोकतंत्र यात्रा निकाली थी और कांग्रेस से बगावत कर भाजपा के साथ जाने वाले 22 विधायकों को गद्दार बताया था।

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