दिल्ली के 460 निजी स्कूलों की फीस में होगी 15% की कटौती, केजरीवाल सरकार ने अभिभावकों को दी राहत
जनज्वार दिल्ली। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) और बढ़ती महंगाई से पहले से परेशान दिल्लीवासियों को केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने राहत दी है। दिल्ली(Delhi) की केजरीवाल सरकार ने प्राइवेट स्कूल (Private School) में शैक्षिणक वर्ष 2020-21 में वसूली गयी फीस (Fee) में से 15 प्रतिशत की कटौती का आदेश दिया है। कोरोना महामारी के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे अभिभावकों के लिए ये बड़ी राहत है। एक जुलाई गुरुवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि कहा कि कोरोना के दौर में जब पैरेंट्स आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, ऐसे वक्त में फीस में 15% की कटौती उनके लिए बहुत बड़ी राहत होगी।
सरकार ने अपने आदेश में ये भी कहा कि अगर स्कूल ने अधिक फीस वसूली है तो उसे अभिभावक को पैसे लौटाने होंगे, या फिर अगले साल में एडजस्ट करना होगा। स्कूल मैनेजमेंट पैरेंट्स की आर्थिक तंगी के कारण बकाया फीस का भुगतान न करने के आधार पर स्कूल की किसी भी गतिविधि में विद्यार्थियों को भाग लेने से नहीं रोकेगा।
उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, अगर 2020-21 में स्कूल की एक महीने की फीस 3 हजार रुपये रही है तो 15% कटौती के बाद स्कूल पैरेंट्स से 2,550 रुपये ही ले सकते हैं।
राज्य के 460 निजी स्कूलों पर लागू
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) द्वारा प्राइवेट स्कूल की फीस में 15 प्रतिशत की कटौती करने का आदेश कोरोना के समय में मुनाफाखोरी और व्यावसायीकरण को रोकने के लिए दिया गया है। और केजरीवाल सरकार का यह आदेश उन सभी 460 निजी स्कूलों के लिए है, जिन्होंने उच्च न्यायालय में अपील की थी। इन 460 स्कूलों के अतिरिक्त दिल्ली के बाकी सभी स्कूलों को फीस संबंधी दिल्ली सरकार के उस आदेश का पालन करना होगा जो 18 अप्रैल 2020 और 28 अप्रैल 2020 में जारी किये गये थे।
आदेश में ये भी कहा गया है कि छात्रों को फीस का भुगतान 6 महीने में मासिक किश्तों में करना होगा। इसके अलावा स्कूल अपनी तरफ से अगर कुछ और रियायतें दे सकता है। अगर कोई छात्र फीस देने में सक्षम नहीं है तो स्कूल ऐसे मामलों पर सहानुभूति दिखाए और अच्छे से विचार करे।
हाईकोर्ट ने कटौती करने को कहा था
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी कर राज्य के प्राइवेट स्कूलों को पैरेंट्स से वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने इस पर कहा प्राइवेट स्कूलों को 2020-21 में वार्षिक और विकास शुल्क वसूलने की छूट दे दी थी।
हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा था कि प्राइवेट स्कूल भले ही वार्षिक और विकास शुल्क वसूल सकते हैं, लेकिन उन्हें अपनी फीस में 15% की कटौती भी करनी होगी। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में ये भी साफ किया था कि स्कूल मौजूदा शैक्षणिक सत्र (2021-22) में पूरी फीस लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
बहरहाल, दिल्ली सरकार (Delhi Government) का ये फैसला आर्थिक तंगी और महंगाई झेल रहे अभिभावकों के लिए बड़ी राहत लेकर आय़ा है। गौरतलब है कि पेट्रोल-जीजल के दाम पहले से ही आसमान पर है। वहीं एक जुलाई से रसोई गैस (LPG Cylinder) के साथ ही कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में भारी बढ़ोत्तर हो गई है। नयी कीमतों के अनुसार रसोई गैस की कीमतें 25।5 रुपये बढ़ गई हैं। पिछली बार अप्रैल में आखिरी बार 14।2 किलो के सिलेंडर के दाम बदले थे। तब गैस कंपनियों ने कीमत में 10 रुपये की कटौती की थी। वहीं अमूल दूध(Amul Milk) ने भी कीमत बढ़ा दी है।