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यूपी : देवरिया में छोटी गंडक में डूबने से तीन बच्चों की मौत, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

Janjwar Desk
27 Aug 2021 11:31 AM GMT
यूपी : देवरिया में छोटी गंडक में डूबने से तीन बच्चों की मौत, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
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तीनों को पानी में डूबते देख एक महिला ने शोर मचाया, आस पास के लोग तीनों को पानी से निकाले लेकिन काफी देर हो चुकी थी, तीनों में बुलबुल उर्फ राजकमल को पीएचसी भाटपाररानी व अन्य दोनों मोहित व अंकुश को स्वजन सीएचसी भटनी ले गए.....

जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट

जनज्वार, देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में छोटी गंडक नदी में डूबने से तीन बच्चों की मौत हो गई। घटना शुक्रवार 27 अगस्त की सुबह करीब 10 बजे की है। तीनों बच्चे खेलते समय नदी में चले गए। घटना के बाद से घरवालों के चीख पुकार से गांव में मातम छाया हुआ है।

खामपार थाना क्षेत्र के खैराट गांव से सटकर खनुआ नदी बहती है। बरसात की वजह से नदी इस समय उफान पर है। शुक्रवार 27 अगस्त की सुबह करीब 10 बजे गांव के हरेराम साहनी का लड़का मोहित (7), पप्पू साहनी का लड़का अंकुश (6) , और मनोज साहनी का बेटा बुलबुल (6) खेलते हुए घर से करीब 100 मीटर दूर जिन्‍न बाबा के स्‍थान पर तीनों खेल रहे थे कि अचानक उनके मन में शरारत सूझी और तीनों नदी में नहाने लगे। नदी में पानी अधिक होने के कारण वह गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे।

तीनों को पानी में डूबते देख एक महिला ने शोर मचाया। आस पास के लोग तीनों को पानी से निकाले लेकिन काफी देर हो चुकी थी। तीनों में बुलबुल उर्फ राजकमल को पीएचसी भाटपाररानी व अन्य दोनों मोहित व अंकुश को स्वजन सीएचसी भटनी ले गए। डाक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद से गांव में कोहराम मच गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में ले लिया।


एक साथ तीन परिवारों के बच्चों की मौत के बाद पूरा गांव सदमे में है। तीनों की मौत ने ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया है। आए दिन ये तीनों दोस्त एक साथ खेलते थे लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। तीनों के परिवार में स्वजन का रो-रोक कर बुरा हाल है। तीनों की मां व स्वजन अपने आप को कोस रहे हैं कि क्यों घर से खेलने के जाने दिया। गांव की महिलाएं खुद बिलख रही हैं और तीनों परिवार के सदस्यों को ढांढस बंधाने में जुटी हैं।

पल भर में दो घरों का बुझ गया चिराग

मोहित उर्फ उमाशंकर व अंशुल पुत्र पप्पू अपने माता पिता के एकलौती संतान थे। परिजनों के मुताबिक काफी मन्नत मांगने के बाद पांच बहनों में अंशुल घर में पुत्र के रूप में पैदा हुआ। मां समेत घर के सभी लोग उसका बहुत ध्यान रखते थे, शायद उसका इतने ही दिन परिवार के साथ रहना नियति ने लिखा था। मोहित भी काफी मनौती के बाद दो बहनों के बाद पैदा हुआ था। दोनों के घर में मातम छाया हुआ है। चित्कार व गर्जना से समूचा माहौल गमगीन है।

घटना की जानकारी होने पर भाटपाररानी के सपा विधायक डा. आशुतोष उपाध्याय बबलू, नायब तहसीलदार करण सिंह, थानाध्यक्ष बिपिन मलिक मौके पर पहुंचे व पीड़ित परिवारों को ढांढस बधाया। उधर घटना की सूचना के बाद आस-पास के लोग सैकड़ों की संख्या में घटना स्थल व गांव पहुंच गए। यहां पूरा दिन लोगों की भीड़ लगी रही। मासूम बच्चों के शवों को जिसने भी देखा वो विधाता को कोसता रहा।

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