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गैंगरेप काण्डों से दहला यूपी, हाथरस के बाद अब बाराबंकी में दलित युवती से दुष्कर्म के बाद हत्या
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश में हाथरस में दलित युवती के साथ कथित दुष्कर्म का मामला शांत भी नहीं हो पाया था कि बाराबंकी में इस तरह की एक और घटना सामने आयी है। यहां के सतरिख थाना क्षेत्र में धान काटने गई 18 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई। पीड़ित पक्ष की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अभी आरोपियों की तलाश जारी है।
घटना सेठमऊ गांव में बुधवार 14 अक्टूबर की है। लड़की खेत में धान काटने गई थी। काफी देर तक नहीं लौटी तो घरवालों ने तलाश शुरू की। रात में लड़की का शव खेत में अर्धनग्न हालत में मिला। उसके हाथ बंधे हुए थे। मौके पर शराब की 3 बोतलें मिली थीं। आरोपियों ने लड़की की नाक और मुंह दबा दिए, जिससे उसकी मौत हो गई।
बराबंकी प्रभारी पुलिस अधीक्षक आर.के. गौतम ने बताया कि युवती का शव धान के खेत पर मिला था। मृतका के पिता की तहरीर के अनुसार, उसकी उम्र 18 वर्ष की थी। तहरीर के आधार पर तत्काल थाना सतरिख में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दुष्कर्म की पुष्टि होने पर धारा 376 भी लगा दिया गया है। मृतका के परिजनों पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं है। पुलिस द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए अहम सुराग जुटा लिए गये हैं। घटना का शीघ्र खुलासा किया जाएगा।
किशोरी की हत्या के मामले में देर रात उसके पिता की तहरीर पर पुलिस ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज की थी। किशोरी की हत्या दुष्कर्म के बाद की गई थी। डॉक्टरों के पैनल व वीडियोग्राफी में हुए पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। पुलिस कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। वारदात के बाद गांव में फिलहाल एहतियातन पुलिस बल तैनात है। आइजी अयोध्या डॉ. संजीव गुप्ता ने भी घटनास्थल का जायजा लिया और परिवारजन के बयान को दर्ज कराया है।
पीड़ित के पिता का कहना है, 'पुलिस ने बेटी का शव जबरन जला दिया, जबकि हिंदू धर्म में नाबालिग को दफनाया जाता है। इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।' लड़की के पिता का कहना है 'गांव का एक लड़का मेरी बेटी से जबरन शादी करना चाहता था। लेकिन बच्ची नाबालिग थी, इसलिए मैंने शादी करने से इनकार कर दिया था। इसलिए, वे लोग परेशान करने लगे थे। हमने पुलिस से शिकायत की तो 3 लोग लोग पकड़े गए। तभी उन्होंने बदला लेने की धमकी दी थी।
पीड़िता के पिता ने यह भी कहा कि पुलिस ने गांव के कुछ ऐसे लोगों को उठाया है, जिनके वारदात में शामिल होने की आशंका नहीं है। पुलिस दोषियों को पकड़े और निर्दोष लोगों को न फंसाए। वरना बाद में लोग मुझे यहां रहने नहीं देंगे। मैं मेहनत-मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का पेट पाल रहा था। अब घर में खाने-पीने के लिए कुछ नहीं बचा है।
वारदात को लेकर राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए। जैदपुर से सपा विधायक गौरव रावत व कांग्रेस नेता तनुज पुनिया समर्थकों के साथ पोस्टमार्टम हाउस और गांव पहुंचे व परिवारजन से बात कर सांत्वना दी थी। सपा विधायक ने प्रशासन पर पीड़ितों को पोस्टमार्टम हाउस आने से रोकने का आरोप लगाया है। भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी पहुंच गए।
सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कराए जाने का भरोसा दिलाया। कहा, सरकार को बदनाम और अस्थिर करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।