Maharashtra : औरंगाबाद-उस्मानाबाद का नाम बदलने के बाद उद्धव पर फूटा अबु आजमी का गुस्सा, पूछा - मुसलमानों से नफरत क्यों?
सपा नेता अबु आजमी ने दुष्कर्म को लेकर किए अजीबोगरीब दावे
Maharashtra : महाराष्ट्र के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद भी उद्धव ठाकरे की मुसीबतें कम नहीं हुई हैं। ऐसा इसलिए कि इस्तीफा देने से पहले औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलना सपा नेता अबु आजमी का रास नहीं आया। सत्ता जाते ही उद्धव ठाकरे का हिंदुत्व के एजेंडे पर एक बार फिर से लौटने पर सपा नेता का गुस्सा उद्धव ठाकरे पर फूटा है। उन्होंने शिवसेना प्रमुख से पूछा है कि आखिर मुसलमानों से आपको इतनी नफरत क्यों हैं?
समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी ने सीएम उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि मुसलमानों को जान बूझकर दरकिनार किया गया है। मुसलमानों से शिवसैनिकां को इतनी नफरत क्यों है? सपा नेता ने कहा कि बैसाखी पर अटकी महाविकास अघाड़ी सरकार के नेता उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा देने से पहले फैसला लिया कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव रखा जाएगा। इसके बाद एक बार फिर वहीं सवाल जिंदा हो गया है कि भाजपा हो या एमवीए, सभी के सभी मुसलमानों को दरकिनार करना चाहते हैं।
नाम बदलने पर छलका सपा नेता का दर्द, क्या करे मुसलमान?
सपा नेता अबु आजमी ने कहा कि मुझे दुख है कि हम जिनका समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने कहा था कि 30 साल गलत लोगों के साथ रहने के बाद अब वे धर्मनिरपेक्ष होंगे, आखिरी दिन ऐसा कर रहे हैं। मैं शरद पवार और सोनिया गांधी को बताना चाहता हूं कि सरकार हमारे समर्थन से है, अगर सरकार ऐसा कदम उठाती है, तो हम कहां जाएंगे? मैं शरद पवार, अजीत पवार, अशोक चव्हाण, बालासाहेब थोराट को बताना चाहता हूं। हम क्या करें? मुसलमानों को दरकिनार किया जा रहा है। मैं इसकी निंदा करता हूं।"
एनसीपी और कांग्रेस का असली चेहरा आया सामने
अबु आजमी की बातों से साफ है कि एमवीए सरकार बनाते समय शिवसेना प्रमुख ने सभी से हमेशा धर्मनिरपेक्ष गुट में बने रहने का भरोसा दिया था। सत्ता जाते ही सियासी चोला बदलने से मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। फिर, इस्तीफा देने से पहले औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव करना मुसलमानों के साथ धोखा जैसा है। इतना ही नहीं नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम बदलकर स्वर्गीय दिनकत बालू पाटिल रख दिया। अबु आजमी की बातों से लगता है कि जब एमवीए सरकार के गठन के बाद शिवसेना की इस मांग का एनसीपी और कांग्रेस ने समर्थन नहीं किया था तो अब करने की क्या जरूरत थी। महाराष्ट्र कांग्रेस ने अब पुणे शहर का नाम बदलने की मांग उठाई है। कांग्रेस ने प्रस्ताव दिया है कि पुणे शहर का नाम बदलकर जीजाऊ नगर किया जाए।