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उत्तर प्रदेश

मुकीम काला व मेराज की हत्या के बाद मारे गए अंशुल को बचाने की मिली थी गारंटी, विपक्ष ने बताया योगी सरकार का षड्यंत्र

Janjwar Desk
15 May 2021 9:15 AM IST
मुकीम काला व मेराज की हत्या के बाद मारे गए अंशुल को बचाने की मिली थी गारंटी, विपक्ष ने बताया योगी सरकार का षड्यंत्र
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यूपी की चित्रकूट जेल गोलीकांड में मारे गए कुख्यात बदमाश मुकीम काला, मेराज और अंशुल

मेराजुद्दीन उर्फ मेराज को 20 मार्च 2021 को वाराणसी से चित्रकूट की रगौली जेल भेजा गया था, वहीं कुख्यात मुकीम काला को 7 मई 2021 को सहारनपुर जेल से यहां लाया गया था, दोनों को यहां लाने के ठीक सातवें दिन शुक्रवार 14 मई को मार दिया गया...

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। चित्रकूट जेल का गैंगवार आपको किसी फिल्मी कहानी की तरफ खींचकर ले जा सकता है, लेकिन इस कहानी में ऐसे तमाम पेंच हैं जो किसी बड़े षड्यंत्र की तरफ उंगली उठा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इसी षड्यंत्र को छुपाने के लिए वारदात को अंजाम देने वाले गैंगस्टर को भी ढेर कर दिया गया। सूत्रों की मानें तो वारदात को अंजाम देने वाले अंशुल को जिंदा बचाने की गारंटी दी गई थी।

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी का बेहद करीबी व उसका कारोबार संभालने वाला मेराजुद्दीन उर्फ मेराज को 20 मार्च 2021 को वाराणसी से चित्रकूट की रगौली जेल भेजा गया था। वहीं कुख्यात मुकीम काला को 7 मई 2021 को सहारनपुर जेल से यहां लाया गया था। दोनों को यहां लाने के ठीक सातवें दिन शुक्रवार 14 मई को मार दिया गया। अंशुल का जेल में पहले से रहना व अन्य दोनों का कुछ दिन पहले ही जेल आना फिर गैंगवार हो जाना इत्तेफाक कम और साजिश ज्यादा बताई जा रही है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े बदमाशों में शुमार मुकीम काला पर हत्या, लूट, रंगदारी, फिरौती आदि के 60 से अधिक मुकदमें दर्ज थे। आतंक का पर्याय काला से पश्चिम की पुलिस तक भय खाती थी। कैराना निवासी काला पोस्टर लगाकर रंगदारी वसूलता था। शामली के कैराना व आस-पास हिंदुओ के पलायन का मुख्य कारण रहा काला का यह मुद्दा भाजपा ने 2017 विधानसभा में भुनाया था।

वारदात का दूसरा मृतक मेराजुद्दीन उर्फ मेराज मुख्तार अंसारी का कारोबार संचालित करता था। उसे मुख्तार की आर्थिक मजबूती के तौर पर जाना जाता था। मुन्ना बजरंगी का बेहद करीबी बताया जाने वाला मेराज की मौत के बाद कहा जा रहा है कि मुख्तार के आर्थिक साम्राज्य पर बड़ी चोट है। बीती 3 फरवरी 2021 को राजस्व विभाग ने मेराज की 50 लाख रूपये की संपत्ति भी जब्त की थी। उसपर कुल 20 से अधिक संगीन मुकदमे दर्ज थे।

वहीं वारदात को अंजाम देने वाला अंशुल भी कभी मुख्तार का शार्प शूटर रहा था। दस से अधिक हत्याएं कर चुका अंशुल दोनो हाथों से पिस्तौल चलाता था। उसपर एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे। जेल के अंदर उसका रसूख इस बात से समझा जा सकता है कि उसने रायबरेली जेल में रहते हुए वीडियो जारी किया था। जिसमें खुलेआम दारू, मोबाईल, पिस्तौल व कारतूस भी रखे दिख रहे हैं।

इस गैंगवार के बाद विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। आरोप है कि मर्डर व मुठभेड़ पहले से ही फिक्स थे। कामरेड व माकपा नेता रूद्र प्रसाद मिश्र ने कहा है कि घटना में बड़ी साजिश समझ में आ रही है। उनका कहना है कि यह पूरी तरह सुनियोजित मर्डर है। जिसमें पहले अंशु के माध्यम से दो बड़े बदमाशों को खत्म करवाया गया बाद में पुलिस से उसे भी मरवा दिया गया, जिससे सबूत मिटाए जा सकें।

सीपीआईएम के राज्य सचिव हीरालाल यादव ने कहा कि चित्रकूट जेल में गैंगवार व तीन लोगों की हत्या योगीराज के कुशासन को उजागर करती है। भाजपा के ही जिला सचिव अमित यादव ने कहा जेल के अंदर हुई यह प्रायोजित घटना है। सपा और कांग्रेस के नेताओं के कहना है यह योगीराज नहीं जंगलराज है।

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