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'गोडसे ज्ञानशाला' खोलने पर दिग्विजय ने नाथूराम को बताया पहला आतंकी तो भड़की प्रज्ञा ठाकुर
जनज्वार ब्यूरो। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देश का पहला आतंकवादी बताए जाने पर भाजपा की भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि कांग्रेस हमेशा देशभक्तों को गाली देती रही है।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि दिग्विजय सिंह को पहला आतंकी बताए जाने पर कहा कि वे भगवा आतंकवाद की बात करते हैं और इससे बुरा क्या हो सकता है।
Congress has always abused the patriots. He has said 'Bhagwa aatank' (Saffron terror), what can be worse than this: BJP MP Pragya Singh Thakur on being asked 'Congress leader Digvijaya Singh called Godse the first terrorist' pic.twitter.com/mB0LlB3qL8
— ANI (@ANI) January 13, 2021
दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट कर कहा है कि महामना मदन मोहन मालवीय महात्मा गांधी के अनुयायी व साथी रहे, जिन्होंने हिंदू महासभा की स्थापना की थी। वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे और आज उस हिंदू महासभा के लोग महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित कर रहे हैं। शर्म करो। इसके पीछे किसका छिपा हुआ हाथ है।
महामना मदन मोहन मालवीय जी जो कि महात्मा गॉंधी के अनुयायी व साथी रहे, जिन्होंने हिंदू महासभा स्थापित की, अखिल भारतीय कॉंग्रेस के ३ बार अध्यक्ष रहे आज उस हिंदू महासभा के लोग महात्मा गॉंधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महामंडित कर रहे हैं!! शर्म करो। इसके पीछे किसका छुपा हुआ हाथ है? https://t.co/aYZv5yycES
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 13, 2021
क्या है मामला?
दरअसल, रविवार को विश्व हिंदी दिवस के मौके पर मध्यप्रदेश के ग्वालियर में गांधी जी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की विचारधारा पर केंद्रित लाइब्रेरी अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने खोली थी। यह लाइब्रेरी गोडसे की विचारधारा के प्रचार प्रसार और उसे राष्ट्र भक्त करार देने के लिए खोली गयी। ग्वालियर के दौलतगंज इलाके में खोली गयी इस लाइब्रेरी का नाम गोडसे ज्ञानशाला रखा गया, जहां उसके लेख व भाषण उपलब्ध कराये गए।
हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने इस लाइब्रेरी की स्थापना को लेकर कहा कि यह लाइब्ररी इस उद्देश्य से खोली गयी ताकि दुनिया को यह बताने के लिए खोली गयी कि असली राष्ट्रभक्त गोडसे कैसी शख्सियत थे। वे अविभाजीत भारत के लिए खड़े हुए और मर गए, यह लाइब्रेरी आज के अनजान युवाओं को गोडसे के बारे में बताने के लिए खोली गयी है। उन्होंने कहा कि नेहरू और जिन्ना दोनों देश पर शासन करना चाहते थे और गोडसे ने इसका विरोध किया था।
ग्वालियर को गोडसे लाइब्रेरी खोलने के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि यहीं पर उसने गांधी जी को मारने की साजिश रची थी और इसके लिए एक पिस्तौल खरीदी थी। हालांकि इस लाइब्रेरी को खोले जाने के बार शिवराज सरकार की आलोचना शुरू होने के बाद इसे बंद करा दिया गया। मंगलवार को प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए लाइब्रेरी बंद करवा दी और वहां धारा 144 लगा दी। इससे पहले ग्वालियर में गोडसे का मंदिर स्थापित करने की कोशिश हुई थी लेकिन कांग्रेस के विरेाध के चलते उसे भी टालना पड़ा था।