Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

जब तक हम निर्देश नहीं देते, सरकार कार्रवाई नहीं करती - सुप्रीम कोर्ट

Janjwar Desk
8 Aug 2020 1:30 AM GMT
जब तक हम निर्देश नहीं देते, सरकार कार्रवाई नहीं करती - सुप्रीम कोर्ट
x
तबलीगी जमात के मामले में कई मीडिया की रिपोर्टिंग पर सवाल उठाने वाली जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की....

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि देश की सरकार तब तक कार्रवाई नहीं करती, जब तक कि अदालत उन्हें निर्देश नहीं दे देती। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रह्मण्यन की पीठ ने कहा, हमने अपने अनुभव से देखा है कि सरकारें तब तक कार्रवाई नहीं करतीं, जब तक हम उन्हें निर्देशित नहीं करते हैं।

तबलीगी जमात के मामले में कई मीडिया की रिपोर्टिंग पर सवाल उठाने वाली जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि आलोचना का उद्देश्य सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को निशाना बनाना नहीं है।

याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने सुनवाई के दौरान कहा कि मरकज मामले में मीडिया ने गलत रिपोर्टिंग की थी और ऐसे में सिर्फ सरकार चाहे तो कार्रवाई कर सकती है। मीडिया में सेल्फ गवर्निंग बॉडी है, लेकिन सरकार ही कार्रवाई कर सकती है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अधिवक्ता रजत नायर के माध्यम से दायर एक हलफनामे में शीर्ष अदालत को सूचित किया कि वह मीडिया को जमात मुद्दे पर रिपोर्टिंग करने से नहीं रोक सकती।

केंद्र ने दावा किया कि झूठी और उकसाने वाली सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए पहले ही कदम उठाए जा चुके हैं, लेकिन मीडिया को रोकने के लिए आदेश पारित नहीं हो सकता। अगर ऐसा हुआ तो अभिव्यक्ति की आजादी खत्म हो जाएगी।

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता प्रतीक कपूर ने कहा कि उन्होंने गलत रिपोटिर्ंग के 50 मामलों का संज्ञान लिया है। एनबीए के वकील ने कहा कि उसे लगभग 100 शिकायतें मिलीं।

शीर्ष अदालत ने याचिका के लिए नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) को एक पार्टी बनाने का सुझाव दिया।

शीर्ष अदालत ने उल्लेख किया कि उसे इस मुद्दे पर विशेषज्ञ निकायों से सहायता की आवश्यकता होगी। अदालत ने दो सप्ताह के बाद सुनवाई की अगली तिथि निर्धारित की है और साथ ही एनबीए और पीसीआई से रिपोर्ट मांगी गई है।

Next Story