विश्व के राजनैतिक इतिहास में हिंदुस्तान की जनता को बनाया जा रहा है सबसे ज्यादा मूर्ख
जनज्वार ब्यूरो। मौजूदा समय में देश कोविड-19 रूपी महामारी का शिकार है। हर रोज कोविड की दूसरी लहर से संक्रमितों और मृतकों के आंकड़े हैरान कर रहे हैं। कोरोना की बीमारी भी ऐसी है जो महज आमजन पर हावी है। नेताओं की रैलियों और सभाओं में यह दम तोड़ दे रहा है, खासकर भाजपा के नेताओं से यह कोसों दूर है। इसका जीवंत उदाहरण देश के गृहमंत्री अमित शाह हैं।
भारतीय जनता पार्टी में एक से बढ़कर एक नेता हैं, जो गीता पर हाथ रखकर सफेद झूठ बोलते हैं। उनके झूठ को सुनकर जनता जनार्दन झूम जाती है। हालिया बयान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिया है। नड्डा का कहना है कि 'अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प कोविड की रोकथाम में असमर्थ थे इस कारण जनता ने उन्हें नकार दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की 130 करोड़ जनता को बचाने का काम किया है।'
नड्डा का यह बयान आज उस समय आया है जब देश मे कोरोना की आई दूसरी लहर से मरने वालों के आंकड़े भयभीत कर रहे हैं। श्मशान घाटों पर लाइन लग रही है। लाशों को जलाने के लिए लोग श्मशान घाटों पर खुद लकड़ियां लेकर पहुंच रहे हैं। भाजपा में एक नहीं बल्कि ऐसे नेताओं से पार्टी भरी पड़ी है।
इस पार्टी के प्रधानमंत्री के तो कहने ही क्या हैं। पीएम मोदी 1984 में अटल बिहारी बाजपेयी सहित खुद चुनाव हार गए थे। उस समय उनके मुताबिक ईवीएम से वोटिंग होती थी। चुनाव हारने के बाद उन्होंने इवीएम पर एक भी उंगली नहीं उठाई थी। मोदी वैसे भी समय समय पर अपनी बातों और बयानों से नए नए कीर्तिमान गढ़ते रहते हैं। जिनके लिए जादा कागज काले करने की जरूरत नहीं है, जनता जानती है।
भोजपुरी स्टार और गोरखपुर से सांसद बने रवि किशन शुक्ला योगी आदित्यनाथ की शान में कसीदे पढ़ते-पढ़ते जनता से कह गए कि 'कम खाया करो तो पखाना कम जाना पड़ेगा। गोरक्षनाथ के एक कार्यक्रम में रविकिशन ने कहा कि यहां मरने से सीधे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। ये योगी आदित्यनाथ जैसे पावन व्यक्ति की स्थली है, बस यहां पखाना मत जाया करो।' रवि किशन के इस बयान को सुनकर सभा मे बैठे योगी आदित्यनाथ खुद ठहाके लगाकर हंसने लगे थे।
हालिया समय मे कोविड का टीका लगवाने के बाद योगी आदित्यनाथ ANI को लाइव बयान देते समय कैमरामैन को गाली दे गए। हालांकि बाद में उनके मंत्रियों और प्रवक्ताओं ने इसे झुठलाने की भरपूर कोशिश की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उनका गाली वाला बयान वायरल हो चुका था। विधानसभा के अंदर योगी ने सपा विधायकों को खुलेआम धमकी दे डाली थी। जिसे देश की जनता ने देखा था।
जनता को जागरूक करने का मुख्य जरिया संवाद होता है। पीएम मोदी मन की बात के भी झूठ बोलते हैं। जो सीधे तौर पर जनता को गुमराह करने जैसा है। मीडिया के माध्यम से जनता तक सही जानकारी नहीं पहुंचने दी जा रही है। मीडिया अपनी चापलूसी में खुद पर पाबंदी लगवाकर गोदी मीडिया में तब्दील हो चुका है। वह उतना ही दिखाता और बताता है जितना उससे कहा जाता है। कुल मिलाकर देश की जनता के लिए काला समय चल रहा है। जो इस सरकार के जाने से पहले दुरस्त नहीं हो सकता।