UP : कोरोना वैक्सीन लगवाने के बहाने गूंगे-बहरे युवक की करवा दी नसबंदी, आशा कार्यकर्ता पर आरोप
(यूपी के एटा में आशा कार्यकर्ता पर मूक-बधिर युवक को ले जाकर नसबंदी करवा देने का आरोप लगा है)
जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अभी भले ही सिर्फ जनसंख्या विधेयक का मसौदा भर तैयार हुआ हो, लेकिन योगी आदित्यनाथ के हुनरबाज कर्मचारियों ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। मामला एटा जिले का है, जहां एक मूक-बधिर युवक की आशा कार्यकर्ता ने कोरोना वैक्सीन लगवाने के बहाने जिला अस्पताल ले जाकर नसबंदी करवा दी।
युवक की नसबंदी करा देने के बाद आशा महिला बेहोशी की हालत में युवक को उसके घर छोड़ आई। युवक को गंभीर हालत में परिजन रविवार 11 जुलाई को युवक को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां से उसे आगरा रेफर कर दिया गया। युवक के भाई ने थाना अवागढ़ में आशा कार्यकर्ता के खिलाफ तहरीर देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
अवागढ़ ब्लॉक के गांव बिशनपुर निवासी मूक बधिर युवक के भाई अशोक ने बताया कि आशा कार्यकर्ता उसके घर आई और भाई को टीका लगवाने के लिए भेजने की बात कही। उनसे कहा गया कि आपके भाई के खाते में 3500 रुपए आएंगे। भाई की बैंक पासबुक और आधार कार्ड दे दो।
इस पर जब अशोक ने साथ चलने की बात कही तो आशा ने अकेले भाई को भेजने के लिए बोल दिया। इस पर अशोक ने अपने भाई को आशा के साथ जिला अस्पताल भेज दिया। अस्पताल से वापस जाने के बाद अशोक को जानकारी हुई की आशा ने कोरोना वैक्सीन न लगवा कर उसकी नसबंदी कराई है।
अशोक ने बताया कि उसके भाई की हालत ठीक नहीं थी। इस पर वह उसे जिला अस्पताल लेकर आए। यहां से भाई को आगरा रेफर कर दिया गया। इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे चिकित्सक राहुल ने बताया। युवक बेहोशी की हालत में था। परिजन उसे आगरा रेफर करा ले गए हैं।
वहीं पीड़ित युवक के भाई अशोक ने बताया कि जब उन्होंने आशा कार्यकर्ता से शिकायत की। इस पर वह बिगड़ गई और 20 हजार रुपए लेकर मामले को रफा-दफा करने की बात कही।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. उमेश त्रिपाठी ने बताया कि आशा द्वारा कोरोना वैक्सीन के बहाने नसबंदी कराने का मामला संज्ञान में आया है। जांच कराई जा रही है। जांच के बाद दोषसिद्ध होने पर कार्रवाई की जाएगी।