नीति आयोग ने जारी की राज्यों की एसडीजी रैंकिंग, पहले पायदान पर रहा केरल तो फिसड्डी रहा UP
नीति आयोग की रिपोर्ट में यूपी, बिहार सहित कई राज्यों कि रैंकिंग खराब आई है.ऐसे में यूपी 2022 के चुनाव भी हैं.
जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। केंद्र सरकार के थिंकटैंक कहे जाने वाले नीति आयोग ने गुरुवार 3 मई को राज्यों की रैंकिंग जारी की थी। सतत विकास लक्ष्य यानी एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 की जारी इस सूची में केरल एक बार फिर पहले पायदान पर काबिज है, वहीं दूसरे नंबर पर हिमाचल प्रदेश रहा। केरल को 75 और हिमाचल को 74 अंक मिले हैं। हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ तमिलनाडु भी दूसरे स्थान पर रहा है।
इस रिपोर्ट के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पैरामीटर्स पर प्रगति का आकलन किया जाता है। इस साल यूपी, बिहार, झारखंड और असम सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गुरूवार को एसडीजी इंडेक्स का तीसरा एसडीजी इंडेक्स जारी किया।
रिपोर्ट में केंद्रशासित प्रदेशों में 79 अंकों के साथ चंडीगढ़ पहले नंबर, जबकि 68 अंकों के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर रहा। देश के ओवरऑल एसडीजी इंडेक्स 2020-21 में छह अंकों का सुधार हुआ है। 2019 में यह 60 था और अब बढ़कर 66 हो गया।
वर्ष 2020-21 में सबसे ज्यादा फायदा मिजोरम, हरियाणा और उत्तराखंड को हुआ। इन तीनों राज्यों के अंकों में 2019 की तुलना में क्रमश: 12, 10 और 8 अंकों की बढ़ोतरी हुई। उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, मिजोरम, पंजाब, हरियाणा, त्रिपुरा, दिल्ली, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख ने 65 से अधिक अंक हासिल किए।
हिमाचल प्रदेश ने लोगों को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा मुहैया करवाई है। इसके अलावा प्रदेश में बेहतर काम और आर्थिक विकास हुआ है, जिसके आधार पर राज्य देश भर में दूसरे नंबर पर रहा।
नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में केरल - 75 अंक, हिमाचल प्रदेश व तमिलनाडु - 74 अंक, आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड - 72 अंक, सिक्किम - 71, महाराष्ट्र - 70 अंकों के साथ ही खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य-केंद्र शासित प्रदेशों में छत्तीसगढ़, नगालैंड, ओडिशा - 61, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, राजस्थान, उत्तर प्रदेश - 60, असम - 57, झारखंड - 56, बिहार -52 अंक हासिल हुए।
नीति आयोग द्वारा जारी हुआ तीसरा एसडीजी इंडेक्स में सबसे कम रेटिंग उत्तर प्रदेश की रही। ऐसे में जब उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा के चुनाव का समय नजदीक आ रहा है तब यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण है जो सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की छवि पर बट्टा लगाने के लिए मायने रखेगा।