Pakistani Citizen in Indian Jail : यूपी सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका, कोर्ट ने कहा- पाकिस्तानी नागरिक को जेल से रिहा कर उसके देश वापस भेजें

Pakistani Citizen in Indian Jail : यूपी सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- पाकिस्तानी नागरिक को जेल से रिहा कर उसके देश वापस भेजें (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Pakistani Citizen in Indian Jail : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें उसने एक पाकिस्तानी नागरिक (Pakistani Citizen in Indian Jail) की हिरासत को और बढ़ाने की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा कि है उसे आगे हिरासत में रखना अनुच्छेद 21 का उल्लंघन होगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की बेंच ने पाकिस्तानी नागरिक (Pakistani Citizen in Indian Jail) तासीन अजीम उर्फ लारेब खान की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को निस्तारित करते हुए यह आदेश पारित किया है। आपको बता दें कि तासीन अजीम को साल 2006 में लखनऊ के छावनी इलाके से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। डीडब्ल्यू की एक रिपेार्ट के अनुसार अजीम पर पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के लिए भर्ती और भारतीय सेना से जुड़े गोपनीय जानकारी इकट्ठा करने का आरोप लगाया गया था। अजीम पर फर्जी दस्तावेजों के साथ लखनऊ में रहने का भी आरोप था।
पाकिस्तानी नागरिक पर कोर्ट ने और क्या कहा?
आदेश देते हुए बेंच की ओर से कहा गया, "उपरोक्त चर्चाओं (अदालत में तर्क) के आलोक में हमारा विचार है कि चूंकि दोष साबित होने से पहले ही उसने दी गई सजा को पूरा कर लिया है और बिना किसी पासपोर्ट या वीजा के एक विदेशी नागरिक (Pakistani Citizen in Indian Jail) है, इसलिए उसे अगर अन्य मामले में आवश्यक न हो, तो उसे उसके देश वापस भेज दिया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 20, 21 और 22 में प्रदत्त मौलिक अधिकार भारत के गैर नागरिकों को भी हासिल है। हाईकोर्ट ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मामले में निचली अदालत की अजीम को बरी किए जाने के खिलाफ उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की दायर याचिका को भी खारिज कर दिया है।
पाकिस्तानी नागरिक अजीम पर लगाए गए थे जासूसी के आरोप
अजीम (Pakistani Citizen in Indian Jail) पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने, पाकिस्तान की आईएसआई के साथ साजिश करने और भारतीय सेना और देश के खिलाफ खुफिया जानकारी साझा करने सहित कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। हालांकि, पुलिस अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दे पाई। लेकिन उसे आठ साल जेल की सजा सुनाई गई, जो 2014 में पूरी हुई। जिसके बाद उसके खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया गया जिसमें अजीम को चार साल की सजा हुई. यह सजा भी 30 सितंबर 2018 को पूरी हुई, लेकिन उसके बाद भी उसे जेल में ही रखा गया। अजीम ने कुल 12 साल की सजा काटी और 2018 से जेल वह जेल में है।
भारतीय जेलों में कितने पाकिस्तानी नागरिक हैं?
अपने अपराधों के लिए सजा काटने के बावजूद भारत और पाकिस्तान दोनों में सैकड़ों लोग जेल (Pakistani Citizen in Indian Jail) में रहने को मजबूर हैं। हालांकि, 2008 के कांसुलर एक्सेस समझौते के तहत, दोनों देश हर साल जनवरी और जुलाई को अपने बंदियों की सूची का आदान-प्रदान करते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच शांति को बढ़ावा देने के लिए काम करने वाले एक गैर-सरकारी संगठन आगाज-ए दोस्ती के मुताबिक 1 जनवरी 2021 तक 263 पाकिस्तानी भारतीय जेलों में बंद थे। इनमें से 67 ने अपनी सजा पूरी कर ली है। आगाज-ए दोस्ती के मुताबिक पाकिस्तानी जेलों में 49 भारतीय नागरिक हैं। इनमें से 32 ने अपनी सजा पूरी कर ली है, जबकि 18 कैदियों ने पांच साल पहले अपनी सजा पूरी कर ली थी।