Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Supreme Court : केंद्र सरकार ने नहीं माना सुप्रीम कोर्ट का आदेश तो बेंच बोली 'अगली सुनवाई पर हलफनामा दें या भरें जुर्माना'

Janjwar Desk
1 Feb 2022 9:17 PM IST
Supreme Court : केंद्र सरकार ने नहीं माना सुप्रीम कोर्ट का आदेश तो बेंच बोली अगली सुनवाई पर हलफनामा दें या भरें जुर्माना
x

file photo

Supreme Court : बेंच ने केंद्र से कहा कि याचिका पर 28 अगस्त 2020 को नोटिस जारी किया गया था, ऐसे बहाने मत बनाइए जिन्हें स्वीकार करना हमारे लिए बेहद मुश्किल हो....

Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने इस बात नाराजगी जाहिर की है कि केंद्र सरकार (Centre) ने अभी तक उस याचिका पर अपना जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया है जिसमें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थान अधिनियम 2004 की धारा 2 (एफ) की वैधता को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने सरकार को 7500 रुपये का अर्थदंड जमा करने की सूरत में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का 'एक और अवसर' दिया है।

याचिका में वैकल्पिक रूप में केंद्र (Centre) को राज्य स्तर पर अल्पसंख्यक की पहचान के लिए दिशा-निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि 10 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक (Hindu Minorities) हैं लेकिन वे अल्पसंख्यकों के लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने 7 जनवरी को केंद्र को चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का 'अंतिम अवसर' दिया था।

कोर्ट (Supreme Court) ने कहा था कि सरकार को इस मुद्दे पर 'एक रुख' अपनाना होगा। जस्टिस एस.के. कौल और जस्टिस एम. सुंदरेश की बेंच को सूचित किया गया कि केंद्र ने सुनवाई स्थगित करने के अनुरोध के साथ एक पत्र प्रसारित किया है।

याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार द्वारा केवल सीमित उद्देश्य के लए प्रसारित पत्र पर आपत्ति है क्योंकि मामले में सरकार का रुख महत्वपूर्ण होगा और उन्हें कम से कम इसमें तेजी लानी चाहिए।.

केंद्र की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एम. नटराज से बेंच ने कहा, आपने एक पत्र प्रसारित किया है लेकिन आप केवल पत्र प्रसारित कर रहे हैं। बाकी सबकुछ हो रहा है। आपको एक रुख अपनाना होगा। नटराज ने कोविड 19 का हवाला देते हुए कहा कि सरकार इस पर कोई फैसला लेगी। बेंच ने कहा कि याचिका पर 28 अगस्त 2020 को नोटिस जारी किया गया था। ऐसे बहाने मत बनाइए जिन्हें स्वीकार करना हमारे लिए बेहद मुश्किल हो।

कोर्ट ने कहा कि यह अनुचित है कि केंद्र ने अभी तक जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया है। हम याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील के अनुरोध के अनुसार सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन अधिवक्ता कल्याण निधि में 7500 रुपये की रकम जमा करने पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए 4 सप्ताह का एक और अवसर प्रदान करते हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।

Janjwar Desk

Janjwar Desk

    Next Story

    विविध