Religious Conversion: धर्मांतरण पर मोदी सरकार सख्त, दाखिल किया ये हलफनामा, कह दी ये बड़ी बात
Religious Conversion: जबरन धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) कराने की घटनाओं के नाम पर अब केंद्र की मोदी सरकार (Central Government) सख्त कार्रवाई करने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका के जरिए यह मुद्दा उठाया गया है। इस याचिका पर सरकार ने अपना जवाब पेश करते हुए कहा कि हम धर्म परिवर्तन (Forced Conversion) के खिलाफ हर जरूरी कदम उठाएंगे।
गौरतलब हैं कि एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय (Advocate Ashwini Upadhyay) ने धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी इस याचिका पर अब केंद्र सरकार ने कोर्ट में अपना हलफनामा (यानी जवाब) दाखिल किया है। सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि वह इस मुद्दे की गंभीरता और इसे रोकने के लिए कानून की जरूरत को समझती है।
सरकार ने यह भी कहा कि याचिका में रखी गई मांग को गंभीरता से लेते हुए जो भी जरूरी होगा किया जाएगा। सरकार ने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह देश में हो रहे जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। कोर्ट अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर गयी याचिका पर सुनवाई कर रहा हैं। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में केंद्र और राज्यों को धमकियों, डराने-धमकाने और प्रलोभन देकर धर्मांतरण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की है।
इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से यह भी आग्रह किया है कि वह भारत के विधि आयोग से इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट तैयार करने और एक विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए कहे। वही अश्विनी कुमार द्वारा अपनी याचिका में उल्लिखित उदाहरणों को केंद्र सरकार (Central Government) ने स्वीकार कर लिया हैं।
केंद्र ने पुष्टि की कि 'धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार' में किसी को किसी विशेष धर्म में परिवर्तित करने का मौलिक अधिकार शामिल नहीं है। यह भी कहा कि ओडिशा, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा में जबरन धर्मांतरण पर कानून हैं, क्योंकि कानून और व्यवस्था राज्य का सबसे बड़ा विषय है। केंद्र सरकार ने साफ किया कि ऐसे कानून समाज के कमजोर तबकों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी हैं।