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UP: हाथरस मामले में भीम आर्मी पर जांच एजेंसियों ने लगाया दंगा भड़काने के प्रयास का आरोप
जनज्वार। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ हुए गैंगरेप मामले में पुलिस और एसआईटी ने कुछ अहम जानकारी मिलने की बात कही है। जांच एजेंसियों का कहना है कि हाथरस केस में विदेशी फंडिंग हुई है। पुलिस और एसआईटी का कहना है कि उसे फंडिंग मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और भीम आर्मी के लिंक मिले हैं। अब पुलिस और एसआईटी ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है।
पुलिस का कहना है कि सफदरजंग अस्पताल से लेकर पीड़िता के गांव तक भीम आर्मी के कार्यकर्ता मौजूद थे। ये कार्यकर्ता अपने को भीम आर्मी का न बताकर आम आदमी पार्टी का बता रहे थे। ऐसी सूचना है कि अब ईडी इस मामले में भीम आर्मी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से पूछताछ कर सकती है।
हाथरस कांड में यूपी पुलिस ने अब तक 4 लोगों को हिरासत में लिया है, जिन्हें पीएफआई का सदस्य बताए जा रहा हैं। गिरफ्तार सदस्यों में एक शख्स केरल का पत्रकार भी है, जिसकी गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जवाब तलबी विचाराधीन है। एक अन्य जो बहराइच के जरवल का रहने वाला बताया जा रहा है, इस व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद यूपी पुलिस और अधिक सक्रिय हो गई है।
बहराइच पुलिस का कहना है कि ये इलाका इंडो-नेपाल सीमा से सटा हुआ है और पिछले कुछ समय में पीएफआई से जुड़े कुछ अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। ऐसे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यूपी और देश के भीतर जातीय और सांप्रदायिक दंगे फैलाने के लिए भारत नेपाल सीमा पर पीएफआई की गतिविधियां क्या चल रही हैं?
इस मामले की जांच कर रहीं एजेंसियों ने दावा किया है कि एक वेबसाइट के जरिए विरोध प्रदर्शन की जानकारी दी जा रही थी। इतना ही नहीं, इस वेबसाइट के तार एमनेस्टी इंटरनेशनल से जुड़े होने के संकेत भी मिले हैं। सुरक्षा एजेंसियों को इस्लामिक देशों से फंडिंग की भी जानकारी मिली है। वेबसाइट में फर्ज़ी आईडी से सैकड़ों लोगों को जोड़ा गया और मदद के बहाने फंडिंग जुटाई गई। इतना ही नहीं कुछ नामचीन लोगों के सोशल मीडिया एकाउंट का भी इस्तेमाल किया गया है।