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National Unemployment Day : मोदी की कथनी और करनी के फर्क पर क्या बोले कानपुर के लोग, अडानी को छोड़ क्या दिवालिया हो जाएंगे छोटे व्यापारी
National Unemployment Day : आज 17 सितंबर विश्व बेरोजगारी दिवस है। दूसरी तरफ प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। तो वहीं तीसरी तरफ आज ही के दिन विश्वकर्मा पूजा का भी दिन है। हम विश्वकर्मा पूजा की बात नहीं करेंगे। क्योंकि इस विश्वकर्मा पूजा को जो लोग मनाते थे वह दिवालिया होने की कगार पर पहुँच चुके हैं। अडानी और अंबानी मनाते हों ऐसा लगता नहीं।
विश्वकर्मा पूजा ना मनाए जाने का कारण बताते हुए हमें चप्पल व्यवसायी रज्जाक खान ने बताया कि, इस दिन जो हर्षोल्लास 2014 से पहले हुआ करता था वह अब समाप्त हो गया है। कारन जानने पर पता चला कि मौजूदा सरकार ने छोटे व्यापारियों पर इतने तरह के टैक्स लाद दिये हैं कि उनकी पीठ दर्द करने लगी है। नतीजतन कर्मचारी कम हो गये और काम मंदा पड़ गया है।
आगे मुस्लिम एरिया इफ्तिखाराबाद में बढने पर हमें कुछ युवा एक पार्क में आपसी गुफ्तगूं करते दिखे। हमने उनसे उनके काम और खलिहर होने की स्थिति को लेकर सवाल किया तो पता लगा कि सभी के सभी बेरोजगार हैं, तभी पार्क में बैठकर एक दूसरे से नौकरी की खोजबीन को लेकर ब्लू-प्रिट तैयार कर रहे हैं।
हैरत की बात यह की इन दिनों जो तबका सबसे अधिक नौकरियों से निकाले जाने का दंश झेल रहा है वह मुस्लिम तबका है। इस मुहल्ले के रहने वाले इरफान खान, शरीफउल्ला, मो0 उरफी और इफ्तीखार अली ने हमें बताया कि नौकरी से अधिक हिंदू और मुसलमान के नाम पर भेद किया जा रहा है।
लखीमपुर खीरी वाले कांड से लेकर बुलडोजर तक बात करते हुए इरफान ने हमसे कहा कि 'जब आरोपी के पिता ने जुनैद को गिरफ्तार करा दिया था तो उसे गोली मारने की जरूरत क्या थी? इसका साफ संदेश है कि योगी सरकार की पुलिस जताना चाहती थी कि वो कट्टर हिंदू सरकार की पुलिस है। इस देश में जितना हक हिंदू का है उतना मुसलमान का भी है।'
शरीफुल्ला हमसे बात करते हुेकहते कहते हैं कि 2014 करे बाद सबसे अधिक भ्रष्टाचार बढ़ा है। उनका दावा है कि जितने भृष्टाचारी अब तक नहीं पनपे थे वो अब सिर उठा रहे हैं। कोरोना काल में बच्चों की पीस से लगाकर सरकार ने उनके लिए किया ही क्या है? उन्होने कहा कि आज प्रधानमंत्री का कमरा तो उपहारों से भर जाएगा लेकिन उनका और उनके परिवार का खाली पेट कैसे भरेगा?
कानपुर शहर के इफ्तीखाराबाद में ही मिले मोहम्मद उर्फी ने तंज भरे लहजे में बहुत रोचक जानकारी दी। वह ये कि प्रधानमंत्री नरे्ंद्र मोदी ने पकौड़े लने को भी रोजगार बताया थाी। कोई भी एमबीए पास युवक यह स्वनामध्न्य रोजगार कर सकता है। जी न्यूज के कार्यालय के बाहर लगने वाली रेहड़ी का एक बार पीएम ने जिक्र भी किया था। तो इस युवक के मुताबिक एमबीए वाले पकौड़े तलें, और खुद को सौौभाग्यशाली समझें। पकौड़े की रेहड़ी कहां लागाएं, जगह वो अपने हिसाब से देख लें?
बहरहाल लोग यह भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी अपने मित्र गौतम अडानी को दुनिया का नंबर एक रइश बनाने पर तुले हुए हैं। अडानी साल 2013 से पहले 263 वें नंबर के अमीर ते अब साल 202ै2 में जाकर वह दूसरे नंबर पर आए हैं। इसमें लोग मोदी का हाथ देख रहे हैं। हो सकता है लोगों की बात ठीक भी हो बशर्ते वे हमारे प्रधानमंत्री हैं कहना और बोलना वही चाहिए जिसे वे पूरा कर सकें।