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कार में आगे ही नहीं पीछे सीट पर भी सीट बेल्ट नहीं लगायी तो चुकाना होगा जुर्माना, सड़क हादसों में जान गंवाने वालों में सबसे ज्यादा भारतीय

Janjwar Desk
7 Sep 2022 6:00 AM GMT
कार में आगे ही नहीं पीछे सीट पर भी सीट बेल्ट नहीं लगायी तो चुकाना होगा जुर्माना, सड़क हादसों में जान गंवाने वालों में सबसे ज्यादा भारतीय
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कार में आगे ही नहीं पीछे सीट पर भी सीट बेल्ट नहीं लगायी तो चुकाना होगा जुर्माना, सड़क हादसों में जान गंवाने वालों में सबसे ज्यादा भारतीय (photo : social media)

Traffic Rules : अक्टूबर 2002 से पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के लिए भी सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य कर दिया था, लेकिन इसका सही से पालन नहीं होता है, 2019 में जुर्माना बढ़ाने के बावजूद लोग इस पर ध्यान नहीं देते...

Traffic Rules : लगातार बढ रही सड़क दुर्घटनाओं में हो रही लोगों की मौत को लेकर केंद्र सरकार अब और भी ज्यादा सख्त हो गई है। टाटा एंड संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की रविवार को सड़क दुर्घटना में मौत हो जाने के बाद से सरकार ने पिछली सीट पर बैठे लोगों के लिए सीटबेल्ट अलर्ट की व्यवस्था शुरू करने का फैसला लिया है।

कार की पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनने को लेकर केंद्र सरकार काफी सख्त हो गई है। ऐसे में यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना पहले से और भी अनिवार्य हो गया है। कार में पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के लिए जल्द ही सीटबेल्ट अलर्ट (seatbelt alert) की व्यवस्था शुरू की जा सकती है। यह अलर्ट लोगो की सेफ्टी के लिए किया जा रहा है जिससे लोगो की जान बच सके।

ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्टर नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को यह बात कही। गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि साइरस मिस्त्री के एक्सीडेंट के बाद सरकार ने पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट अलर्ट शुरू करने का फैसला किया है। अगर पीछे बैठे यात्रियों ने सीट बेल्ट नहीं पहनी तो अलर्ट की आवाज आएगी। ड्राइवर और अगली सीट पर बैठे व्यक्ति ने सीट बेल्ट नहीं लगाई तो इसके लिए फाइन का प्रावधान किया गया है, लेकिन पीछे बैठे यात्रियों को भी सीट बेल्ट नहीं लगाने पर फाइन देना होगा। यह सभी कारों के लिए लागू होगा। गडकरी ने कहा कि इस बारे में तीन दिन में नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। कार में सभी यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य हैं।

2002 में ही शीट बेल्ट लगाना हुआ था अनिवार्य

एक बार फिर से देश की सड़को की बदहाली ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। साइरस मिस्त्री पिछली सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है की आगे के साथ साथ पिछली सीट पर बैठे लोगों के लिए बेल्ट नहीं लगाना कितना खतरनाक हो सकता है। ड्राइवर और अगली सीट पर बैठे यात्री के लिए सीट बेल्ट लगाना 1993 में ही अनिवार्य कर दिया गया था। सरकार ने अक्टूबर 2002 को पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के लिए भी सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य कर दिया था, लेकिन इसका सही से पालन नहीं होता है। 2019 में सरकार ने सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया था, लेकिन इससे भी स्थिति नहीं सुधरी।

सड़क हादसे में सबसे ज्यादा भारतीय मारे जाते हैं

वर्ल्ड बैंक (World Bank) के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा लोग भारत में मारे जाते हैं। कोरोना महामारी से पहले देश में हर चार मिनट में एक भयानक सड़क हादसा होता था। भारत में दुनिया की सिर्फ एक फीसदी गाड़ियां हैं लेकिन सड़क हादसों में दुनिया में होने वाली कुल मौतों में 11 फीसदी भारत में होती हैं। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क भारत का है जो 58.9 लाख किमी लंबा है। लेकिन खराब रोड होने के कारण अधिक से अधिक दुर्घटनाएं होती हैं।

नेशनल क्राइम रेकॉर्ड्स ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल देश में सड़क दुर्घटनाओं में रेकॉर्ड 1.55 लाख से अधिक लोग मारे गए। रोजाना 426 यानी हर घंटे 18 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए। देश में सबसे ज्यादा सड़क हादसे नेशनल हाइवेज पर होते हैं। सड़कों की बदहाली के अलावा लापरवाही से गाड़ी चलाना भी दुर्घटना का मुख्य कारण है। आंकड़ों के मुताबिक देश में सड़क दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह ओवर स्पीडिंग गाड़ी चलाना है। 2021 में 59.7 फीसदी दुर्घटनाएं ओवर-स्पीडिंग के कारण हुई। इनमें 87,050 लोगों की मौत हुई और 2.28 लाख लोग घायल हुए। पिछले साल देश में 4.03 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 3.71 लाख लोग घायल हुए थे ।

2021 का अकड़ा

सड़क दुर्घटना -59.7 फ़ीसदी

मौत – 87050 लाख

घायल – 2.28 लाख

रोजाना- 426 मौत

हर घंटे - 18

जानकारों का कहना है कि गाड़ियों की रफ्तार पर लगाम लगाने की जरूरत है। साथ ही पिछली सीट पर बैठ यात्रियों के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य होना चाहिए। इसके अलावा सड़कों को इस तरह डिजाइन किया जाना चाहिए जिससे हादसों को टाला जा सके। सीट बेल्ट से जुड़े नियमों को नहीं मानने से न केवल जान जोखिम में पड़ सकती है बल्कि दुर्घटना की स्थिति में मुआवजा भी कम मिल सकता है। सीट बेल्ट नहीं लगाना नियमों का उल्लंघन है और ऐसे में मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल कम मुआवजा दे सकते हैं

शीट बेल्ट नहीं लगाने पर लगेगा फाइन

मोटर वाहन अधिनियम के नियम 138(तीन) के तहत कानूनी तौर पर पिछली सीट पर बैठने वाले यात्रियों के लिए सीट बेल्ट न पहनने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के बारे में लोगों को जानकारी ही नहीं है या फिर वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं। इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के मानद अध्यक्ष के के कपिला का कहना है कि पीछे बैठने वालों के बीच सीट बेल्ट पहनने की प्रवृत्ति बहुत कम पाई जाती है। बड़े शहरों और महानगरों में यह काफी कम है। छोटे शहरों में तो यह अनुपात लगभग शून्य है। पुलिस की शुरुआती जांच में ऐसे संकेत मिले हैं कि हादसे के समय साइरस मिस्त्री और उनके साथ पिछली सीट पर मौजूद जहांगीर पंडोले ने सीट बेल्ट नहीं पहनी हुई थी। इसके अलावा तेज रफ्तार होने और चालक के गलत अनुमान लगाने से भी कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई।

सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए सरकार वाहनों में सुरक्षा के लिए कम-से-कम छह एयरबैग देना, जरूरी करने का प्रावधान भी करना चाहती है। आठ यात्रियों वाले वाहनों में छह एयरबैग का प्रावधान अक्टूबर से लागू किया जा सकता है। एयरबैग एक प्रतिरोधक सुरक्षा उपकरण होता है जो हादसे के समय अचानक खुल जाता है और यात्रियों को मौत से सुरक्षा प्रदान करता है।

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