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राष्ट्रीय

राजस्थान में 17 दिन से शिक्षक भर्ती को लेकर चल रहा प्रदर्शन हुआ उग्र, कई पुलिसकर्मी घायल

Janjwar Desk
25 Sept 2020 2:18 PM IST
राजस्थान में 17 दिन से शिक्षक भर्ती को लेकर चल रहा प्रदर्शन हुआ उग्र, कई पुलिसकर्मी घायल
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इस अंधाधुंध पत्थरबाजी में एएसपी, डीएसपी, थानेदार समेत 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए

राजस्थान के डूंगरपुर में शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग को लेकर कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर 17 दिन से चल रहा अभ्यर्थियों का प्रदर्शन गुरुवार को उग्र हो गया। मांगें पूरी ना होने पर शाम चार बजे के करीब सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी उदयपुर- अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर इकट्ठे हुए।

रात होते-होते प्रदर्शनकारियों की संख्या डेढ़ से दो हजार तक पहुंच गई। इस दौरान उनके हाथ में पत्थर और लट्ठे थे। प्रदर्शनकारियों ने पत्थर और डंडों से हाईवे को बंद करने की कोशिश भी की इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया जिसमें एसपी की गाड़ी सहित तीन सरकारी वाहनों को फूंक दिया। इस अंधाधुंध पत्थरबाजी में एएसपी, डीएसपी, थानेदार समेत 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए। रात 9 बजे तक आंदोलनकारियों का प्रदर्शन जारी था।

प्रदर्शन का हिंसक रुप देखते हुए बिछीवाड़ा थानाधिकारी इंद्रजीत परमार पुलिस जाप्ता के साथ अभ्यर्थियों को समझाने के लिए भी गए जहां पर उन्होंने हाईवे खोलने की अपील की लेकिन वे नहीं माने। इस दौरान अचानक पत्थर की बौछार शुरू हो गई। जिसमें थानाधिकारी परमार को चोट लगने पर पुलिस टीम द्वारा उन्हें बचाया गया। तनाव बढ़ने के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के व्रज वाहन पर पथराव के अलाव हाईवे से गुजरने वाले वाहनों के कांच भी प्रदर्शनकारियों द्वारा तोड़े गए।

इस पर पुलिस के जवाब में 100 से अधिक आंसू गैंस के गोले छोड़े गए। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे पर डीएसपी की गाड़ी सहित कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद देर रात तक मौके पर पहुंचा पुलिस दल स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा रहा।

इस हादसे में गंभीर रूप से जख्मी हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपत महावर का कहना है कि हाईवे पर यकायक चारों ओर से पथराव शुरू हो गया। इस दौरान लोगों की भीड़ बहुत ज्यादा थी और पुलिस बल कम। पत्थर मुझे भी लगने शुरू हुए। ऐसे में मैं एक ट्रक के पीछे लटक गया और करीब 15 किलोमीटर तक इसी हाल में एक होटल तक पहुंचा। एएसपी ने बताया कि मुझे बचाने के लिए पुलिसकर्मियों ने घेरा बनाया। मेरा गनमैन मेरी ढाल बनकर बचाव करता रहा। मैं एक ट्रक के पीछे लटक गया और करीब 15 किमी तक इसी हाल में एक होटल तक पहुंचा। ट्रक पर पथराव होता रहा। चालक को काफी देर तक पता ही नहीं था कि मैं ट्रक के पीछे लटका हूं। थोड़ी देर बाद से पता चला तो मैंने थाने तक पहुंचा देने की गुहार की। वह मुझे एक होटल ले गया। होटल मालिक ने मुझे अस्पताल पहुंचाया।

डूंगरपुर में चल रहे आंदोलन को लेकर अब सियासत होना शुरु हो गई है। इस मामले पर सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। टीएसपी क्षेत्र के आदिवासियों के लिए नियुक्ति के बजाय सरकार दमन कर रही है। उनके आंदोलन को कुचलने का काम कर रही है। बेरोजगार आदिवासी लोकतांत्रिक ढंग से धरना दे रहे थे, उन पर बल प्रयोग कर रही है। सरकार को आगे जाकर बेरोजगार आदिवासियों से बातचीत करनी चाहिए। यदि सरकार ने रवैया नहीं बदला तो मुझको भी सड़क पर आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के डूंगरपुर में युवाओं के हिंसक प्रदर्शन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रदर्शनकारियों से कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग की अपील की है।

गहलोत ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ''डूंगरपुर में उपद्रव व हिंसक प्रदर्शन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। विरोध करने के संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल हो,शांतिपूर्ण प्रदर्शन हों लेकिन कानून को अपने हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री ने लिखा प्रदर्शनकारियों से मेरी अपील है कृपया शांति व कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।''


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