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राष्ट्रीय

नारदा केस में टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी बैठीं धरने पर

Janjwar Desk
17 May 2021 9:19 AM GMT
नारदा केस में टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी बैठीं धरने पर
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Mamta Banergee File Photo.

इस स्टिंग ऑपरेशन में मौजूदा बीजेपी नेता मुकुल राय, मौजूदा बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी, सुब्रत मुखर्जी, सुल्तान अहमद, काकोली घोष दस्तीदार, प्रसून बनर्जी, सोवन चटर्जी, मदन मित्रा, इकबाल अहमद और फिरहाद हकीम का नाम सामने आया था।

जनज्वार ब्यूरो। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार बनने के बाद एक बार फिर से नारदा घोटाले पर सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। आज सोमवार की सुबह सीबीआई ने बंगाल सरकार में कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम व सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और सोवन चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार इन चारों नेताओं को आज अदालत में पेश किया जाएगा। नारदा केस में सीबीआई आज कोर्ट में चार्जशीट पेश करेगी।

क्या है नारदा घोटाला

2016 में नारद न्यूज़ के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने एक स्टिंग वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में तृणमूल कांग्रेस के सांसद, मंत्री, विधायक लाभ के बदले कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर रिश्वत लेते नजर आये। मार्च 2017 में कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।


इस स्टिंग ऑपरेशन में मौजूदा बीजेपी नेता मुकुल राय, मौजूदा बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी, सुब्रत मुखर्जी, सुल्तान अहमद, काकोली घोष दस्तीदार, प्रसून बनर्जी, सोवन चटर्जी, मदन मित्रा, इकबाल अहमद और फिरहाद हकीम का नाम सामने आया था।

सीबीआई के कोलकाता स्थित कार्यालय पहुँचकर ममता बनर्जी धरने पर बैठीं

नारदा केस मामले में टीएमसी के चार नेताओं की गिरफ्तारी होने के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता स्थित सीबीआई के ऑफिस पहुंची। नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में ममता बनर्जी निजाम पैलेस के पास स्थित सीबीआई के ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गयी हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मांग की है कि उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाए क्योंकि वह निजाम पैलेस पर धरना दे रही हैं।

टीएमसी के नेताओं की गिरफ्तारी को पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने अवैध बताया है। उन्होंने कहा- सीबीआई द्वारा की गयी ये गिरफ्तारियां गैर कानूनी है जो कि सिर्फ गवर्नर की स्वीकृति पर की गई है। इन गिरफ्तारियों के संबंध में ना तो मुझे पूर्व में कोई पत्र ही दिया गया और न ही मुझसे अनुमति ली गयी।

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