Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

बच्चों की किताबें और घर में रखा कुकर भी उठा ले गयी पुलिस, आतंक के आरोपी मसीरूद्दीन की पत्नी

Janjwar Desk
13 July 2021 4:09 PM IST
बच्चों की किताबें और घर में रखा कुकर भी उठा ले गयी पुलिस, आतंक के आरोपी मसीरूद्दीन की पत्नी
x

(आतंकी बताकर लखनऊ से गिरफ्तार मसीरुद्दीन के परिवार से मुलाकात करता रिहाई मंच का प्रतिनिधि मंडल)

सईदा कहती है, हमारे साथ बहुत ज्यादती हो रही है, मेरी शुगर की पेशेंट बेटी कह रही है मेरे अब्बू को मिला दो, अब इसकी दवाई कौन लाएगा, इंसुलिन कौन देगा, मुहल्ले वालों से पूछ लीजिए कि कैसे थे मेरे पति...

लखनऊ, जनज्वार। लखनऊ से आतंकवाद के नाम पर गिरफ्तार मिनहाज और मसीरुद्दीन की गिरफ्तारी पर सवाल उठने शुरू हो गये हैं। इस गिरफ्तारी में एटीएस की कार्रवाई पर सवाल निशान खड़े हो रहे हैं। सामाजिक राजनीतिक संगठन रिहाई मंच ने मिनहाज और मसीरुद्दीन के परिजनों से की मुलाकात कर उनका पक्ष जाना।

रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि हर चुनाव के मौके पर मुसलमान नौजवानों को आईएसआई का एजेंट, हूजी का आतंकवादी, इंडियन मुजाहिदीन का खूंखार आतंकवादी और आईएसआईएस के लिए काम करते हुए दिखाकर गिरफ्तार किया जाता है और उनका मीडिया ट्रायल शुरू कर दिया जाता है। वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ये सब किया जाता है और वर्तमान गिरफ्तारी भी उसी श्रंखला की कड़ी है। इस समय जन साधारण महंगाई की मार झेल रहा है, लॉकडाउन से परेशान है, बेरोजगारी झेल रहा है और लॉकडाउन के कारण काम धंधा छूट जाने के कारण भूखा रहने को बेबस है। सामान्य समस्याओं से जनता का ध्यान हटाने के उद्देश्य से तथा वोटों का ध्रुवीकरण करने के उद्देश्य से सरकार ने फर्जी गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू किया है।

आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार मिनहाज के पिता शेराज ने प्रतिनिधि मंडल को बताया कि उस दिन जब एटीएस उनके घर आई तो वे नहा रहे थे। एटीएस के लोग मिनहाज के कमरे में गए और बोरी में बरामदगी का दावा करते हुए बताया। यह तकरीबन सुबह के दस बजे के आसपास का वाकया है। पहले मालूम चला कि मिनहाज को उठाकर ले गए, बाद में पता चला घर के बाहर सड़क पर किसी गाड़ी में उसे बिठाया था। 6-7 बजे शाम के करीब एटीएस वाले मीडिया से दूर अपने अमौसी स्थित हेड क्वाटर ले गए, जहां एक फार्मनुमा कागज पर दस्तखत करवाया। वहां से पुलिस चौकी दुबग्गा उनको और उनकी पत्नी को लाया गया, फिर रात 9 बजे के करीब घर पर छोड़ दिया।

मिनहाज का एक डेढ़ साल का बेटा भी है और उनकी पत्नी शिक्षिका है। मिनहाज अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है और एक बहन है, जिसकी शादी हो गई है। मिनहाज इलेक्ट्रिक ट्रेड से डिप्लोमा है और 7-8 महीने पहले बैटरी की दुकान खोली है।

वहीं आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में एटीएस द्वारा गिरफ्तार मसीरुद्दीन के घर जब रिहाई मंच प्रतिनिधि मंडल पहुंचा तो उसकी 12 साल की बेटी जो दो साल से शुगर की पेशेंट है, की हालात बीमारी और पिता के उठाए जाने के सदमे से और खराब हो गई थी। मसीरुद्दीन की तीन बेटियां और एक बेटा है। मसीरुद्दीन बैटरी रिक्शा चलाते थे, करीब सात महीने पहले इनके पिता का देहांत हो गया था।

मसीरुद्दीन की पत्नी सईदा बताती हैं, 'उस दिन सुबह 11 बजे के करीब उनको पूछा और उनको लेकर चले गए। उसके बाद हम मड़ियांव थाने गए।

सईदा रोते हुए बताती है कि वो देर से उठे थे तो चाय पीकर बैठे थे, घर ही में। दो-तीन लोग आए तो दरवाजा खड़खड़ाया तो पूछे कौन हैं, निकलकर बाहर गए तो पूछा मसीरुद्दीन कौन है तो कहे हम हैं। वो कपड़े भी नहीं पहने थे। सिर्फ बनियाइन और तहमत पहने थे उनको कपड़े भी नहीं पहनने दिया और लेकर चले गए। फिर हमने पैंट-शर्ट दिया तो जाकर पहने। उसके बाद हम उन्हीं के साथ थाने चले गए, एक बेटी भी साथ गई।

सईदा आगे कहती है, 'मेरे पति को ले जाने के बाद कमांडो ने घर आकर तलाशी ली। सबकुछ निकालकर फेंक दिया। उनके घर में बिखरे सामानों को देखकर यह आसानी से समझा जा सकता है। एक कुकर था उसे भी एसटीएस अपने साथ लेकर चली गयी। हमारे कुछ कागज रखे थे, आईडी-वाईडी सब एक डिब्बे में, सबकुछ निकालकर लेकर चले गए। दोनों बेटियों को भगा दिया, ये मेरी सास बैठीं रहीं। हम जब तक थाने पर रहे उनको गाड़ी में बैठाकर रखा गया था। उसके बाद कहा कि उनके पांच भाई हैं वो बता रहे, उनको बुलाकर लाइए और लेकर चले जाइए। हम आए और अपनी बीमार सास को रिक्शे से बैठाकर ले गए। तब तक उनको वहां से हटा दिया गया था। हमने पूछा कि कहां गए, पर हमको कुछ सही पता नहीं दिया गया। कहा गया कि ठाकुरगंज थाने, काकोरी थाने देख लीजिए। हम आठ बजे तक ठाकुरगंज, काकोरी थाने गए पर हमको कुछ नहीं पता चला। कहने लगे एटीएस वाले वहीं ले गए होंगे। हमारे साथ बहुत ज्यादती हो रही, मेरी शुगर की पेशेंट बेटी कह रही है कि मेरे अब्बू को मिला दो। अब इसकी दवाई कौन लाएगा। इनको इंसुलिन कौन देगा, मुहल्ले वालों से पूछ लीजिए उन्हें कोई गलत नहीं कहता।'

सईदा के मुताबिक एटीएस वाले उनके बच्चों की किताबें भी उठा ले गए। मिनहाज के बारे में पूछने पर बताती है, 14 हजार की बैटरी आती है। हमारी इतनी हैसियत नहीं है कि एक साथ पैसा देकर बैटरी खरीद लें, ऐसे में क़िस्त पर बैटरी लेते थे। जब कभी क़िस्त नहीं पहुंचा पाते थे तो मिन्हाज क़िस्त लेने आते थे। घर की हालत दिखाते हुए कहती हैं कि इतना बड़ा आतंकवादी कहा जा रहा है और घर के नाम पर टीन शेड में रहने को मजबूर हैं। वो तो बिटिया की बीमारी में ही परेशान थे कि कैसे उसकी दवा हो सके और हम सबको दो जून की रोटी मिल सके।

वहीं मसीरुद्दीन की बहन मेहरून निशा कहती हैं, 'भइया किसी को मुसलमान होने की वजह से इतना दबाया जा रहा है। वो मेरा छोटा भाई है और लोग आ रहे हैं, कह रहे आतंकवादी है। रिक्शा चलाकर मजदूरी कर रहा है, चार बच्चे पाल रहा है। इस तरह आकर ले गए, मेरे घर में कोई सामान बरामद हो तो आप बताइए। छत पर टीन पड़ा है और आप कह रहे हैं कि आतंकवादी का घर है। मोहल्ले वालों से पूछ लीजिए कि कभी किसी से लड़ाई हुई हो। मीडिया वाले पूछते हैं कि घर कहां से बना है। आप देख लीजिए टीनें ही पड़ी हैं घर कहां बना है। घर में क्या है देखिए दीवार तक नहीं उठी सब खुला पड़ा है।

मेहरून पूछती हैं, कहां से पैसा आ रहा है। जो सच है सामने है, क्या इसमें झूठ बोलेंगे। ये जमीन हमारे पिता ने तीस साल पहले खरीदी। कोई जमीन भी नहीं खरीदी, जो तीन भाइयों की है। पूरा परिवार भूखा-प्यासा मर रहा है।

फैक्ट फाइंडिंग टीम का हिस्सा रहे रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने लखनऊ के बाद कानपुर और संभल से आ रही ख़बरों पर कहा कि इसके पहले भी 2017 के विधानसभा चुनावों के वक्त वोटिंग से एक दिन पहले 7 मार्च को लखनऊ में कानपुर के सैफुल्लाह को आईएस का आतंकी कहकर एनकाउंटर का दावा किया गया था। आईएम के नाम पर जिस तरह से आज़मगढ़ को निशाना बनाया गया, ठीक उसी तरह संभल को निशाना बनाया जा रहा है।

प्रतिनिधि मंडल में रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब, रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव, हाफिज मोहम्मद वसी, अजय तोरिया, टीनू बिंद्रा, मुराद प्रतिनिधि मंडल में शामिल रहे। मंच ने कहा कि परिजनों ने एटीएस की कार्रवाई पर सवाल करते हुए जांच की मांग की।

Next Story

विविध