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मोदी सरकार ने 3600 करोड़ रुपए के VVIP हेलिकॉप्टर घोटाले के आरोपी अगस्ता वेस्टलैंड से हटाया बैन, 360 करोड़ रिश्वत देने का लगा था आरोप

Janjwar Desk
7 Nov 2021 5:56 AM GMT
मोदी सरकार ने 3600 करोड़ रुपए के VVIP हेलिकॉप्टर घोटाले के आरोपी अगस्ता वेस्टलैंड से हटाया बैन, 360 करोड़ रिश्वत देने का लगा था आरोप
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भारत सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड से बैन हटाने का फैसला लिया।

भारत ने इटली की डिफेंस कंपनी लिओनार्डो एसपीए के साथ व्यापार सौदों पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है। यह कंपनी 3,546 करोड़ रुपये के कुख्यात वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में शामिल अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल से जुड़ी फिनमेकेनिका का हिस्सा रही है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इटली की रक्षा साजोसामान बनाने वाली कंपनी लिओनार्डो एसपीए के साथ व्यापार सौदों पर लगी रोक को हटाने का बड़ा फैसला लिया है। यह कंपनी 3,546 करोड़ रुपए के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में शामिल अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल से जुड़ी फिनमेकेनिका समूह का हिस्सा है। रक्षा मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ लियोनार्डो एसपीए के साथ व्यापार फिर से शुरू करने का फैसला लिया है।

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भारत के खिलाफ मुकदमा दायर नहीं कर सकेगी कंपनी

इटालियन डिफेंस कंपनी लियोनार्डो एसपीए किसी भी पिछले सौदे के लिए कोई व्यावसायिक दावा और भारत सरकार के खिलाफ कोई नागरिक मुकदमा दायर नहीं कर सकता है। इसके अतिरिक्त जो भी व्यापारिक सौदे होंगे उसका उसके पहले के सौदों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से कथित वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले की चल रही जांच के जारी रहेगी।

लियोनार्डों एसपीए और इटली सरकार ने बैन हटाने की अपील की थी

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इतालवी कंपनी पर से प्रतिबंध हटाने का फैसला एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया। यह निर्णय विधि मंत्रालय के साथ परामर्श के बाद निर्णय लिया गया है। इससे पहले लियोनार्डो एसपीए की ओर की ओर से बैन खत्म कर फिर से डिफेंस डील करने का अनुरोध किया गया था। इटली बार-बार भारत से द्विपक्षीय वार्ता में प्रतिबंध हटाने की मांग करता रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अक्टूबर को रोम में जी -20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष मारियो ड्रैगी के साथ पहली बार व्यक्तिगत बैठक भी की थी।

1200 करोड़ का सौदा करना पड़ा था रद्द

ताजा अपडेट के मुताबिक लियोनार्डो एसपीए और उसकी सहायक कंपनियों पर प्रतिबंध के कारण अंतरराष्ट्रीय हथियार बाजार में भारत के पास विकल्प सीमित हो गए थे। प्रतिबंध की वजह से समूह टॉरपीडो और 127 मिमी नौसैनिक बंदूकों से लेकर रडार और कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लेकर हथियार प्रणालियों की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करता है। घोटाले का शुरुआती असर हुआ था कि मझगांव डॉक्स में बनाई जा रही 6 फ्रांसीसी मूल की स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के लिए फिनमेकेनिका की सहायक कंपनी से ब्लैक शार्क भारी वजन वाले टॉरपीडो खरीदने के लिए भारत के प्रस्तावित 1,200 करोड़ रुपये के सौदे को रद्द करना पड़ा था।

2010 में हुआ सौदा

2012 की शुरुआत में 3,546 करोड़ रुपए के वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए भारतीय राजनेताओं, नौकरशाहों और वायुसेना के अधिकारियों को 360 करोड़ रुपए रिश्वत के रूप में दिए जाने का आरोप लगा था। यह सौदा 2010 में किया गया था। रक्षा मंत्रालय ने पहले अगस्ता वेस्टलैंड को सभी भुगतान रोक दिए थे। 2013-2014 में अनुबंध को समाप्त कर दिया था। इस मामले में सीबीआई ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी, फिनमेकेनिका के सीईओ ग्यूसेप ओरसी, अगस्ता वेस्टलैंड के खिलाफ मामला दर्ज किया था। प्रमुख ब्रूनो स्पाग्नोलिनी और कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स सहित अन्य लोग भी इसमें फंसे थे।

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