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NIA ने छत्तीसगढ़ पुलिस की नई FIR को दी चुनौती, Supreme Court ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

Janjwar Desk
20 Sep 2022 6:14 AM GMT
NIA ने छत्तीसगढ़ पुलिस की नई FIR को दी चुनौती, Supreme Court ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
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NIA ने छत्तीसगढ़ पुलिस की नई FIR को दी चुनौती, Supreme Court ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

Bastar Maoist Attack 2013 : बस्तर ( Bastar ) जिले में नौ साल पहले माओवादी हमले में मारे गए कांग्रेस नेता की जांच को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज नई एफआईआर ( FIR) को एनआई ( NIA ) ने सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) में चुनौती दी।

Bastar Maoist Attack 2013 : सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( NIA ) की एक याचिका पर सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ( Chhattisgarh ) को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। एनआईए ने बस्तर माओवदी अटैक 2013 के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा साल 2020 में दर्ज नई एफआईआर ( FIR ) को चुनौती दी है। एनआईए ने छत्तीसगढ़ पुलिस की नई एफआईआर में सियासी साजिश ( Political conspiracy ) का आरोप लगाया है। बता दें कि नौ साल पुराने माओवादी हमले में बस्तर ( Bastar ) जिले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता की हत्या हुई थी।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली ने भी 2020 में दर्ज दूसरी प्राथमिकी में स्थानीय पुलिस की जांच पर रोक लगा दी है।

इससे पहले छत्तीसगए़ पुलिस द्वारा दर्ज नई एफआईआर ( FIR ) के खिलाफ एनआईए ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में अपील की थी। हाईकोर्ट ने एफआईआर को रद्द करने या केस को एनआई को ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद एनआईए ने छत्तीसगढ हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच पर रोक लगा दी है। साथ ही स्टेट पुलिस को रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

एनआईए की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत को बताया कि 2013 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम 2008 की धारा 6 के तहत केंद्र सरकार के आदेश पर बस्तर हमले की जांच अपने हाथ में ली थी। लगभग सात के बाद वर्ष 2020 में एक नए मुखबिर के कहने पर राज्य पुलिस द्वारा उसी घटना से संबंधित एक नई प्राथमिकी दर्ज की गई। यह बड़ी साजिश का भी हिस्सा हो सकता है। साथ ही यह बड़ा अपराध है। इसलिए इसकी जांच एनआईए द्वारा की जानी चाहिए। राजू ने कहा कि एनआईए ने विशेष न्यायाधीश को पत्र लिखकर स्थानीय पुलिस को अपनी जांच रोकने और दस्तावेजों को एनआईए को सौंपने के लिए कहा था, लेकिन विशेष अदालत ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।

Bastar Maoist Attack 2013 : बता दें कि मई 2013 में बस्तर में एक चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित 29 लोगों की हत्या हुई थी। केंद्र सरकार ने एनआईए को जांच करने का निर्देश दिया था। इस मामले में 2020 में एक बड़ी राजनीतिक साजिश का आरोप लगाते हुए 2013 के हमले में जान गंवाने वाले कांग्रेस नेताओं में से एक के बेटे ने नई एफआईआर दर्ज कराई थी।

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