बहुचर्चित निठारी कांड में एक और खुलासा, हत्या के बाद मानव अंगों की होती थी तस्करी
Photo For Representaation Purpose
जनज्वार ब्यूरो/नोएडा। देश का बहुचर्चित निठारी कांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को हत्या के बारहवें मामले में सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुना दी है। इस बारे में नोएडा में मोनिंदर सिंह पंढेर के बरी होने पर नाराजगी देखने को मिल रही है।
निठारी कांड के पीड़ितों ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है। एक पीड़िता की मां का आरोप है कि उनकी बेटी पंढेर की कोठी में साफ-सफाई करती थी और वह गायब हो गई थी। उसकी चप्पल और कपडे़ भी पंढेर के घर से ही बोरे से बरामद हुए थे। जब भी पंढेर के घर में किसी की हत्या की जाती थी तो उस दिन दो डॉक्टर आया करते थे। यह डॉक्टर किसी को देखने के लिए नहीं आते थे, बल्कि तस्करी के लिए अंगों को निकालने के लिए आते थे।
वहीं, एक किशोरी के पिता ने बताया कि वह डी-5 के आसपास ही रहते थे और पंढेर की नौकरानी जब गायब हो गई थी तो उनकी बेटी को काम दिया गया था। कुछ दिन बाद उनकी बेटी भी गायब हो गई। घटना स्थल से काफी खोपड़ियां बरामद हुई थीं, लेकिन पुलिस की मिलीभगत के कारण सारी हत्याओं का आरोपी कोली को बना दिया गया। जबकि हत्याएं पंढेर करता था और हर बार नया चाकू प्रयोग करता था। निठारी में 10 साल की बच्ची को खोने वाले एक पीड़ित पिता का आरोप है कि पंढेर सिस्टम के लचीलेपन का लाभ उठाकर बच रहा है।
जबकि असली कातिल वही है और मानव अंगों की तस्करी कराता था। जब उनके पास कपड़े धुलने के लिए आते थे तो कुछ पर खून के धब्बे लगे होते थे। इस बारे में कोली से पूछने पर वह बताता था कि साहब पंढेर मुर्गे को स्वयं हलाल करके बनवाते हैं। उसी का खून है। उनको नहीं पता था कि बेटी के खून से सने कपड़े भी स्वयं धोए हैं।
उसने बताया कि एक-दो नहीं, बल्कि कई बार ऐसा हुआ है जब डी-5 कोठी से खून से सने कपडे़ आते थे, लेकिन हर बार कोली का यही जवाब होता था। पीड़ित पिता ने बताया कि जिस दिन बेटी गायब हुई थी, वह कपड़ों पर प्रेस कर रहे थे और बच्ची भी आसपास ही खेल रही थी, लेकिन जब उसका कई दिन तक कोई सुराग नहीं लगा तो पुलिस के पास गए थे।
पुलिस ने उनकी फरियाद को हल्के में लिया। कोली को हर मामले में फांसी की सजा हो रही है, लेकिन पंढेर हर बार बच रहा है। उनकी बेटी 2004 में गायब हुई थी। 19 माह तक बेटी की तलाश की और 12 साल में नोएडा आकर जो कमाया था वह सब तलाश में चला गया।