मंच पर फूट-फूटकर रोए टिकैत, बोले-कृषि कानून वापस नहीं हुआ तो यहीं कर लूंगा सुसाइड
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जनज्वार। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत मंच पर भाषण के दौरान फूट-फूट पर रोए। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ नाइंसाफी हो रही है। यदि नया कृषि कानून वापस नहीं हुआ तो मैं यहीं पर सुसाइड कर लूंगा।
किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों के आंदोलन को खत्म कराने की साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जांच कराए कि लाल किला पर कौन थे? उनकी 2 महीने की कॉल रिकॉर्डिंग की जांच की जाए। उन्होंने कहा कि मैं सरेंडर नहीं करूंगा, मैं किसी भी हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं हूं।
राकेश टिकैत ने सरकार पर जाल में फंसाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि किसान इतने दिनों से शांतिपूर्ण आंदोलन पर थे। हिंसा शब्द हमारी सूची में नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा और अपनी मांगों पर हम आज भी कायम हैं।
टिकैत ने कहा कि लाल किला का कांड कर किसान आंदोलन को तोडऩे की साजिश रची गई। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन अपनी चाल में कामयाब हो गया। टिकैत ने कहा कि जो जत्था वहां पहुंचा था, उन्हें पुलिस बैरिकेडिंग पर क्यों नहीं रोका गया। टिकैत ने कहा कि अगर सरकार किसान आंदोलन को नहीं चलने देना चाहती तो यहां से हमें गिरफ्तार करे।
उन्होंने आंदोलन में भाग लेनेवाले लोगों को धन्यवाद देते गए कहा कि उन सभी ट्रैक्टर सवार किसानों का धन्यवाद जो यहां आए। उन्हें इस तरह का रूट दिया गया, जिससे उन किसानों को दिल्ली के चक्रव्यूह में फंसाया गया। राकेश टिकैत ने कहा कि जिन्होंने उल्टे सीधे ट्रैक्टर घुमाए उनसे हमारा कोई संबंध नहीं है।
टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने कभी भी किसानों से लाल किला जाने का आह्वान नहीं किया था। वे पहले से निर्धारित मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे । उन्होंने कहा कि परेड के लिए पहले से निर्धारित कुछ मार्गों की घेराबंदी की गयी थी जिसकी भी जांच करायी जानी चाहिए।