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राफेल डील मामले में पीएम मोदी पर मुकदमा करने को लेकर दायर हुई याचिका, गोदी मीडिया में सन्नाटा

Janjwar Desk
12 April 2021 7:47 AM GMT
राफेल डील मामले में पीएम मोदी पर मुकदमा करने को लेकर दायर हुई याचिका, गोदी मीडिया में सन्नाटा
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याचिका में कथित भारतीय बिचौलिए सुशेन गुप्ता के खिलाफ भी ऐसे ही मुकदमे दर्ज करने की मांग की गयी है, मामले में शर्मा की तरफ से अदालत की देखरेख में सीबीआई जांच की मांग की गयी है....

जनज्वार/नई दिल्ली। राफेल डील में हुए कथित घोटाले का खुलासा होने के बाद सत्ता के गलियारों में हल्की बेचैनी है। यहां तक कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राफेल डील में मुकदमा चलाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है। यह याचिका मनोहर लाल शर्मा नाम के व्यक्ति की तरफ से दायर की गयी है।

याचिका में कथित भारतीय बिचौलिए सुशेन गुप्ता के खिलाफ भी ऐसे ही मुकदमे दर्ज करने की मांग की गयी है। मामले में शर्मा की तरफ से अदालत की देखरेख में सीबीआई जांच की मांग की गयी है। टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक यह याचिका 6 अप्रैल को डाली गयी थी। लेकिन मनोहर लाल शर्मा ने इसे रविवार 11 अप्रैल को सार्वजनिक किया है। इस मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि फ्रांस के एक मीडिया पोर्टल मीडियापार्ट ने दावा किया था कि भारत के प्रवर्तन निदेशालय ने सुशेन गुप्ता नाम के एक दलाल को दसॉ और उसकी सहायक कंपनियों की तरफ से दी गयी रकम की जांच की ही नहीं थी। पोर्टल की तरफ से दावा किया गया था कि गुप्ता ने रक्षा मंत्रालय से महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल किए थे। जिन्हें उसने दसॉ एविएशन को सौंप दिया था।

इन दस्तावेजों ने भारत की गुप्त नीतियों को कंपनी के सामने उजागर कर दिया था। गुप्ता द्वारा किए गए कार्य से कंपनी को राफेल जेट बेचने में मदद मिली थी। सुशेन गुप्ता अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर डील में दलाली के आरोपो के कारण मुकदमें झेल रहा है। ईडी ने 2019 में गुप्ता की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि दुबई में रहने वाले राजीव सक्सेना के पास से मिली डायरी के पता चला है कि उसने किसी 'RG' को 50 करोड़ रुपये दिए थे।

बताते चलें कि मनोहर लाल शर्मा ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद चुनाव को रद्द करने के लिए भी एक जनहित याचिका दायर की थी। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था।

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