Neeraj Chopra Biography: कैसे एक 'अनफिट' लड़का बन गया हिंदुस्तान का लाडला, एक साल तक बंद रखा था फोन

Neeraj Chopra Biography: कैसे एक 'अनफिट' लड़का बन गया हिंदुस्तान का लाडला, एक साल तक बंद रखा था फोन
Neeraj Chopra Biography: पहले टोक्यो और अब अमेरिका में नीरज चोपड़ा की कड़ी मेहनत के बाद तिरंगा लहराया. जिसे पूरी दुनिया ने देखा और भारतीयों का लोहा माना. जी हां नीरज चोपड़ा ने टोक्यो में गोल्ड जीतने के बाद अब एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल अपने नाम कर हिंदुस्तानियों को फख्र महसूस कराया है. नीरज ने भालाफेंक स्पर्धा में 88.13 मीटर की थ्रो के साथ रजत मेडल जीता है. जबकि ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने इस प्रतियोगिता में गोल्ड और गणराज्य के याकूब वालडेश ने ब्राउंज मेडल जीता है. गोल्ड जीतने वाले एंडरसन पीटर्स ने 90.46 मीटर के साथ मेडल अपने नाम किया है.
खतरे में पड़ गया था नीरज चोपड़ा का करियर
दुनियाभर में हिंदुस्तान की गूंज सिर्फ नीरज चोपड़ा की सख्त मेहनत के कारण गूंज रही है. उन्होंने अथक मेहनत की तभी वो इस मकाम पर आ पहुंचे हैं, नहीं तो एक वक्त ऐसा था जब नीरज चोपड़ा को लग रहा था कि अब वो कुछ नहीं कर पाएंगे. बात है साल 2019 की, जब वो अपनी कोहनी की चोट से दो-चार हो रहे थे. नीरज चोपड़ा का कहना था कि 2019 में उनका करियर लगभग खत्म होने की कगार पर था. क्योंकि इसी साल उन्होंने अपना ऑपरेशन कराया था. लेकिन ऑपरेशन कामयाब हुआ और नीरज चोपड़ा ने अपनी मेहनत और पसीने से जबरदस्त वापसी कर हम जैसे हिंदुस्तानियों को फख्र महसूस कराया.
नीरज ने एक साल तक बंद रखा मोबाइल
एक अखबार के लिए इंटरव्यू देते हुए नीरज चोपड़ा ने अपनी जिंदगी कई अहम राज से पर्दा उठाया था. इस दौरान उन्होंने यह भी बताया था कि जब ऑपरेशन के बाद प्रेक्टिस के लिए मैदान पर उतरे तो उन्होंने पूरी दुनिया से किनारा कर लिया था. यहां तक कि वो किसी फोन पर बात भी नहीं करते थे. तकरीबन एक वर्ष तक उन्होंने अपने मोबाइल बंद रखा. कहीं भी उन्हें जरूरी बात करनी होती थी तो वो खुद किया करते थे.
एक लम्हे ने बना दिया हिंदुस्तान का लाडला
कहते हैं कि एक लम्हा इंसान की जिंदगी बदलकर रख देता है. कुछ ऐसा ही हुआ था नीरज चोपड़ा के साथ. एक छोटे से लम्हे ने उन्हें हिंदुस्तान का लाडना बना दिया. दरअसल नीरज चोपड़ा पहले इनते फिट नहीं थे. इसके लिए वो जिम जाया करते थे. एक दिन जिम से लौटने के बाद वो नज़दीकी ग्राउंड में पहुंच गए. यहां पर कुछ बच्चे भाला फेंक रहे थे. नीरज चोपड़ा उन बच्चों को खड़े होकर सिर्फ देख रहे थे. जिसके बाद वहां मौजूद कोच ने नीरज को भाला फेंकने के लिए कहा और उन्हें भाला फेंका तो काफी दूर जाकर गिरा. बस फिर क्या था, नीरज चोपड़ा को कोच ने हर रोज़ ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी. फिर नीरज ने रुकने का नाम नहीं लिया.
हर कदम पर चैंपियन बने नीरज चोपड़ा
नीरज ने एक के बाद एक मुश्किलों को पार किया और आज हम सब के दिलों पर राज करने लगे हैं. उनका नाम जब भी हमारे सामने या जबान पर आता है तो सीना फख्र से चौड़ा हो जाता है. नीरज ने जहां-जहां कदम रखा वहां पर अपनी छाप छोड़ दी. उन्होंने-
➤ 2016 में जूनियर WAC में गोल्ड जीता
➤ 2017 में एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर जीता
➤ 2018 में जकार्ता एशियन गेम्स में गोल्ड जीता
➤ 2018 में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ में गोल्ड जीता
➤ 2021 में टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीता
➤ 2022 में डायमंड लीग में सिल्वर जीता
➤ 2022 में WAC में भी यानी आज सिल्वर जीता











