Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

संयुक्त किसान मोर्चा की सरकार को फिर चेतावनी- किसानों से बातचीत करें अन्यथा तेज होगा आंदोलन

Janjwar Desk
27 May 2021 8:10 PM IST
संयुक्त किसान मोर्चा की सरकार को फिर चेतावनी- किसानों से बातचीत करें अन्यथा तेज होगा आंदोलन
x

(संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि पूरे देश में आम नागरिकों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है और इसका परिणाम भाजपा और केंद्र सरकार को भुगतना है)

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि किसान समझते है कि वर्तमान में मोदी सरकार द्वारा किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो भविष्य में चुनावों में भी कृषि आजीविका को एक प्रमुख मुद्दा बनाया जाएगा...

जनज्वार डेस्क। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि किसानों के आंदोलन को तोड़ने की सरकार की सभी साजिशें नाकाम सिद्ध हो रही है। कल के कार्यक्रम से यह स्पष्ट है कि अपनी मांगों को पूरा करने में किसानों का पक्ष मजबूत हो रहा है। किसान मांगों को पूरा किए बिना पीछे नहीं हटेंगे। मोर्चा सभी देशवासियों को कल के सफल कार्यक्रम के लिए धन्यवाद करता है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि यह आंदोलन अब भारत भर में व्यापक स्थानों पर फैल रहा है। चाहे वह उत्तर पूर्व भारत में हो या जम्मू और कश्मीर, या केरल या गुजरात या छत्तीसगढ़ में, स्पष्ट रूप से दिखाता है कि आंदोलन वास्तव में अधिक समर्थन और ताकत जुटा रहा है। पूरे देश में आम नागरिकों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है और इसका परिणाम भाजपा और केंद्र सरकार को भुगतना है।

मोर्चा ने आगे कहा जैसा कि कल कई नेताओं ने अलग-अलग स्थानों पर कहा है, किसान अगले आम चुनाव तक भी लड़ने के लिए तैयार हैं। किसान समझते है कि वर्तमान में मोदी सरकार द्वारा किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो भविष्य में चुनावों में भी कृषि आजीविका को एक प्रमुख मुद्दा बनाया जाएगा।

किसान नेताओं ने कहा कि कल को विरोध दिवस मनाने के लिए कई ट्रेड यूनियनों ने भी किसानों का पूरा साथ दिया। मोदी सरकार द्वारा लाए गए मजदूर विरोधी लेबर कोड के खिलाफ भी मजदूर संघर्ष कर रहे हैं और समग्र जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भी लड़ रहे है।

बयान में कहा गया कि समाज के अन्य वर्गों ने भी एसकेएम के आह्वान का जवाब देते हुए कल किसानों को अपना समर्थन दिया। जालंधर में कल ऑटो चालकों ने विरोध प्रदर्शन किया। कई जगह प्रगतिशील युवा और महिला संगठन भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

'कुछ मीडिया घरानों ने कड़े संपादकीय के साथ सरकार से किसानों की मांगों को हल करने के लिए कहा। उनके विचारों में कोविड महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार को किसानों से बातचीत करने की बात है।'

संयुक्त किसान मोर्चा ने देशव्यापी जनता द्वारा सरकार का पुतला जलाने, ट्रैक्टर और मोटर साइकिल रैली, रास्ता रोको और काला झंडा फहराने की खबरों का हवाला देते हुए कहा, "हाल के समय में शायद कोई अन्य सरकार नहीं है, जिसने पूरे देश में नागरिकों द्वारा इतना प्रतिरोध देखा हो। मोदी सरकार की नीतियां ऐसी शोषणकारी रही हैं जिसका इसका ज्यादा विरोध हो रहा है।

बयान में कहा गया कि सयुंक्त किसान मोर्चा एक बार पुनः सभी किसानों, मजदूरों समेत देशवासियों का धन्यवाद करता है। साथ ही उन सभी संगठनों का धन्यवाद करता है जिन्होंने संगठनात्मक रूप से कल के कार्यक्रम को समर्थन दिया व सफल बनाया।

Next Story

विविध